UP Chunav: कांग्रेस को मजबूत साथी की तलाश, छोटे दलों पर डाल रही डोरे, एक बड़ी पार्टी से गठबंधन की संभावना

UP Chunav: कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में कांग्रेस दिल्ली में एक बड़े दल के साथ गठबंधन की कवायद में लगा हुआ है। इस दल से उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन अभी नतीजा निकलना बाकी है।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By Shreya
Published on: 24 Nov 2021 6:48 AM GMT
UP Chunav: कांग्रेस को मजबूत साथी की तलाश, छोटे दलों पर डाल रही डोरे, एक बड़ी पार्टी से गठबंधन की संभावना
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प्रियंका गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Chunaav: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunaav) से पहले कांग्रेस (Congress) अपनी स्थिति उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पूरी तरह से मजबूत कर चुनावी समर में उतरना चाहती है। यही वजह है कि अभी तक कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों (Congress Candidate) के नाम फाइनल नहीं किया है, जबकि पिछले दिनों प्रियंका की बैठक (Priyanka Gandhi Ki Baithak) के बाद कहा गया था कि नवंबर के आखिरी तक प्रत्याशियों की पहली लिस्ट (Congress Candidate List 2022) जारी हो जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दिल्ली में एक बड़े दल के साथ गठबंधन (Congress Ka Gathbandhan) की कवायद में लगा हुआ है। इस दल से उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन अभी नतीजा निकलना बाकी है। कांग्रेस के मुताबिक, इस पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है।

कांग्रेस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कौन है वो बड़ा दल?

कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। 2017 में जहां वह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से गठबंधन कर महज 7 सीटें हासिल कर पाई थी। जिसमें दो विधायक उसके बागी होकर बीजेपी की तरफ चले गए हैं। वहीं विधान परिषद में भी 2 सदस्य वाली कांग्रेस का एक नेता (Congress Neta) भाजपा (BJP) के पाले में बैठ गया है।

अब 2022 का जब चुनाव (UP Election 2022) है तो उनकी राह अभी काफी कठिन नजर आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान (Congress High Command) और उनके रणनीतिकार यूपी की एक बड़ी पार्टी से तालमेल बिठाने में लगे हैं। पिछले दिनों प्रियंका गांधी की कांग्रेस नेताओं द्वारा एक वायरल की गई तस्वीर इसका एक उदाहरण है। उसके बाद इस गठबंधन की संभावना को और बल मिला है।

कांग्रेस के नेताओं को ये मालूम है कि उनका संगठन जिला और ब्लॉक स्तर पर भले ही पहले की अपेक्षा मजबूत हुआ है, लेकिन बूथ स्तर पर वह अभी भी कमजोर हैं। जिसे मजबूत करने के लिए कांग्रेस गठबंधन की राह चलना ज्यादा मुफीद मान रही है। क्योंकि 2014, 2017 और 2019 में उसे यूपी में बुरी तरह से पराजय का सामना करना पड़ रहा है। अब अपनी साख बचाने के लिए वह 2022 में पूरी जोर-शोर से लगी हुई है। साथ ही प्रियंका गांधी की प्रतिष्ठा का भी सवाल है।

आजाद और प्रियंका की मुलाकात (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

छोटे दलों से भी बिठा रहे तालमेल

कांग्रेस जहां एक बड़े दल को साधने की कोशिश कर रही है। वहीं यूपी की कई छोटी पार्टियों को भी अपने साथ लाने की कोशिशों में लगी हुई है। दरअसल यह क्षेत्रीय पार्टियां अपने-अपने जिलों के साथ आसपास के जिलों में भी प्रभाव रखती हैं और इनके वोट बैंक (Vote Bank) भी हैं। जब यह कांग्रेस के साथ मिल जाएंगे तो उनका वोट बढ़ने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी जहां अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल (Krishna Patel) से बातचीत कर रही है।

वहीं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर (Chandra Shekhar) की पार्टी आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) से भी उनकी वार्ता की खबरें हैं। आजाद और प्रियंका की मुलाकात उस समय हुई थी जब वह अस्पताल में भर्ती हुए थे। प्रियंका ने अस्पताल जाकर उनका हाल लिया था। इसके साथ ही बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी और कश्यप निषाद जाति के एक राजनीतिक संगठन के नेताओं से भी कांग्रेस संपर्क में है। इसके अलावा कुछ जिलों में असर रखने वाले छोटे दल को भी वह साध रही है। जिससे छोटी-छोटी पार्टियों को मिलाकर जिलों में अपना असर दिखा सके।

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Shreya

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