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UP Election 2022: हस्तिनापुर में जो जीता, उसी पार्टी की बनी सरकार

UP Election 2022: मेरठ के पास स्थित हस्तिनापुर में मुस्लिमों की बड़ी तादाद, करीब 75,000 है। ये सीट आरक्षित इसलिए है क्योंकि यहां दलितों की तादाद भी बहुत है - करीब 70,000।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 23 Jan 2022 10:15 AM IST
UP Election 2022
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UP Election 2022: हस्तिनापुर का जिक्र होते ही मनमस्तिष्क में महाभारत का ख्याल आने लगता है। मॉडर्न हस्तिनापुर में तो खैर ऐसा कुछ है नहीं और चुनाव का मौसम छोड़ दें तो हस्तिनापुर का जिक्र शायद ही कभी आता है। अब विधानसभा चुनाव के समय हस्तिनापुर चर्चा में है, वो भी कांग्रेस की एक 'मॉडल' प्रत्याशी के चलते।

पहले थोड़ा हस्तिनापुर के बारे में जानते हैं, ये सीट 1967 से एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र रही है, और इसके निवासियों ने इत्तेफाकन हमेशा उसी को चुना है जिसकी पार्टी ने सरकार बनाई। यानी हस्तिनापुर विधान सीट पर जिस पार्टी का विधायक बनता है, उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनती है।

हस्तिनापुर में मुस्लिमों की बड़ी तादाद

शुरूआत के दो दशक इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन पिछले 15 साल में यहां से बसपा, सपा और भाजपा के विधायक चुनाव जीते। जिसका विधायक जीता उसी की प्रदेश में सरकार रही।

मेरठ के पास स्थित हस्तिनापुर में मुस्लिमों की बड़ी तादाद, करीब 75,000 है। ये सीट आरक्षित इसलिए है क्योंकि यहां दलितों की तादाद भी बहुत है - करीब 70,000। हस्तिनापुर में बंगाली हिंदुओं (करीब 10,000) की भी मजबूत मौजूदगी है। जिनमें से कई 1970 के दशक में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से यहां आए थे।

बहरहाल, इस बार हस्तिनापुर सीट चर्चा में है कांग्रेस की प्रत्याशी के चलते। प्रियंका गांधी वाड्रा ने हस्तिनापुर से 26 वर्षीय अर्चना गौतम को उतारा है। अर्चना मिस बिकिनी इंडिया का खिताब जीत चुकी हैं और कुछ तमिल और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। चुनावी मैदान में गौतम के सामने बड़ी चुनौती है।

यहां मैदान में मौजूदा भाजपा विधायक दिनेश खटीक हैं, जिन्हें तीन महीने पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था, सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व विधायक योगेश वर्मा और बसपा के संजीव जाटव हैं।

सपा नेता योगेश वर्मा को अपने नामांकन को लेकर सहयोगी रालोद के कुछ कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वर्मा ने पिछला चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था और वह भाजपा के खटीक से हार गए थे। योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर हैं।

पिछले 5 चुनावों में हस्तिनापुर

2017 : भाजपा में के दिनेश खटीक

2012 : सपा के प्रभुदयाल वाल्मीकि

2007 : बसपा से योगेश वर्मा

2002 :सपा से प्रभुदयाल वाल्मीकि

1996 : निर्दलीय अतुल कुमार खटीक



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Vidushi Mishra

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