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UP Election 2022: यूपी के रण में 'दीदी', 'भाभी', 'बुआ' की टक्कर, प्रियंका से मुकाबले के लिए डिंपल, स्मृति तैयार
UP Election 2022: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपनी सधी रणनीति से यूपी में विपक्षी खेमे की चिंता बढ़ा दी है। जिसके बाद मुख्य रूप से बीजेपी और सपा प्रियंका से मुकाबले के लिए अपनी महिला नेताओं को तैयार कर रहे हैं।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunaav) से पहले राजनीतिक दलों में शह मात का खेल जारी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) अपनी सधी रणनीति से विपक्षी खेमे की चिंता बढ़ा दी है। मुख्य रूप से बीजेपी (BJP) और सपा (SP) प्रियंका से मुकाबले के लिए अपनी महिला नेताओं को तैयार कर रहे हैं।
बीजेपी ने जहां स्मृति ईरानी (Smriti Irani) से लेकर अन्य महिला मंत्री और पदाधिकारियों को मैदान में उतार दिया है तो वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) 'दीदी' से मुकाबले के लिए 'भाभी' को आगे लाने जा रही है। समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इस पर रणनीति तैयार हो गई है और दीपावली बाद डिंपल यादव (Dimple Yadav) को आधी पार्टी की बागडोर सौंप दी जाएगी।
डिंपल यादव संभालेंगी यूपी की जिम्मेदारी
दरअसल, समाजवादी पार्टी अब यूपी के साथ केंद्र की राजनीति में भी अपनी भागीदारी बढ़ाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि अखिलेश यादव दिल्ली की राजनीति करेंगे और यूपी की कमान पूरी तरह से डिंपल के कंधों पर होगी। अखिलेश को यह सुझाव बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दिया है। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कम हुआ है।
वह यादव नेता (Yadav Neta) के तौर पर जिस तरह से उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने अपनी पहचान और रसूख बढ़ाया। उसी हिसाब से अखिलेश को भी आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि अखिलेश के चाचा रामगोपाल यादव राज्यसभा सांसद हैं, वह केंद्रीय राजनीति में सक्रिय रहते हैं । लेकिन उनकी हो पहचान नहीं बन पाई जैसा मुलायम सिंह यादव की किया। ममता बनर्जी चाहती है कि 2024 के पहले अखिलेश वह पहचान को हासिल करें और केंद्र में एक सक्रिय भूमिका निभाएं।
डिंपल को आगे कर यादव, ठाकुर को साधने की कोशिश
समाजवादी पार्टी प्रियंका गांधी के महिलाओं के 40 प्रतिशत आरक्षण, छात्राओं को स्कूटी और स्मार्टफोन देने के वादे का काट तैयार कर रही है। वह महिला से मुकाबले की लिए महिला को आगे करने का प्लान बना लिया है। सपा के साथ जहां यादव मतदाता का जुड़ाव पहले से ही वहीं डिंपल के आने से उन्हें उम्मीद है कि ठाकुरों को भी अपने पाले में लाया जा सकता है। क्योंकि डिंपल यादव मायके पक्ष से ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं। सपा इसी रणनीति के तहत मिशन 2022 को फतह करने की कोशिश कर रही है।
यूपी बीजेपी में कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं
सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी के लिए दिखाई दे रही है क्योंकि यूपी की राजनीति में उनके पास तो वैसे कई बड़ी महिला नेता हैं। लेकिन इसमें शायद ही ऐसी कोई नेत्री हो जो मतदाताओं को रिझाने में कामयाब हो सके। इसके लिए अब बीजेपी केंद्र की तरफ देख रही है। बीजेपी अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ कई अन्य महिला नेताओं को यूपी में चुनाव में प्रचार के लिए आगे किया है। जो प्रियंका के साथ ही डिंपल के हमलों का जवाब दे सकें और मतदाताओं को अपने पाले में ला सकें।
बीएसपी से मायावती संभालेंगी अकेले मोर्चा
बात बहुजन समाज पार्टी की करें तो अखिलेश यादव और डिंपल की तथातथित बुआजी भी इस बार के चुनाव में काफी सक्रिय दिखाई दे रही हैं। मायावती के साथ पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी भी मिशन 2022 में बीएसपी के लिए महिला मतदाताओं को साधने की कोशिशों में लगी हुई हैं।
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