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UP Election 2022: गैंगस्टर विकास दूबे एनकाउंटर ने बीजेपी के कोर वोट ग्रुप को किया नाराज, नाराजगी में बसपा तलाश रही संभावना
UP Election 2022: कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर ने यूपी की राजनीति में जबरदस्त बवंडर मचाया था। ब्राह्मणों के एक वर्ग ने इसे ब्राह्मण समाज पर सरकार के उत्पीड़न के तौर पर प्रस्तुत किया। बीएसपी इसे भूनाने में जुट गई है।
UP Election 2022: दो साल पहले कानपुर के बिकरू गांव के रहने वाले कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर ने यूपी की राजनीति में जबरदस्त बवंडर मचाया था। आठ पुलिस वालों को मारकर फरार चल रहे विकास दूबे ने यूपी पुलिस से बचने के लिए पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के उज्जैन में सरेंडर कर दिया था। हालांकि एमपी से यूपी ले जाने के क्रम में वो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उस दौरान एनकाउंटर के तरीके पर खूब सवाल उठे। ब्राह्मणों के एक वर्ग ने इसे ब्राह्मण समाज पर सरकार के उत्पीड़न के तौर पर प्रस्तुत किया। जिसे हाथों हाथ लेते हुए सपा,बसपा औऱ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने खूब हवा भी दी। विपक्ष इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में सफल रही, बीजेपी का कोर वोट माने जाने वाला ब्राह्मणों में योगी सरकार के खिलाफ रोष बढ़ने लगा।
ब्राह्मणों की नाराजगी भूनाने में जुटा विपक्ष
दरअसल 20 फीसदी सवर्ण वोट वाले उत्तर प्रदेश में 12 फीसदी के आस पास ब्राह्मण हैं। जो चुनाव में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। ब्राह्मणों में योगी सरकार के खिलाफ उपजी नाराजगी को भांपते हुए बसपा ने इसे भूनाने की कोशिश भी शुरू कर दी। बीएसपी में नंबर दो औऱ मायावती के बेहद करीब माने जाने वाले सतीश चन्द्र मिश्रा प्रदेश भर में ब्राह्मण समाज को लामबंद करने के लिए प्रबुध्द सम्मेलन करने लगे। मिश्रा इन सम्मेलनों में गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर का प्रमुखता से उल्लेख कर योगी सरकार में ब्राह्मणों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हैं।
बसपा इस नाराजगी के बहाने 2007 का ब्राह्मण – दलित समीकरण को पुर्नजीवित करना चाहती है। वहीं सपा भी ब्राह्मणों के अराध्य भगवान परशुराम की मुर्तियां लगाकर लुभाने की कोशिश में जुटी हुई है।
डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी
वहीं इस मोर्चे पर विपक्ष की अति सक्रियता से बैकफूट पर आई बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पार्टी अन्य दलों के बड़े ब्राह्मण नेताओं को पार्टी में शामिल करा उन्हें पदों पर भी बैठा रही है। योगी सरकार में मंत्री बने पूर्व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद इसके बड़े उदाहरण हैं। वहीं माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का ढोल पीटने वाले भाजपा नेता कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे का जिक्र करने से बचते हैं।
बीजेपी ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। यही वजह है कि विपक्ष के अथाह दवाब औऱ विवादित होने के बाद भी पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को अपने मंत्रिमंडल में बनाए रखा है। दरअसल अगर संवर्ण वोटों में बिखराव होता है तो प्रदेश में बीजेपी की सत्ता की राह मुश्किल हो सकती है।