TRENDING TAGS :
UP Election 2022: बिजनौर विधानसभा सीट पर BJP का रहा है दबदबा, सपा-बसपा भी करती रहे अपने पाले में
UP Election 2022: यूपी का बिजनौर जिला गंगा के किनारे बसा है। बिजनौर विधानसभा सीट बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आता है। बिजनौर जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Chunav) के बिजनौर (Bijnor Vidhansabha Seat) जिले का ऐतिहासिक महत्व है। इसे को 'महात्मा विदुर' (Mahatma Vidur) की धरती भी कहा जाता है। यूपी का यह जिला गंगा के किनारे बसा है। बिजनौर विधानसभा सीट (Bijnor Assembly Seat) बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आता है। बिजनौर जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं।
राम मंदिर आंदोलन के बाद से जब यहां वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो बीजेपी को इसका फायदा सीटों के रूप में जरूर मिला। लेकिन, बीच-बीच में समाजवादी पार्टी ने भी इन सीटों पर कब्ज़ा जमाया। साल 2007 में जब प्रदेश में मायावती की सरकार बनी थी तब जिले की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बसपा विधायकों ने जीत दर्ज की थी।
बिजनौर जिला (BIJNOR District) : एक नजर
बिजनौर की सीमा मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) और मेरठ (Meerut) जिले से सटी हैं। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) की सीमा इस जिले की सीमा से लगा हुआ है। जिले में सड़कों की स्थिति बेहतर है। इसलिए दिल्ली और मेरठ आने-जाने के लिए व्यापारी इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, रेलमार्ग की स्थिति सही नहीं है। स्थानीय लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए देहरादून या दिल्ली जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है।
बिजनौर जिला कृषि प्रधान है। यहां के अधिकतर लोग किसान हैं। जिले में मुख्यतः गन्ने की फसल उपजती है। यही किसानों के आय का मुख्य स्रोत भी है। इसलिए जब केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून बिल का विरोध शुरू हुआ तो बिजनौर में उसका व्यापक असर देखने को मिला। स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा के लिए संस्थान की मांग स्थानीय लोग आज भी जनप्रतिनिधियों से करते हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भी यह मांग जोर-शोर से रहेगी।
2007 में बसपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की
साल 2007 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिजनौर विधानसभा सीट पर कब्जा किया। बसपा प्रत्याशी शाहनवाज राणा ने बीजेपी उम्मीदवार भारतेंद्र सिंह को चुनाव हरा दिया। शाहनवाज राणा को 61,588 वोट मिले थे, जबकि भारतेंद्र सिंह को 61,031 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2012 के नतीजे
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बिजनौर विधानसभा सीट (Bijnor Assembly Seat) से बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र चुनाव जीते थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महबूब को हराया था।
बीजेपी प्रत्याशी कुंवर भारतेंद्र को कुल 68,969 वोट मिले थे, वहीं दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी महबूब को 51,133 मत हासिल हुए थे। तीसरे स्थान पर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रत्याशी शाहनवाज राणा रहे थे, जिन्हें 47,462 वोट तथा चौथे नंबर पर सपा उम्मीदवार रुचि वीरा को 25,173 वोट प्राप्त हुए थे।
2014 उपचुनाव में सपा ने बीजेपी से छीनी सीट
लेकिन, साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने बिजनौर विधानसभा सीट से अपने विधायक कुंवर भारतेंद्र को लोकसभा चुनाव में उतारा। कुंवर भारतेंद्र फिर से विजय हुए। वो सांसद बन गए। फिर, 2014 में इस सीट के लिए हुए उपचनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रुचि वीरा ने जीत दर्ज की।
2017 में फिर बीजेपी ने पलटी बाजी
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में एक बार फिर प्रदेश में बीजेपी की लहर चली और पार्टी ने बिजनौर विधानसभा सीट को फिर अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की। बीजेपी प्रत्याशी सूची चौधरी ने इस सीट को जीतकर बीजेपी को खोया सम्मान दिलाया। वही इस वक्त मौजूदा विधायक हैं। सूची चौधरी ने इस सीट से 2017 चुनाव में में सपा की रुचि वीरा को हराया था।
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार सूची को 1,55,048 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर रहीं सपा की रुचि वीरा को 78,268 वोट हासिल हुए। वहीं, तीसरे नंबर पर बसपा के राशिद अहमद थे, जिन्हें 49,788 वोट हासिल हुए। जबकि, चौथे नंबर पर रालोद के राहुल सिंह थे, जिन्हें 7,799 वोट मिले थे।
कभी सपा तो कभी बीजेपी के हाथ आई सीट
गौरतलब है, कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिले की कुल 8 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि, दो सीट पर समाजवादी विधायकों का कब्जा रहा। इसी बीच 2018 में नूरपुर विधानसभा सीट से विधायक लोकेन्द्र चौहान की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जिसके बाद यहां हुए उपचुनाव में यह सीट फिर समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई। इस समय जिले के तीन विधानसभा सीटों पर तीन सपा विधायकों का कब्ज़ा है।
भारतीय जनता पार्टी ने 2022 विधानसभा के लिए सूची चौधरी पर ही भरोसा जताया है। सूची चौधरी को ही बीजेपी अपना प्रत्याशी घोषित किया है।