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UP Election 2022: यूपी चुनाव में दिलजलों का मैदान बनी मथुरा की मांट सीट, देखें न्यूजट्रैक की चुनाव रिपोर्ट

UP Election 2022: मथुरा जिले की मांट सीट भी एक हॉट सीट मानी जाती है। इस बार मांट सीट कई दलों के दिलजलों का असर भी देखने वाला होगा।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 22 Jan 2022 5:56 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2022 5:57 AM GMT)
UP Election 2022: यूपी चुनाव में दिलजलों का मैदान बनी मथुरा की मांट सीट, देखें न्यूजट्रैक की चुनाव रिपोर्ट
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UP Election 2022: उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में मथुरा जिले की मांट सीट (Mant seat of Mathura) भी एक हॉट सीट मानी जाती है। इस बार मांट सीट कई दलों के दिलजलों का असर भी देखने वाला होगा। इस बार बसपा ने मांट से श्याम सुंदर शर्मा को मैदान में उतारा है। जबकि समाजवादी पार्टी ने संजय लाठर को प्रत्याशी बनाया है। पहले यहां सपा गठबंधन की साथी रालोद ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की थी लेकिन अब सपा ही यहां लड़ेगी। संजय लाठर, अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं।

रालोद के उम्मीदवार योगेश नौहवार (Yogesh Nowhwar) ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने मांट से जाट नेता योगेश पचहरा की पत्नी सुमन चौधरी को टिकट दिया गया है। योगेश पचहरा जिला पंचायत से पंचायत का चुनाव लड़ चुके हैं।

भाजपा ने राजेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा से एसके शर्मा टिकट की आस लगाए हुये थे और अपने आप को प्रत्याशी मान भी बैठे थे लेकिन पार्टी ने टिकट दे दिया राजेश चौधरी को। अब एसके शर्मा ने भाजपा छोड़ कर बसपा का दामन थाम लिया है।

सबकी निगाहें इस सीट पर

इस सीट पर 2017 के चुनाव में बेहद करीबी मुकाबला देखने को मिला था सो इस बार भी सबकी निगाहें इस सीट पर हैं। 2017 में मांट सीट पर त्रिकोंणीय मुकाबला था लेकिन असली लड़ाई बसपा के श्याम सुंदर शर्मा और रालोद के योगेश चौधरी के बीच रही। कई बार दल बदलने के बावजूद भी पहले की तरह ही जीते तो श्याम सुंदर ही लेकिन अंतर महज 432 वोटों का ही रहा।

कहा जाता है कि प्रदेश में लहर चाहे जिस भी पार्टी की हो, मगर विधायक सिर्फ श्याम सुंदर शर्मा ही बनते हैं। यही वजह है कि वह यहां से 1989 से लगातार आठ बार जीत चुके हैं। श्याम सुंदर शर्मा ने 1989 में पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट से जीता। उसके बाद वह 1991 और 1993 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट से लड़कर जीते।

1996 में उन्होंने नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) से चुनाव लड़ा और तब भी जीत गए। 2002 और 2007 में वह अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए। उनके विजय अभियान को 2012 में झटका लगा, जब वह आरएलडी के जयंत चौधरी से हार गए थे।

मगर मथुरा से अपनी सांसदी बचाए रखने के लिए जयंत को यह सीट छोड़नी पड़ी, बाद में उपचुनाव हुए तो श्याम सुंदर शर्मा ने टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर से चुन लिए गए। 2017 में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और आठवीं बार जीत दर्ज की। छोटे दलों से भी लगातार जीत दर्ज करना दिखाने के लिए काफी है कि कैसे मांट में सिर्फ उनके नाम का सिक्का चलता है।

मांट क्षेत्र

मांट विधानसभा क्षेत्र में जाट, ठाकुर, ब्राह्मण, गुर्जर, वैश्य बिरादरी के लोग अच्छी खासी तादाद में और निर्णायक भूमिका में हैं। करीब 4 लाख जनसंख्या वाले इस क्षेत्र में तीन लाख के करीब वोटर हैं। 2017 में मांट में कुल 31.27 प्रतिशत वोट पड़े थे। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं भाजपा की हेमा मालिनी। उन्होंने राष्‍ट्रीय लोक दलके कुंवर नरेंद्र सिंह को हराया था।

Vidushi Mishra

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