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UP Election 2022: ब्राम्हण दलित गठजोड़ के लिए बसपा ने शुरू किया सम्मेलनों का आयोजन, छह दिनों में होंगे 20 सम्मेलन

UP Election 2022: यूपी की सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए मायावती हर संभव प्रयास में जुट गई हैं। इसके लिए अब बीएसपी ब्राम्हण दलित गठजोड़ करने की तैयारी में है।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 8 Dec 2021 2:28 PM IST
UP Election 2022: ब्राम्हण दलित गठजोड़ के लिए बसपा ने शुरू किया सम्मेलनों का आयोजन, छह दिनों में होंगे 20 सम्मेलन
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मायावती (फोटोःन्यूजट्रैक)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्ता में आने को बेकरार बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party- BSP) चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश करने में लग गयी है। प्रदेश की राजनीति (UP Ki Rajniti) में सबसे ब्राम्हणों को लुभाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों (Prabuddh Varg Sammelan) का आयोजन करने के बाद अब वह ब्राम्हण दलित गठजोड़ करने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी अनुसूचित जाति के वोटरों को जोड़कर एक नई केमेस्ट्री तैयार करने जा रही है। इसके लिए नौ दिसम्बर से सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र (Satish Chandra Mishra) को यह जिम्मेदारी दी गयी है।

सतीश मिश्र (Satish Mishra) पहले भी सामान्य सीटों पर सम्मेलन कर चुके हैं और पार्टी को लग रहा है कि ब्राह्मण सम्मेलनों (Brahman Sammelan) के सार्थक परिणाम आ सकते हैं। मिश्र छह दिनों में बीस विधानसभा सीटों (UP Vidhan Sabha Seat) पर सम्मेलन करेंगे। पहला कार्यक्रम आज रामपुर की मनिहारन सीट पर होने को है। नौ दिसंबर को को हाथरस (Hathras) में सम्मेलन है जिसके साथ खैर, इगलास व जालेसर को जोड़ा है। दस को नहटौर के साथ नगीना व धनौरा, 11 को हापुड़ के साथ हस्तिानपुर एवं खुर्जा, 12 को आगरा देहात के साथ आगरा कैंट, टूंडला, किशनी, बलदेव तथा 13 दिसंबर को फरीदपुर के साथ पूरनपुर व पुवांया क्षेत्र का सम्मेलन होगा।

बसपा के कई नेता छोड़ चुके हैं साथ

उल्लेखनीय है कि इधर बसपा (BSP) के कई नेता पार्टी से अलग होकर दूसरे दलों में जा चुके हैं। जिसके कारण पार्टी में ओबीसी चेहरों का अभाव हो गया है। पार्टी के दो बड़े नेता राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) और लालजी वर्मा (Lalji Verma) पहले सपा (Samajwadi Party- SP) में शामिल हो चुके हैं।

पिछली सरकारों में ये दोनों मंत्री रहे और पार्टी के कई अहम पदों की जिम्मेदारी भी सम्भाली। इनको पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मायावती (Mayawati) ने निकाल दिया। वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर (Sukhdev Rajbhar) का हाल ही में निधन (Sukhdev Rajbhar Ka Nidhan) हो गया। उनके पुत्र जल्द ही आधिकारिक तौर पर सपा (SP) ज्वाइन करेंगे। विधायक हाकिम लाल बिंद (Hakim Lal Bind) और सुषमा पटेल (Sushma Patel) भी सपा ज्वाइन कर चुकी हैं। इस कारण बसपा इस बड़े वोट बैंक (BSP Vote Bank) को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश करने में लग गयी है।

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Shreya

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