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UP Election 2022: मुख़्तार अंसारी को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जेल से नामांकन की मंजूरी, सुभसपा के टिकट पर लड़ेंगे चुनाव

UP Election 2022: बाँदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को जेल से नामांकन करने और चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी गई है।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh Rajpoot / Anwar RazaPublished By Shreya
Published on: 10 Feb 2022 9:56 PM IST (Updated on: 10 Feb 2022 10:29 PM IST)
UP Election 2022: मुख़्तार अंसारी को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जेल से नामांकन की मंजूरी, सुभसपा के टिकट पर लड़ेंगे चुनाव
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विधायक मुख्तार अंसारी की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

UP Election 2022: बाँदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को विशेष न्यायलय एमपी एमएलए दिनेश चौरसिया की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जेल से नामांकन (Nomination From Jail) करने और चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है। मुख्तार के वकील दारोगा सिंह ने मंगलवार को इस संबंध में मऊ न्यायालय (Mau Court) में याचिका दायर की थी जिस पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी।

आज गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) मुख्तार पक्ष और सरकार के पक्ष को सुनने के बाद बांदा जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि वह जेल मैनुअल और चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा जारी निर्देशों के तहत मुख्तार अंसारी के नामांकन की सारी प्रक्रिया पूरा कराने में सहयोग करें। मुख्तार के वकील दरोगा सिंह ने इस संबंध में कोर्ट के समक्ष कहा था कि वह उनके साथ दो और वकील प्रस्तावक, फोटोग्राफर समेत 22 लोगों को जेल में जाने की अनुमति प्रदान की जाय, उन्हें 2 सेट में नामांकन तैयार करना है।

मऊ से चुनाव लड़ेंगे मुख्तार अंसारी

आपको बता दें मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा (Mau Vidhan Sabha Seat) से लगातार जीतते आ रहे हैं। जेल में बंद होने की वजह से इस बार उनके चुनाव लड़ने पर संकट मंडरा रहा था लेकिन उनके वकील की दलील को सुनने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दे दी है। अब वह मऊ से एक बार फिर अपना नामांकन कर जेल से ही चुनाव लड़ेंगे और उनका जितना भी लगभग तय माना जा रहा है। मुख्तार अंसारी का मऊ सीट पर कई सालों से दबदबा रहा है वह यहां से लगातार विधायक चुनकर आते रहे हैं अब वह फिर से अपनी दावेदारी इस सीट पर पेश कर जनता के बीच जाएंगे।

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सुभासपा ने बनाया है उम्मीदवार

सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने चुनाव से समय पहले ही मुख्तार अंसारी को अपनी पार्टी से लड़ने का ऑफर दिया था। वह इस संबंध में बांदा जेल जाकर मुख्तार अंसारी से मुलाकात भी किये थे। अब कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद मुख्तार सुभासपा के टिकट पर इस बार अपनी किस्मत आजमाएंगे।

इससे पहले 2017 के चुनाव में मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीते थे लेकिन 2022 के चुनाव से कुछ समय पहले ही मायावती ने मुख्तार अंसारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिसके बाद अब वह राजभर की पार्टी से अपनी दावेदारी पेश करेंगे। इसका फायदा भी उन्हें होगा क्योकि सपा से कोई उम्मीदवार उनके खिलाफ नहीं उतरेगा। मुख़्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से अभी भी बसपा के सांसद हैं।

बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या मामले में काट रहे सजा

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या (BJP MLA Krishnanand Rai Murder Case) के मामले में कई सालों से सलाखों के पीछे हैं। इसके साथ ही उन पर कई और भी आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस सबके बीच मुख्तार को कोर्ट से चुनाव लड़ने की इजाजत मिलने के बाद मुख़्तार के साथ ही उनके परिवारवालों और उनके कार्यकर्ताओं के लिए कहीं न कहीं खुशी की बात है।

बांदा से मिली खबर के मुताबिक नामांकन की औपचारिकताओं को पूरी करने के लिए मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों को बांदा जेल में जाने की अनुमति मिल गई है।

गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दिनेश कुमार चौरसिया ने यह आदेश मुख्तार अंसारी की ओर से दी गई अर्जी पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन को सुनने के बाद पारित किया. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मऊ की सदर विधानसभा से मुख्तार अंसारी विधायक हैं और विधानसभा 2022 में इसी विधानसभा सीट से नामांकन करना चाहते हैं। मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से याचिका में कहा गया था कि नामांकन पत्र और उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर उम्मीदवार की चल-अचल संपत्ति, मुकदमों से संबंधित ब्योरा दर्ज किया जाता है। नामांकन पत्र पर कैंडिडेट का हस्ताक्षर होता है. ऐसे में नामांकन की औपचारिकता पूरी कराने के लिए अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावकों, फोटोग्राफर को बांदा जेल जाने की अनुमति दी जाए. बता दें कि नामांकन की प्रक्रिया 10 से 17 फरवरी तक चलेगी।

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