UP Election 2022: यूपी में हो रहा महिला विधायकों में इजाफा, इस बार 40 का आंकड़ा पार होने के आसार

UP Election 2022: इस चुनाव में कांग्रेस ने महिलाओं को 40 फीसद टिकट देकर बड़़ा दांव लगाया है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर भाजपा है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Monika
Published on: 17 Feb 2022 6:44 AM GMT
UP Election 2022
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यूपी इलेक्शन (newstrack)

UP Election 2022: पूरे पांच साल तक महिलाओं के अधिकारों का दावा करने वाले राजनीतिक दल टिकट देते समय हमेशा कंजूसी करते आए हैं पर अब धीरे -धीरे इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है। यूपी विधानसभा (UP Election 2022) में महिलाओं (women candidate) की संख्या बढ रही है। पिछली बार भाजपा (BJP) को मिले प्रचंड बहुमत के साथ ही रिकॉर्ड संख्या में महिला विधायक भी चुनी गई हैं। 2012 के पिछले चुनावों में जहां 36 महिला विधायक जीतीं थीं। वहीं 2017 के चुनाव में 40 महिलाएं विधानसभा में पहुंची। वर्ना इसके पहले 1985 की विधानसभा ही ऐसी थी जिसमें इतनी ज्यादा यानी कि 31 महिलाओं ने विधानसभा में प्रवेश किया था।

इस चुनाव में कांग्रेस (congress) ने महिलाओं को 40 फीसद टिकट देकर बड़़ा दांव लगाया है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर भाजपा है। भाजपा ने भी कांग्रेस को टक्कर देने के लिए काफी संख्या में महिलाओं को टिकट देने का काम किया है। सपा और बसपा महिलाओं को टिकट देने में हमेशा पीछे रही है। कुछ भी हो पर महिलाओं को समुचित भागीदारी के नाम पर प्रमुख दलों के बीच छिड़़ी यह जंग यदि रंग लायी तो 18वीं विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या में बढोत्तरी होती दिखेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 445 महिलाएं मैदान में थीं, जिनमे से 40 ने जीत दर्ज की।

इसमें सर्वाधिक 35 महिलाएं भाजपा (BJP) से जबकि बसपा और कांग्रेस की दो-दो तथा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अपना दल (apna dal) (सोनेलाल) से एक-एक महिला विधायक बनी। 2017 के चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक 46 महिलाओं को टिकट दिए थे। इनमें से ३५ महिलाएं विधायक चुनी गई थीं। सपा ने 34 महिलाओं को टिकट दिए थे जिनमें से मात्र एक को जीत मिली थी। कांग्रेस ने 12 को प्रत्याशी उतारे पर जीत इनमें से मात्र दो को मिली। इसी प्रकार बसपा ने 21 महिलाओं को टिकट दिए थे और जीत केवल दो महिलाओं को जीत मिली थी। जबकि अपना दल सोनेलाल की एक महिला प्रत्याशी ने जीत का परचम फहराया था। इसके पहले 2012 में 19 महिलाएं सपा के टिकट पर जीती थीं। जबकि भाजपा से 6, कांग्रेस और बसपा से 1-1 महिला विधायक चुनी गईं थीं।

2017 में चारों प्रमुख दलों ने सौ से अधिक महिलाओं को टिकट दिया

पिछले विधानसभा चुनाव में वर्ष 2017 में चारों प्रमुख दलों ने सौ से अधिक महिलाओं को ही टिकट दिया था। ऐसे में 40 महिलाएं विधानसभा की दहलीज पार कर पायीं। यह स्थिति तब थी जब इस चुनाव में पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं का मतदान प्रतिशत भी करीब पांच फीसद अधिक था। पुरूषों का वोटिंग प्रतिशत जहां 59,15 था वहीं 63 .31 फीसद महिलाओं ने मतदान किया था। 2012 के विधानसभा चुनाव पर यदि गौर किया जाए तो सभी दलों को मिलाकर चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की कुल संख्या 583 थी। इसमें सबसे अधिक भाजपा की तरफ से महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था। कुल 40 महिलाओं में से केवल छह महिला प्रत्याशी ही विधायक बन सकी। जबकि समाजवादी पार्टी ने 34 महिलाओं को टिकट दिया जिसमें 18 महिलाएं विधायक बनी।

इतनी महिलाओं को ही मिल सकी थी जीत

वहीं बसपा ने 33 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा तो सिर्फ तीन महिला प्रत्याशी ही चुनाव जीत सकी। इसके साथ ही कांग्रेस ने 28 महिलाओं को इस चुनाव में टिकट दिया केवल 4 महिलाओं विधानसभा की चौखट तक पहुंच सकी। 2007 के चुनाव में 370 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। इसके पहले 2007 के विधानसभा चुनाव में 23 महिलाएं चुनाव जीती। जबकि 2002 के चुनाव में 26 महिलाएं 1996 के चुनाव में 20, 1993 के चुनाव में 14, 1991 के चुनाव में 10, 1989 के चुनाव में 18 महिला 1985 के चुनाव में 31 1980 के चुनाव में 23 1977 के चुनाव में 11, 1974 के चुनाव में 21, 1969 के चुनाव में 18, 1967 के चुनाव में 06, 1962 के चुनाव में 20 तथा 1957 के चुनाव में 18 महिला विधायक बनी।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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