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UP Election 2022: मोदी समर्थक और अखिलेश समर्थक दो दामादों के बीच मुकाबला

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बहुत से सीटों पर ऐसे मुकाबले देखने को मिल रहे हैं जहां दो करीबी रिश्ते ही एक दूसरे के विरोध में चुनावी मैदान में उतरे हैं।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Shreedhar Agnihotri
Published on: 8 Feb 2022 7:03 PM IST (Updated on: 8 Feb 2022 8:28 PM IST)
UP Election 2022: मोदी समर्थक और अखिलेश समर्थक दो दामादों के बीच मुकाबला
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आशीष पटेल-पंकज निरंजन (फाइल तस्वीर)

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में तरह तरह के मुकाबलों के बीच एक मुकाबला दो दामादों के बीच भी चल रहा है। एक दामाद मोदी समर्थक है तो दूसरा अखिलेश समर्थक। ससुर स्व. डॉ. सोनेलाल पटेल की वसीयत से शुरू हुआ टकराव अब चुनाव के मैदान तक पहुंच चुका है।

जहां एक तरफ अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) के पति एवं एमएलसी आशीष पटेल पार्टी प्रत्याशियों के चयन से लेकर अन्य सांगठनिक कामों में दिन रात मेहनत कर रहे हैं। वहीं स्व डॉ. सोनेलाल पटेल (Sonelal Patel) की पत्नी कृष्णा पटेल की दूसरी बेटी पल्लवी पटेल के पति पंकज निरंजन (Pankaj Niranjan) इन दिनों चुनावी प्रक्रिया में अपना दल (कमेरावादी) को अधिक से अधिक सीटें जिताने की कोशिश में दिन रात जुटे हुए हैं।

डिप्टी सीएम के खिलाफ पल्लवी पटेल चुनावी मैदान में

पल्लवी पटेल सिराथू से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के खिलाफ अपना दल (कमेरावादी) की तरफ से प्रत्याशी हैं और उन्हें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का समर्थन मिला हुआ है। वहीं एनडीए का घटक दल अपना दल (एस) इस विधानसभा चुनाव में लगभग 15 प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।

इस पूरे चुनाव को अनुप्रिया पटेल के साथ उनके पति आशीष पटेल भी उनका पूरा साथ दे रहे हैं। अपना दल (कमेरावादी) इस विधानसभा चुनाव में सात सीटे मिलने का दावा कर रहा है। पार्टी का कहना है कि उनका दल पिंडरा और रोहनिया मडियाहूं मडिहान धोरावल प्रतापगढ़ सदर और प्रयागराज जिले की पश्चिमी सीट पर अपने प्रत्याशी लडाएगी।

एक ही परिवार के दो हिस्से

इसके पहले लोकसभा चुनाव में भी स्व डॉ. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल कांग्रेस (Congress) से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर चुकी है। वहीं दूसरे हिस्से के अपना दल (एस), जिसकी अध्यक्ष स्व. सोनेलाल पटेल की दूसरी पुत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर सीट से चुनाव जीतकर केन्द्र में राज्यमंत्री हैं। यह दोनों गुट एक ही परिवार के दो हिस्से हैं। 2014 के चुनाव में यह दोनों दल अविभाजित थे।

इसके पहले भी लोकसभा चुनाव 2019 में जहां एक तरफ मां कृष्णा पटेल गोंडा से कांग्रेस-अपना दल (एस) के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थीं तो बेटी अनुप्रिया पटेल मिर्ज़ापुर से भाजपा- अपना (एस) के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थीं।

इस जंग की खास बात यह है कि अनुप्रिया के पति आशीष सिंह, जो अपना दल (एस) कोटे से एमएलसी बनकर अब पार्टी के मुखिया हैं, वहीं कृष्णा पटेल के दूसरे दामाद पंकज निरंजन कांग्रेस के टिकट पर फूलपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, पहले वह इस दल के राष्ट्रीय महासचिव थें पर लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और टिकट पाकर फूलपुर से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान उतर चुके हैं। जबकि उनकी पत्नी पल्लवी पटेल अपना दल की महासचिव हैं और इस दफे वह विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। इस समय वह फिर से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव है। इस दिलचस्प जंग की खास बात यह है कि इन दोनों गुटों में खुद को स्व सोने लाल पटेल की विरासत का असली हकदार साबित करना है।

2014 के लोकसभा चुनाव में दोनों दल एक ही थे तब कृष्णा पटेल के हाथ में पूरी पार्टी की कमान थी। लोगों की सहानुभूति थी। जिसका लाभ 2009 में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में अपना दल को मिला था। कुर्मी समाज ने एकजुटता दिखाकर बेटी अनुप्रिया को रोहनिया (वाराणसी) सीट से विधायक बनाया और फिर 2014 में नरेंद्र मोदी के वाराणसी में प्रत्याशी बनने के बाद मजबूरी के चलते भाजपा ने अपना दल से गठबंधन किया। जिसका भरपूर लाभ अपनादल को मिला। अनुप्रिया ने मिर्जापुर से चुनाव जीता और केंद्र में मंत्री बनी।

लेकिन 2017 के विधान सभा चुनाव आते- आते में अपना दल दो हिस्सों में बंट गया। जहां एक तरफ मां कृष्णा पटेल (Krishna Patel) ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे वहीं अनुप्रिया पटेल ने भाजपा से गठबंधन कर 11 प्रत्याशी उतार दिए जिनमें 9 को विजय मिली। अनुप्रिया के अपना दल सोनेलाल को एक प्रतिशत वोट मिले और कृष्णा पटेल वाले अपना दल को 1,02 प्रतिशत मत मिले।

अब देखना है कि उत्तर प्रदेश में कुर्मी मतों के सहारे इस चुनाव में मां-बेटी और दो दामादों की जंग में कौन जीतकर स्व सोनेलाल पटेल की विरासत का असली हकदार साबित होता है?



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