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UP Election 2022 : प्रियंका की जनसभा से जुड़ा Video Viral, सामने आईं कुछ ऐसी तस्वीरें

UP Election 2022 सोनभद्र में चुनाव प्रचार करने पहुंची प्रियंका गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

Kaushlendra Pandey
Written By Kaushlendra PandeyPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 3 March 2022 11:06 PM IST
Priyanka Gandhi election campaign in Sonbhadra
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सोनभद्र में प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

UP Election 2022: सोनभद्र के ओबरा में बृहस्पतिवार को आयोजित प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के जनसभा कार्यक्रम से जुड़ा एक और वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया (Social Media) पर इस वायरल वीडियो (Viral Video) के जरिए जनसभा कार्यक्रम के लिए बुलाए गए आदिवासियों को एक वाहन से जानवरों की तरह भोजन का पैकेट बांटते हुए दिखाया जा रहा है।

वीडियो कार्यक्रम संपन्न होने के बाद, कार्यक्रम स्थल के करीब का बताया जा रहा है। जिस सोनभद्र में आदिवासियों को लुभाने के लिए तरह-तरह के वायदे किए जा रहे हों, आदिवासियों के नाम पर सभी प्रमुख दल एक दूसरे पर सियासी वार करने में लगे हों, वहां 16 मिनट की यह वीडियो वाकई हैरान करने वाली है। वहीं आदिवासी वोटरों को लेकर होने वाली सियासत पर भी कई तरह के सवाल उठा रही है।

आदिवासी हितों की बात

सोनभद्र की ओबरा और दुद्धी ऐसी विधानसभा सीट हैं जहां एक तिहाई आबादी आदिवासियों-वनवासियों की है और उन्हें यहां का मूल बाशिंदो होने का भी दर्जा हासिल है। दोनों सीटें आदिवासी जनजाति के लिए आरक्षित है और यहां चुनाव प्रचार के लिए सभी प्रमुख दलों ने आदिवासी नेताओं को लगाया है। हर सभा, रोड शो में आदिवासी हितों की बात हो रही है। 21वीं सदी के आधुनिक तौर में आदिवासियों के हालात भी बदले होने के दावे किए जा रहे हैं। खुद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय से आने वाले एक मंत्री सहित अन्य मंत्रियों को यहां के चुनावी प्रचार की कमान संभाल रखी है। बावजूद जहां प्रियंका के सभा में लगभग आधी कुर्सियां खाली नजर आईं।

फेंका गया भोजन पैकेट

वहीं कार्यक्रम के बाद, सभा में शामिल होने आए आदिवासियों के बीच वाहन के उपर से भोजन पैकेट फेंकने का नजारा लोगों के जेहन को झिंझोड़ने वाला रहा। वायरल किए जा रहे वीडियो के साथ ही दावा किया जा रहा है कि कार्यक्रम के बाद आदिवासियों का एक समूह भोजन के लिए शोर मचाना लगे। यह देख वहां एक वाहन से भोजन पैकेट मंगवाया गया लेकिन इसे उतरवाकर तथा सलीके से आदिवासियों में वितरित करने की बजाय, आदिवासियों के बीच, जानवरों के बीच भोजन फेंकने के अंदाज में पैकेट फेंके जाने लगे।

यह तस्वीर उस ओबरा की है, जहां के कारखाने से निकलने वाली बिजली की जगमगाहट प्रदेश के कई हिस्सों को रोशन तो करती ही है, इस कब्बे की आधुनिकतम जिंदगी को मिनी मुबई का भी नाम दिया जाने लगा है। वहां इस तरह का दृश्य, मर्माहत करने के साथ ही, आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार को लेकर किए जाने दावे और राजनैतिक पार्टियों की तरफ से आदिवासियों की बेहतरी के लिए किए जाने वाले वायदे, दोनों की पोल खोलने वाले हैं।



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Bishwajeet Kumar

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