UP Election 2022: पूर्वांचल में संभाली अमित शाह ने कमान, आतंकवाद और माफिया राज पर सपा को घेरने की तैयारी

UP Election 2022: प्रदेश के चुनावों में भाजपा (BJP) को बड़ी जीत दिलाने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वांचल में भाजपा (BJP In Purvanchal) की रणनीति बनाने की कमान संभाल ली है।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Ragini Sinha
Published on: 22 Feb 2022 5:47 AM GMT
UP Election 2022
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 अमित शाह ने पूर्वांचल में संभाली कमान (Social Media)

Up Election 2022 : प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में इस बार कड़े मुकाबले में फंसी भाजपा (BJP) ने पूर्वांचल की सीटों (Purvanchal Seat) पर विशेष रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश के चुनावों में भाजपा (BJP) को बड़ी जीत दिलाने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वांचल में भाजपा (BJP In Purvanchal) की रणनीति बनाने की कमान संभाल ली है। सोमवार को दिनभर चुनावी सभाएं करने के बाद गृह मंत्री शाह (Amit Shah) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र काशी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में विपक्ष को घेरने की रणनीति बनाई।

प्रधानमंत्री मोदी खुद काशी से पूर्वांचल को साधने में जुटेंगे

पार्टी की ओर से बनाई गई रणनीति के मुताबिक पूर्वांचल में भाजपा सपा को घेरने का जोरदार अभियान चलाएगी। पार्टी की ओर से आतंकवाद और माफिया राज जैसे मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया जाएगा और इसके जरिए सपा की घेराबंदी की जाएगी। फरवरी के अंतिम सप्ताह से प्रधानमंत्री मोदी खुद काशी से पूर्वांचल को साधने में जुटेंगे। इसके साथ ही पार्टी की ओर से पूर्वांचल में चुनाव प्रचार के दौरान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की गूंज भी सुनाई देगी। देर रात तक चली इस बैठक में अभी तक हुए चरणों के मतदान पर भी गहन चर्चा की गई।

छठवें और सातवें चरण की रणनीति पर चर्चा

प्रदेश में तीन चरणों के मतदान का काम पूरा होने के बाद चौथे चरण का मतदान बुधवार को होना है जबकि पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को पूरा हो जाएगा। अब छठवें और सातवें चरण की 111 सीटों के लिए भाजपा जोरदार रणनीति बनाने के काम में जुट गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पूर्वांचल में भाजपा की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। मौजूदा विधानसभा चुनाव के लिए भी शाह ने पूर्वांचल के लिए विशेष रणनीति बनाई है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ सोमवार को देर रात तक चली बैठक में उन्होंने उचित दिशा निर्देश दिए।

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पूर्वांचल में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाने के साथ ही पिछली सरकारों के कार्यकाल में माफियाओं के आतंक को जोरदार ढंग से उठाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी को पूर्वांचल का बड़ा सियासी गढ़ माना जाता है और यहां से भाजपा बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश में जुटी हुई है।

गूंजेगा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का मुद्दा

पूर्वांचल में चुनाव प्रचार के दौरान अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर के साथ ही वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी धाम के सौंदर्यीकरण का मुद्दा भी उठा उठाया जाएगा। इन मुद्दों को उठाकर भाजपा की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अपने एजेंडे को धार देने की तैयारी है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ भी पूर्वांचल में ही आता है।

हाल में अहमदाबाद के सीरियल धमाकों के कई दोषी आजमगढ़ से जुड़े हुए हैं। इस मामले में 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। आजमगढ़ निवासी आतंकी परिवार के समाजवादी पार्टी से कनेक्शन को भी भाजपा जोरदार ढंग से उठाएगी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी अपनी चुनावी सभाओं में इस मुद्दे को पहले ही जोरदार ढंग से उठा रहे हैं मगर पूर्वांचल की सभाओं में इस पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा।

चुनाव प्रचार के लिए विशेष रणनीति

छठवें और सातवें चरण की 111 सीटों के लिए भाजपा के बड़े नेताओं की रैलियों और रोड शो का खाका भी तैयार किया जा रहा है। पूर्वांचल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग नेताओं की हर दिन दो से तीन रैलियों एवं रोड शो का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर का प्रभाव भी पूर्वांचल की सीटों पर है। इसलिए जातीय समीकरण साधने की रणनीति पर भी बैठक में विशेष तौर पर चर्चा की गई। सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं जबकि उनके बेटे अरविंद राजभर काशी की शिवपुर विधानसभा सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं।

वाराणसी की सीटों पर विशेष फोकस

बैठक में वाराणसी की विधानसभा सीटों पर विशेष तौर पर चर्चा की गई। गृह मंत्री शाह ने कहा कि पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण भाजपा को काशी की सभी सीटों पर जीत हासिल करके बड़ा सियासी संदेश देना है। उन्होंने सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और ऐसे नेताओं को भी चुनाव में सक्रिय करने का निर्देश दिया है जिन्हें टिकट नहीं मिल सका है। शाह ने कहा कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की कमजोरी को चिन्हित कर उसे दूर करने की प्रभावी रणनीति पर तत्काल अमल होना चाहिए।

वाराणसी में नदेसर स्थित एक होटल में देर रात तक चली इस बैठक में भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद थे। इन नेताओं में प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश के संगठन महामंत्री सुनील बंसल, सह प्रभारी सरोज पांडे, सुनील ओझा और काशी के प्रभारी सुब्रत पाठक शामिल हैं। वाराणसी के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों ने भी बैठक में विशेष रूप से हिस्सा लिया और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट पेश की।

Ragini Sinha

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