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UP Election 2022: रीता बहुगुणा जोशी ने अगर दिया इस्तीफा, तो भाजपा के लिए कैंट सीट होगी चुनौतीपूर्ण

UP Election 2022: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भारतीय जनता पार्टी के सामने बेटे के लिए टिकट की रखी मांग।

Bishwajeet Kumar
Published on: 18 Jan 2022 9:57 AM GMT
UP Election 2022: रीता बहुगुणा जोशी ने अगर दिया इस्तीफा, तो भाजपा के लिए कैंट सीट होगी चुनौतीपूर्ण
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रीता बहुगुणा जोशी

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बस कुछ ही हफ्ते दूर रह गया है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना सियासी समीकरण सुधारने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है। चुनाव से ठीक पहले कई पार्टियों के नेताओं का दूसरे पार्टियों में शामिल होने का सिलसिला जारी है। अब विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के भीतर सब कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। चुनाव से ठीक पहले मंत्रियों समेत कई विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का साथ पहले ही छोड़ दिया है। अब इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी भी पार्टी से कुछ खफा नजर आ रही हैं।

अब विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी (Mayank Joshi) को कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाना चाहती हैं। जिसके लिए रीता बहुगुणा जोशी लगातार पार्टी से यह बात कह रही हैं। बेटे को टिकट दिलाने के लिए रीता बहुगुणा जोशी ने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बेटे को टिकट दिलाने के लिए व संसदीय सीट भी छोड़ सकती। रीता बहुगुणा का कहना है कि 'मेरा बेटा भारतीय जनता पार्टी में 10 साल से अधिक वक्त से काम कर रहा है। जिसके कारण टिकट मांगना उसका अधिकार है।' रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि अगर भारतीय जनता पार्टी उनके बेटे को टिकट दे देती है तो वह सांसद पद से इस्तीफा दे देंगी, साथ ही वह अगला लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ेंगी।

रीता बहुगुणा जोशी योगी कैबिनेट में मंत्री के पद पर हैं। उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। जिसके बाद उन्हें पार्टी ने उन्हें 2017 विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया इस चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी ने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को 30 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल किया था जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें योगी कैबिनेट में मंत्री के पद से नवाजा था।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज से सांसद चुनी गयीं। उस वक्त भी रीता बहुगुणा जोशी चाहती थीं कि खाली हुई कैंट सीट से उनके बेटे को उपचुनाव में खड़ा किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बता दे रीता बहुगुणा जोशी 24 साल से अधिक वक्त तक कांग्रेस पार्टी के साथ रहे हैं 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था जिसमें उन्होंने भाजपा के सुरेश तिवारी को हराकर जीत हासिल किया था। कैंट सीट पर सिंधी और पंजाबी वोटरों की संख्या ज्यादा है। माना जाता है कि रीता बहुगुणा के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा यह है।

कैंट से टिकट के लिए नेताओं में लड़ी होड़

बता दें इस बार के विधानसभा चुनाव में लखनऊ के कैंट सीट के लिए बहुत से वीवीआइपी अपना टिकट चाह रहे हैं। जिसमें रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए तो वहीं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भी इस सीट से टिकट चाह रही हैं। इसके अलावा कैंट विधानसभा सीट से उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। वहीं इस वक्त कैंट से मौजूदा विधायक सुरेश तिवारी भी टिकट लेने की होड़ में लगे हुए हैं। सुरेश तिवारी ने तो अपना जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। इन सब के अलावां कैंट विधानसभा सीट के लिए लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया अपने बहू रेनू भाटिया के लिए टिकट जा रही हैं हाल के दिनों में उन्होंने कई बार दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इस सिलसिले में मुलाकात भी किया है।

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Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

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