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UP Election 2022: सपा के लिए आखिरी चरण की 34 सीटों पर प्रत्याशी तय करना हुआ मुश्किल, बीच का रास्ता निकालने में जुटे नेता
समाजवादी पार्टी ने अब तक 403 में से 369 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है बची 34 सीटों के लिए मंथन चल रहा है, आज या कल में इन सीटों पर भी प्रत्याशी उतारने की बात चल रही है।
UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के लिए आखिरी चरण की 54 विधानसभा में से 34 सीटों पर प्रत्याशी तय करना लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है। क्योंकि इन सीटों पर गठबंधन के नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी भी अपने नेताओं को इसमें फिट बैठना चाह रही है। ऐसे में सपा और उनके सहयोगियों के बीच इन सीटों को लेकर रस्साकशी की स्थिति है और सपा के वरिष्ठ नेता समीकरण बिठाने में लगे हैं की कैसे अपनों को मना कर गठबंधन के सहयोगियों को भी संतुष्ट किया जा सके।
इसी को लेकर शनिवार को गठबंधन के साथियों संग एक बैठक हुई थी जिसमें इन 34 सीटों पर मंथन किया गया था। सहयोगी दल जहां कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाह रहे हैं वहीं सपा उनसे उनके प्रत्याशियों का नाम मांग रही है वह उन नेताओं का पूरा खाका खंगालेगी।
उसके बाद उनके नाम पर मुहर लगा सकती है। कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां दूसरी पार्टी से आये नेताओं को चुनाव लड़ने के वादा भी किया है, ऐसे में आखिरी चरण की इन 34 सीटों पर उम्मीदवार तय करने में पार्टी नेताओं के पसीने छुट रहे हैं।
विरोध को शांत करना बड़ी चुनौती
समाजवादी पार्टी ने अब तक 403 में से 369 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है बची 34 सीटों के लिए मंथन चल रहा है, आज या कल में इन सीटों पर भी प्रत्याशी उतारने की बात चल रही है। क्योंकि आखिरी चरण का नामांकन 17 फरवरी तक ही होना है।
सपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनों के विरोध को रोकना है क्योंकि दूसरी पार्टियों से आए नेताओं और गठबंधन की वजह से उनके कई ऐसे नेता है जिनका टिकट कट गया है। पार्टी में विरोध भी हो रहा है। अब इस विरोध को शांत करने के लिए सपा प्रमुख और उनके वरिष्ठ नेता लगे हुए हैं।
सब समाजवादी पार्टी अपने नेताओं को आश्वासन दे रही है कि सरकार बनने पर उन्हें उचित स्थान मिलेगा। लेकिन चुनाव लड़ने की रेस में लगे यह नेता उनकी बात पर यकीन नहीं कर रहे हैं। सपा के लिए एक तरफ जहां पार्टी नेताओं के विरोध को शांत करना बड़ी चुनौती है। तो वहीं सहयोगी दलों की सीटों की मांग को पूरा करना भी आसान नहीं हो रहा।
जयंत के बाद राजभर को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की आस
अखिलेश यादव ने जहां जयंत चौधरी को 33 सीटें दी थी वहीं अब उनके दूसरे सबसे बड़े सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें कम से कम एक दर्जन सीटें तो मिलेंगी ही, अभी तक उन्होंने सिर्फ 5 प्रत्याशियों की घोषणा की है, क्योकि पूर्वांचल की ज्यादा सीटों पर उनकी दावेदारी है, ऐसे में वह करीब 14 सीटों पर अपना दावा ठोक रहे हैं।
वहीं कई ऐसी सीटें भी हैं जिन पर उन्होंने पहले दावा किया था उस पर सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसे में सुभासपा को मिलने वाली सीटों को लेकर संशय बना हुआ है। वह जिन सीटों पर दावा कर रहे हैं उन्हीं पर गठबंधन के दूसरे दल भी नजर गड़ाए हुए हैं।
इस तरह अपना दल कामेरावादी अध्यक्ष कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर सीट से मैदान में है तो वहीं उनकी छोटी बेटी पल्लवी पटेल को समाजवादी पार्टी ने अपने टिकट पर सिराथू से मैदान में उतारा है, इसके अलावा अभी 5 और सीटों पर दावा कर रही है। जनवादी सोशलिस्ट की बात करें तो वह पूर्वांचल की 4 सीटों पर नजर लगाए हैं।
महान दल के अध्यक्ष केशवदेव मौर्य अपने बेटे और पत्नी को चुनाव लड़ाने के बाद अभी उनकी एक सीट की ख्वाहिश बची है। सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी, बसपा से सपा आये नेताओं की है। जहां उन्हें टिकट मिल गया है वहीं उनके साथ आए कुछ अन्य नेता या उनके चहेतों के टिकट फाइनल नहीं होने से उनके माथे पर शिकन देखी जा रही है क्योंकि उनका यकीन कर यह नेता पाला बदले हैं।
गठबंधन ने अब तक 369 प्रत्याशी उतारे
सपा- 330
आरएलडी- 33
सुभासपा-05
अपना दल के - 01
प्रसपा-01
महान दल- 02
जनवादी सोशलिस्ट- (सपा के टिकट) 01
इस तरह सपा ने 403 में से 369 पर प्रत्याशी फाइनल कर चुकी है, 34 सीटों पर मंथन चल रहा है। सपा अभी कई ऐसी सीटें हैं जिस पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। जबकि कुछ गठबंधन के खाते में भी जा सकती हैं। सबसे बड़ा सवाल यही कि पूर्वांचल की बची 34 सीटों में सहयोगियों और दूसरे दलों से आए नेताओं को कितनी तरजीह मिलती है ये देखने वाली बात होगी क्योकि यहां राजभर का सबसे ज्यादा ध्यान देना है।
Samajwadi Party- 330, RLD- 33, Subhasp-05, Apna Dal - 01, Praspa-01, Mahan Dal - 02, democratic socialist