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UP Election 2022: चांदपुर में 1996 से यहां हर विधायक लगातार दो बार चुनाव जीता, क्या कमलेश सैनी बरकरार रख पाएंगी अपनी सीट

UP Election 2022: चांदपुर विधानसभा सीट (Chandpur Assembly Constituency History) को 'मिनी छपरौली' के नाम से भी जाना जाता है। यह इलाका गन्ना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इसीलिए इसे 'गन्ना बेल्ट' के तौर पर भी जाना जाता है।

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Written By amanPublished By Divyanshu Rao
Published on: 18 Jan 2022 4:21 PM GMT
UP Election 2022
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UP Election 2022: बिजनौर जिले के 8 विधानसभा सीटों में से एक है चांदपुर विधानसभा सीट (Chandpur Assembly Constituency History)। चांदपुर का संबंध महाभारत काल के इतिहास से भी जुड़ा है। कहते हैं, महाभारत युग में हुए कौरवों और पांडवों के युद्ध का स्थान हस्तिनापुर, चांदपुर से महज 30 किलोमीटर ही दूर है। चांदपुर विधानसभा सीट को 'मिनी छपरौली' के नाम से भी जाना जाता है। यह इलाका गन्ना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इसीलिए इसे 'गन्ना बेल्ट' के तौर पर भी जाना जाता है।

कहते हैं, इस क्षेत्र में गन्ने की पैदावार बहुत अधिक हुआ करती थी। यहां का खांडसारी उद्योग प्रसिद्ध था। इस इलाके में गुड़ और चीनी बनाने के क्रशर भी बहुत हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे ये समाप्त हो रहे हैं।

भौगोलिक स्थितियां और यातायात सुविधाएं

चांदपुर विधानसभा (Chandpur Assembly Constituency) क्षेत्र बिजनौर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर है। इसकी सीमाएं मेरठ और अमरोहा जिले से लगती हैं। चांदपुर में एक रेलवे स्टेशन भी है। हालांकि, इस लाइन से ज्यादा ट्रेन नहीं गुजरती हैं। नारनौर-दतियाना रोड पर एक पुल का निर्माण किया गया है। यह पुल चांदपुर को मवाना से जोड़ता है। पुल निर्माण से चांदपुर की दूरी मेरठ और दिल्ली से कम हो गई है। इस इलाके से गंगा नदी भी गुजरती है जो गढ़मुक्तेश्वर की ओर तरफ जाती है।

क्षेत्र में चार डिग्री और सात इंटर कॉलेज

इस विधानसभा क्षेत्र में एक चीनी मिल, एक लोहे की फैक्ट्री और प्लाई वुड की फैक्ट्री है। साथी ही चार डिग्री कॉलेज तथा सात इंटर कॉलेज भी हैं। राजनीतिक नजरिए से देखें तो यह बहुत बड़ी विधान सभा सीट है। चांदपुर की सीमाएं अमरोहा और मेरठ जिले से लगती हैं।

कैसी है राजनीतिक पृष्ठभूमि?

अब अगर बात चांदपुर विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की करें तो इतिहास बताता है कि इस सीट पर कभी किसी एक दल का बादशाहत नहीं रही है। जनता चुनाव दर चुनाव विधायक बदलती रही थी। जैसे ये एक ट्रेंड बन गया था। मगर, साल 2002 में इस सीट से जुड़ा यह मिथक भी टूट गया।

साल 2007 में ऐसा रहा चुनाव परिणाम

साल 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के इकबाल ठेकेदार इस सीट से जीतकर विधायक बने थे। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी राम अवतार सिंह को शिकस्त दी थी। इस चुनाव में तीसरे स्थान पर राष्ट्रीय लोक दल के स्वामी ओमवेश रहे थे, जबकि चौथे नंबर पर निर्दलीय विधायक अरविन्द कुमार रहे थे। इस चुनाव में विजेता बसपा प्रत्याशी इक़बाल ठेकेदार को 58,808 वोट मिले थे जबकि, बीजेपी के राम अवतार सिंह को 28797 मत प्राप्त हुए थे। रालोद उम्मीदवार को 27,705 वोट मिले थे। जबकि, निर्दलीय अरविंद कुमार को भी 17,831 वोट मिले थे।

2012 में बसपा के इकबाल ठेकेदार फिर बने विजेता

चांदपुर विधानसभा सीट से साल 2012 के चुनावों में एक बार फिर बसपा प्रत्याशी इकबाल ठेकेदार ने जीत हासिल की। इस बार उन्हें कुल 54,941 वोट मिले। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शेरबाज खान रहे। शेरबाज को 39,928 वोट मिले थे। इस चुनाव में तीसरे स्थान पर 36,941 वोट के साथ बीजेपी प्रत्याशी कविता सिंह रही थीं। वहीं, चौथे स्थान पर 31,495 वोट के साथ महान दल के उम्मीदवार अरविंद कुमार रहे थे।

2017 में बीजेपी के कमलेश सैनी भारी मतों से जीते

इसी तरह, साल 2017 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार कमलेश सैनी मैदान में थे। उन्हें कुल 92,345 वोट हासिल हुए थे। बीजेपी प्रत्याशी कमलेश सैनी की जीत इसलिए भी मायने रखती है कि उन्होंने दो बार से लगातार विधायक रहे बसपा के इकबाल ठेकेदार को भारी अंतर से हराया था। इकबाल ठेकेदार को इस बार 56,969 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अरशद रहे थे जिन्हें 36,531 वोट मिले थे। जबकि, इस बार शेरबाज कांग्रेस के टिकट से मैदान में उतरे थे। उन्हें महज 15,826 मत प्राप्त हुए थे। वो चौथे स्थान पर रहे थे।

रोचक तथ्य

भारतीय जनता पार्टी ने इस साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए एक बार फिर कमलेश सैनी पर भरोसा जताया है। अब देखना होगा कि क्या वो अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रख पाती हैं। इस सीट की एक सबसे रोचक बात ये हैं कि 1996 के बाद से जो भी विधायक रहे हैं वो लगातार दो बार जीत दर्ज करते हैं और तीसरी बार हार जाते हैं। तो इस बार इस लिहाज से भी नजर कमलेश सैनी पर रहेगी।

Divyanshu Rao

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