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UP Election 2022: दस साल बाद अपने पुराने मैदान में उतरे हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सिराथू विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होने वाला है। जहां बीजेपी से केशव प्रसाद मौर्या के विरोध में अपना दल (के) की प्रत्याशी पल्लवी पटेल हैं, तो वहीं बसपा ने मुंसब अली उस्मानी को टिकट दे दिया।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Shreedhar Agnihotri
Published on: 26 Feb 2022 3:59 PM IST
Keshav Prasad Maurya
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 केशव प्रसाद मौर्य (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान में हाट सीटों में एक सीट कौशांबी की सिराथू भी है जहां पर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) चुनाव मैदान में है। यह सीट भले ही 1993 से विपक्ष के हाथ में रही हो पर भाजपा (BJP) के केशव प्रसाद मौर्य ने पहली बार 2012 में इसे जीतकर भाजपा को बडा तोहफा देने का काम किया था। अब एक बार फिर इस विधानसभा चुनाव में वह दस साल बाद चुनाव मैदान में उतरे है। जहां उनका मुकबला सपा अपना दल (कमेरावादी) (Apna Dal K) की प्रत्याशी पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) से है। विपक्ष की इस सीट पर गंभीरता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के अलावा उनकी पत्नी डिम्पल यादव (Dimple Yadav) भी चुनाव प्रचार कर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर चुकी हैं।

सिराथू विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आती है। 2017 के चुनाव में में सिराथू में कुल 40.07 प्रतिशत वोट पड़े। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के शीतला प्रसाद (Sheetla Prasad) ने समाजवादी पार्टी के वाचस्पति को 26203 वोटों के अंतर से हराया था।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की छवि ऐसे नेता की है, जो मिलनसार और सबको साथ लेकर चलने वाले हैं। राज्य सरकार में बडा पद होने के बाद भी वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को हल करते रहे। कोरोना लॉकडाउन में भाजपा की तरफ से गरीबों को बांटे गए मुफ्त राशन का भी क्षेत्र में प्रभाव माना है। ऐसे में भाजपा से गरीब वोटर्स को अपनी तरफ खींचना सपा गठबंधन के लिए आसान नहीं है।

बसपा ने उतारा मुस्लिम प्रत्याशी

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इसके पहले यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं अपना दल (कमेरावादी) की कार्यकारी अध्यक्ष पल्लवी पटेल ने सियासी रण में उतार कर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। बसपा (BSP) ने भी नामांकन के अंतिम दिन पहले से घोषित प्रत्याशी संतोष त्रिपाठी की जगह मुस्लिम मतों को पाले में करने के लिए मुंसब अली उस्मानी (Munsab Ali Usmani) को टिकट दे दिया। फिलहाल सिराथू सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के समीकरण बन रहे हैं।

सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के मतदाता

यहां यह भी बताना जरूरी है कि सिराथू सीट पर सबसे अधिक मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। इस सीट पर सपा-गठबंधन पटेल, यादव, मुस्लिम और पालों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है। अनुसूचित वर्ग की के मतदाताओं की संख्या लगभग 38 प्रतिशत बताई जा रही है। इस बडे वर्ग के हाथ में ही प्रत्याशी के भाग्य का फैसला होना है। सिराथू डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का घर है। जबकि पल्लवी की ससुराल सदर विधानसभा के कोरीपुर गांव में है।

सिराथू विधानसभा सीट कौशाम्बी के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं विनोद सोनकर, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 38,722 से हराया था। यूपी विधानसभा चुनाव में हाट सीटों में प्रयागराज की एक सीट सिराथू सीट पर भी सबकी पैनी निगाह लगी हुई है।

सिराथू सीट पर मतदाताओं का समीकरण

सिराथू विधान सभा में वोटरों की अनुमानित संख्या यहां पर पुरुष मतदाता 2,01,791 महिला मतदाता 1,79,035 तथा अन्य लगभग 12 हजार है। यहां पर कुल मतदताता 3,80,838 है। सिराथू विधानसभा के जातिगत आंकडो पर गौर किया जाए तो पासी-60 हजार, मुस्लिम 50 हजार, पटेल 30 हजार, एससी 28 हजार, मौर्या 28 हजार, यादव 22 हजार, ब्राह्मण 25 हजार, पाल 18 हजार, वैश्य 30 हजार, धोबी10 हजार, कोरी 08 हजार, प्रजापति 08 हजार तथा अन्य जातियों की संख्या लगभग 60 हजार बताई जा रही है।

विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार सिराथू विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।



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