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UP Election 2022 : राजनीति का रंग रिश्तों पर भारी, इस सीट पर भाई-बहन, ससुर-बहू के बीच ही छिड़ी है चुनावी जंग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में शाहजहांपुर के तिलहर विधानसभा सीट पर चुनावी जंग और दिलचस्प हो गया है इस सीट पर भाई-बहन और ससुर-बहु के बीच मुकाबला होने को है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Neel Mani Lal
Published on: 30 Jan 2022 7:31 PM IST
UP Election 2022 : राजनीति का रंग रिश्तों पर भारी, इस सीट पर भाई-बहन, ससुर-बहू के बीच ही छिड़ी है चुनावी जंग
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UP Assembly Election 2022

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) में एक सीट ऐसी भी है जहां रिश्तेदारों में टक्कर हो रही है। ये है शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट (Tilhar assembly seat) जहां भाजपा की उम्मीदवार सलोना कुशवाहा (Salona Kushwaha) के खिलाफ उनके सगे भाई ने नामांकन पत्र दाखिल किया है और इसी क्षेत्र के विधायक और सपा उम्मीदवार रोशन लाल वर्मा (Roshan Lal Verma) के खिलाफ उनकी पुत्रवधू सरिता यादव (Sarita Yadav) चुनाव मैदान में हैं।

तिलहर विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को वोट पड़ने हैं। यहां सिर्फ रिश्तेदारी ही नहीं बल्कि पाला बदल भी चर्चा में है। इस क्षेत्र में पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते रोशन लाल वर्मा ऐन चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे। सपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। इसी क्षेत्र में सपा से टिकट मांग रही सलोना कुशवाहा ने रोशनलाल वर्मा के पाला बदलने के बाद भाजपा का दामन पकड़ा और भाजपा ने भी उन्हें उम्मीदवार बना दिया। दूसरा पेंच ये हुआ कि रोशन लाल वर्मा के खिलाफ सरिता यादव नामक महिला भी आ गईं हैं जिनका दावा है कि वह रोशनलाल की पुत्रवधू हैं। अब मैदान में श्वसुर-बहू, भाई-बहन लड़ रहे हैं, परिवार का झगड़ा जनता के सामने लाया जा रहा है। ऐसे में मुकाबला रोचक हो गया है।

रोशनलाल वर्मा एक बार निगोही और दो बार तिलहर सीट से लगातार जीत हासिल कर चुके हैं। दो बार बसपा (BSP) से विधायक बनने वाले रोशनलाल वर्मा ने 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का दामन थामा था। इस सीट पर कांग्रेस और सपा के संयुक्त प्रत्याशी जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) उनके सामने थे। जितिन का कद देखते हुए रोशनलाल वर्मा के लिए मुकाबला काफी कठिन माना जा रहा था। मगर तमाम कयासों को धता बताते हुए रोशनलाल ने 5,715 वोटों से जितिन को हरा दिया था। तब के भाजपा के हीरो रोशनलाल अब पार्टी के लिए राह का कांटा बन गए हैं। वे भाजपा में लोध बिरादरी का बड़ा चेहरा थे। उनके जाने के बाद इस बिरादरी का वोट जोड़े रखना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।

तिलहर की गिनती मुस्लिम, लोध और ठाकुर बाहुल्य सीट के रूप में होती है। अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। तिलहर विधानसभा क्षेत्र में कुल साढ़े तीन लाख से अधिक वोटर हैं। इस सीट से एक मुस्लिम प्रत्याशी भी मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) ने नवाब फैजान अली खां (Nawab Faizan Ali Khan) को प्रत्याशी बनाया है। पहले तो माना जा रहा था कि क्षेत्र का मुस्लिम वोट सपा में जाएगा लेकिन अब एक मुस्लिम प्रत्याशी होने की वजह से मुस्लिम वोट कुछ हद तक जरूर बसपा प्रत्याशी नवाब फैजान अली खां को जाएगा।

पारिवारिक झगड़ा

यहां भाजपा प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के खिलाफ उनके सगे भाई रावेंद्र कुशवाहा ने नामांकन किया है। रावेंद्र का कहना है कि जो बहन भाई की नहीं हुई वह आम जनता की क्या होगी। उन्होंने कहा, मैंने नामांकन इसलिए किया है कि सलोना कुशवाहा ने हमारा बहुत ही शोषण किया है, हमारा परिवार और हमारे बच्चे सड़क पर आ गए हैं। वहीं, सलोना कुशवाहा का कहना है कि उनकी शादी काफी समय पहले हो गई थी और परिवार में क्या हुआ इससे उनको कोई मतलब नहीं और उनका अपने भाई रावेंद्र कुशवाहा से कोई संबंध नहीं है। सलोना कुशवाहा का यह पहला चुनाव है। माना जा रहा है कि रोशनलाल वर्मा को प्रत्याशी बनाने के बाद कुछ सपाई अंदरखाने सलोना कुशवाहा का समर्थन कर सकते हैं। सलोना ने भी लंबे समय तक सपा में रहकर अपनी पकड़ मजबूत की है।

अपने को रोशनलाल की पुत्रवधू बताने वाली सरिता यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा की सरकार में मुस्लिमों और यादवों को रोशन लाल वर्मा ने बहुत परेशान किया है, इसलिए वह चुनाव में खड़ी हुई हैं ताकि जनता को न्याय दिला सकूं। वहीं, रोशनलाल वर्मा का कहना है मेरी पुत्रवधू होने का उनका दावा झूठा है और उनके पास इसका कोई प्रमाण नहीं है। दरअसल, रोशन लाल वर्मा के बेटे विनोद वर्मा की मौत हो चुकी है और सरिता यादव का दावा है कि वह उनकी (विनोद वर्मा) पत्नी हैं। सरिता यादव ने 2012 में रोशन लाल वर्मा पर दुष्कर्म जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे।



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Bishwajeet Kumar

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