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UP Election 2022: यूपी में किसके परशु'राम'? कुर्सी के लिए जय श्रीराम

UP Election 2022: इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव में भगवान परशुराम के भी खूब जयकारे लग रहे हैं। है।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Divyanshu Rao
Published on: 2 Jan 2022 8:28 PM IST
UP Election 2022
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UP Election 2022

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में अब राम और परशुराम की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है। राम का नाम लेकर जो बीजेपी (BJP) फर्श से अर्श तक पहुंची है वह भला राम को कैसे भूल सकती है। यही वजह है कि यूपी का चुनाव हो या दूसरे राज्य का या फिर लोकसभा का राम मंदिर (Ram Mandir) का जिक्र हर जगह होता है।

इस बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) के चुनाव में भगवान परशुराम (Bhagwan Parshuram) के भी खूब जयकारे लग रहे हैं। अब तक बीजेपी जहां राम-राम करती थी इस बार वह राम के साथ जय परशुराम भी करती नजर आ रही है। वहीं सपा-बसपा को देखें तो वह राम के नाम से तो परहेज कर रहे हैं लेकिन जय परशुराम से उन्हें कोई गुरेज नहीं है।

यह शायद चुनाव का ही असर है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस (Purvanchal Expressway) वे के किनारे रातों-रात एक भव्य परशुराम जी का मंदिर तैयार हो गया और आज उसका अनावरण प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कर दिया। इस मंदिर को समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं ने तैयार कराया है।

चुनाव नहीं होता तो शायद इस मंदिर का अनावरण कोई बड़ा धर्मगुरु, आचार्य या करता लेकिन चुनावी माहौल के बीच इसका अनावरण सपा के मुखिया अखिलेश यादव के हाथों कराया गया। अब इसके सियासी माने तो आप समझ ही गए होंगे कि आखिर अखिलेश ने भगवान के मंदिर का अनावरण क्यों किया? अखिलेश यादव सपा के मुखिया हैं और ब्राह्मण नेताओं को उनसे टिकट चाहिए।

सरकार बनी तो उन्हें मंत्री पद भी मिलेगा। इसीलिए आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर भगवान परशुराम के मंदिर का अनावरण कर पंडितों का सबसे बड़ा हितैषी बनने की कोशिश की गई।

विधानसभा चुनाव की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

बात बहुजन समाज पार्टी की करें तुम पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की कमान ब्राह्मण नेता और अपने सबसे खास सतीश चंद्र मिश्रा को सौंप रखी है। सतीश चंद्र मिश्रा के कंधों पर ब्राह्मणों को रिझाने की पूरी जिम्मेदारी है। यही वजह है कि मिशन 2022 के लिए वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ मायावती को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मैदान में उतरे हैं।

सतीश चंद्र मिश्रा जहां प्रबुद्ध सम्मेलन कर अपने समाज के लोगों को बसपा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उनका यह फार्मूला 2007 में सुपरहिट हुआ था और अब 2022 में इसे दोहराने के लिए जी जान से लगे हैं। सतीश चंद्र मिश्रा सबसे पहले यूपी में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन कर ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश शुरू की थी।

उसके बाद सपा फिर बीजेपी इस राह पर चल पड़ी। ब्राह्मण समाज जहां परशुराम जी को अपना आराध्य मानता है वहीं सतीश चंद्र मिश्रा ने इस बार परशुराम के साथ भगवान राम का नाम लेकर बसपा की नैया पार कराने में लगे हैं। उन्होंने मिशन 2022 की शुरुआत धर्मनगरी अयोध्या से की थी।

बीजेपी का तो सहारा ही राम हैं, एक वक्त था जब वह हिन्दू सँगठनों के साथ मिलकर उनके नेता राम मंदिर के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। अब जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो वह इसका श्रेय लेने से भी पीछे नहीं हट रही। चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या गृह मंत्री अमित शाह या फिर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सब राम के नाम का सहारा लेकर यूपी की सत्ता एक बार फिर से हासिल करने की कोशिश में है।

लेकिन उन्हें यह भी अच्छी तरह मालूम है कि ब्राह्मणों की अनदेखी नहीं कर सकते। यही वजह है कि वह परशुराम से भी उतना ही लगाव दिखा रहे हैं जितना राम से, बीजेपी यूपी के अपने 16 ब्राह्मण नेताओं की एक टीम बनाकर उत्तर प्रदेश में पंडितों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि उनकी पार्टी भाजपा ही है भाजपा में ही उनका हित है और वही उनके लिए काम करती आई है।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और ब्राह्मण नेता बृजेश पाठक कहते हैं यह सभी जानते हैं कि समाजवादी पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा क्या है। हमेशा ब्राह्मण समाज का अपमान करना, समय-समय पर प्रताड़ित करना जब अपनी सरकार हो कन्नौज में मिश्रा परिवार के बेटे की गर्दन काटकर उसे लखनऊ मँगाना यह अभी कोई भूला नहीं है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

इस प्रकार के क्रियाकलापों से ब्राह्मण समाज बिल्कुल भ्रमित नहीं होगा। ब्राह्मण समाज का हित बीजेपी में है वह अच्छी तरह से जानता है। बृजेश पाठक कहते हैं कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता को जागृत करते सत्ता में बने रहते हुए हमारे मंदिरों की सुरक्षा उसकी ऊंचाइयों को अगर कोई बढ़ाने का काम किया है तो वह मोदी जी ने किया है। बृजेश पाठक ने काशी कॉरिडोर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार से मुगलों ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ढहाया था।

रानी अहिल्याबाई ने ढाई सौ साल पहले उसका जीर्णोद्धार कराया था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी कॉरिडोर बनाकर इतिहास में दर्ज हो गए हैं। जिसकी देश और दुनिया में ब्राह्मण समाज सराहना कर रहा है। उन्होंने कहा अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को भी देश और दुनिया के ब्राह्मणों ने सराहा है। इसलिए वह बीजेपी और कमल के फूल के साथ है।

bjp ki taaja khabarब्राह्मण समाज जरा भी भ्रमित नहीं होगा वह उसका पूरा साथ भारतीय जनता पार्टी को ही मिलेगा। बृजेश पाठक ने अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा कि फर्जी कंटी पहनने से कोई बदल नहीं जाता। उन्हें पिछले चुनाव में करीब 50 सीटें मिली थी इस बार 50 से भी कम सीटें मिलेंगी और भारतीय जनता पार्टी साड़ी 300 सीटें हासिल कर फिर से सरकार बनाएगी।



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Divyanshu Rao

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