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UP Election 2022: योगीराज में मंद पड़े इन बाहुबलियों के सितारे, लुप्त हो गए इस चुनाव में

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां इस समय जोरों पर है लेकिन एक तरफ जहां यूपी चुनाव में माफियाओं और बाहुबलियों की राजनीति खूब चमकती थी, वहीं इस बार योगी सरकार की नीतियों के सामने बाहुबलियों के सितारे मंद पड़े हुए हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 20 Jan 2022 2:01 PM GMT
UP Election 2022: The stars of these Bahubalis are dim in Yogiraj!
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सीएम योगी आदित्यनाथ और माफियाओं और बाहुबलियों की राजनीती: Photo - Social Media 

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh Politics) का बाहुबल से चोली और दामन के जैसे साथ रहा है। यहां ऐसे कई बाहुबली हैं जिन्होंने अपराध के रास्ते विधानसभा और फिर संसद तक का सफर तय किया है। यही वजह रही कि प्रदेश की सियासत में माफियाओं और बाहुबलियों का एक समय खासा बोल बला रहा है। यहां प्रत्येक दल के अपने –अपने बाहुबली माननीय हुआ करते थे, जो सलाखों के पीछे रहकर भी आराम से चुनाव जीत जाया करते थे।

हालांकि इस बार ऐसे कई बाहुबली हैं जिनकी राजनीति अब ढ़लान पर है। दरअसल, प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने माफियाओं के खिलाफ जो कड़ा अभियान चलाया उसी का नतीजा है कि अतीक अहमद, धनंजय सिंह और मुख्तार अंसारी सरीखे बाहुबली प्रदेश की सियासत में हाशिए पर जा चुके हैं। तो आइए एक नजर इन बाहुबलियों के वर्तमान स्थिति पर डालते हैं-

Photo - Social Media

अतीक अहमद (Ateek Ahmed)

माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद का प्रयागराज और उसके आसपास खासा दबदबा रहा है। अहमदाबाद जेल में सजा काट रहे इस बाहुबली के सियासी रसूख का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो पांच बार विधायक और एक बार लोकसभा सांसद रह चुका है। अतीक सपा और अपना दल के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। अतीक ने 1989,1991 और 1993 में निर्दलीय वहीं 1996 में सपा के टिकट पर इलाहाबाद पश्चिम से चुनाव जीते। इसके अलावा 2004 में सांसदी का चुनाव जीतने में भी सफल रहे। सलाखों के पीछे कैद अतीक की पत्नी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के टिकट पर प्रय़ागराज पश्चिम से चुनावी मैदान में है। योगी सरकार ने अतीक के गैंग से जुड़ी संपत्तियों पर कड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने 203 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त करने के साथ –साथ गैंग के करीब 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)

मुख्तार अंसारी को पूर्वांचल के सबसे बड़े औऱ रसूखदार बाहुबलियों में गिना जाता है। मऊ निर्वाचन क्षेत्र से रिक़ॉर्ड पांच बार चुनाव जीतने वाले मुख्तार की इलाके में तूती बोला करती थी। 20 से 30 एसयूवी लेकर चलने वाला माफिया अंसारी का लोगों में जबरदस्त खौफ हुआ करता था। फिलहाल बांदा जेल में सजा काट रहे मुख्तार पर योगी सरकार ने क़ड़ी कार्रवाई करते हुए उसके सारे अवैध कमाई को रोक दिया है। बड़ी संख्या में उसके गुर्गों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी डाला गया। माफिया डॉन मुख्तार पर 50 से अधिक मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि एक बार फिर वो मऊ सदर सीट से ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

Photo - Social Media

खान मुबारक (Khan Mubarak)

कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन जफर सुपारी का भाई खान मुबारक पर भी योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने कानून का बुलडोजर चलवाया। अपराध की दुनिया में खौफ का पर्य़ाय बने खान प्रय़ागराज औऱ उसके आसापास खासा सक्रिय था। लोगों में उसके प्रति जबरदस्त खौफ था। ऐसे में साल 2020 में योगी सरकार ने उसके अवैध संपत्तियों को जब्त करते हुए उसे भी सलाखों के पीछे डाल दिया।

Photo - Social Media

धनंजय सिंह (Dhananjay Singh)

कॉलेज के दिनों में ही अपराध की दुनिया में दस्तक देने वाले पूर्व सांसद औऱ बाहुबली नेता धनंजय सिंह ने भी अपनी सियासी पारी निर्दलीय चुनाव जीतकर शुरू की थी। अपराध के रास्ते सत्ता की दहलीज पर पहुंचे धनंजय अपने बाहुबल के बदौलत बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) के नजरों में आए। जिसका फायदा ये हुआ कि वो लोकसभा पहुंच गए, हालांकि ये साथ अधिक दिनों तक नहीं चला और दोनों के बीच गहरे मतभेद उत्पन्न होगए। नतीजतन माय़ावती ने उन्हें पार्टी से निष्काष्ति करते हुए उन्हें जेल में डाल दिया। तब से उनके सियासी सितारे गर्दिश में हैं और वो एक भी चुनाव नहीं जीत पाए। पूर्व सांसद को यूपी पुलिस ने भगौड़ा घोषित कर उनपर 25 हजार रूपए का इनाम घोषित कर रखा है।

कुल मिलाकर योगी सरकार सत्ता में आने के बाद अब तक 25 गैगस्टरों और माफियाओं पर बुलडोजर चला चुकी है। उनके अवैध कमाई पर नकेल कसने का ही नतीजा है कि आज उनकी कमर टूट चुकी है और वो सियासत में आज उतने प्रासंगिक नहीं हैं, जितने एक समय वो हुआ करते थे। माफिया और गैगस्टर विकास दूबे का एनकाउंटर ऐसे बाहुबलियों के लिए एक नजीर बना।

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Shashi kant gautam

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