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Up Election Result 2022: अखिलेश यादव बोले, मत प्रतिशत व सीटें बढ़ाने के लिए जनता का धन्यवाद, जारी रहेगा संघर्ष
Up Election 2022: यूपी में चुनाव नतीजों के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi party chief Akhilesh Yadav) की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने अपनी पार्टी की सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रदेश की जनता का धन्यवाद किया है
Up Election Result 2022: उत्तर प्रदेश के चुनाव (up Election Result) नतीजों की घोषणा होने के बाद आज सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi party chief Akhilesh Yadav) की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने अपनी पार्टी की सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रदेश की जनता का धन्यवाद किया है और कहा भाजपा को सीटें घटाई जा सकती है या हमने करके दिखाया है।
भाजपा (Bjp) का यह घटाव निरंतर जारी रहेगा आधे से ज्यादा भ्रम छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा जनहित का संघर्ष जीतेगा। अखिलेश यादव का यह ट्वीट साफ संदेश दे रहा है कि उन्होंने अपनी सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ने के लिए जहां जनता का धन्यवाद किया वहीं भाजपा पर निशाना भी साधा। अखिलेश यादव हार से भले ही दुखी हों लेकिन उनके हौसले बढ़े हैं, क्योंकि 2017 के मुकाबले उनकी सीट ढाई गुना और वोट 10 प्रतिशत बढ़ा है।
अखिलेश यादव का ट्वीट
'उप्र की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी व मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा।आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा। जनहित का संघर्ष जीतेगा!
बीजेपी ने की जीत हासिल
आपको बता दें कल हुई मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने जहां एक बार फिर से प्रचंड बहुमत हासिल किया है और उनके 273 विधायक जीत कर आए हैं। हालांकि 2017 के मुकाबले यह संख्या कम है करीब 52 सीटें बीजेपी गठबंधन की घटी हैं लेकिन उनका वोट प्रतिशत बढ़ा है। वहीं अखिलेश यादव की बात करें तो 2017 के मुकाबले उन्होंने 71 सीटें ज्यादा जीती हैं।
2017 में जहां वह 49 सीट जीते थे वहीं इस बार 125 विधायक उनके हो गए हैं। उनका वोट प्रतिशत भी पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 34. 90 हो गया है। सपा प्रमुख खुद करहल से 67504 मतों से चुनाव जीते हैं। वहीं उनके चाचा शिवपाल यादव अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से एक बार फिर रिकॉर्ड मतों से जीत कर आए हैं।
अखिलेश यादव अब हार की समीक्षा और अपनी अगली रणनीति पर फैसला करेंगे क्योंकि भाजपा से अभी उन्हें मुकाबले के लिए अपनी रणनीति और ठोस करनी पड़ेगी इस बात को छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन उसका कुछ खास करिश्मा नहीं दिखाई दिया भाजपा के मजबूत संगठन के आगे अखिलेश यादव की साइकिल रफ्तार तो पकड़ी लेकिन वह विजय पताका फहराने में कामयाब नहीं हो सकी अब उन्हें 5 साल का इंतजार करना होगा और 2027 में एक बार फिर से अपने आप को साबित करना होगा।