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CM Yogi और PM Modi ने बनाया MY Brand, देखें Y-FACTOR Yogesh Mishra के साथ

Y-FACTOR Yogesh Mishra: उत्तर प्रदेश की जनता ने मोदी व योगी की अगुवाई में चार बार अपना समर्थन दिया है।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 March 2022 9:12 PM IST
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Y-FACTOR Yogesh Mishra: पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदाताओं व जनता के प्रति आभार प्रकट कर रहे थे । तब उन्होंने कहा कि वह बनारस से सांसद हैं। उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिये हैं। लेकिन उसी के साथ वह यह कहना शायद वह भूल गये कि उत्तर प्रदेश ने उन्हें जिस तरह प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया है, उस तरह किसी प्रधानमंत्री को नहीं। किसी को उतना प्यार, उतनी मजबूती व उतनी मदद नहीं की है।

उत्तर प्रदेश की जनता ने मोदी व योगी की अगुवाई में चार बार अपना समर्थन दिया है। यही नहीं, 8 नवंबर,2016 को हुई नोटबंदी के सवाल पर जब देश भर में नरेंद्र मोदी अग्निपरीक्षा दे रहे थे, उस समय उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उन्हें 312 सीटें देकर उत्तीर्ण होने का अवसर दिया। अवव्ल साबित करा दिया।

जब कुछ चुनिंदा किसान संगठन किसान बिल के सवाल पर केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे थे, तब 2022 के चुनावी नतीजों ने प्रचंड बहुमत देकर साबित कर दिया कि यह सवाल अब जेरे बहस नहीं हैं। किसान नरेंद्र मोदी के साथ था। किसान नरेंद्र मोदी के साथ है। किसान नरेंद्र मोदी के साथ रहेगा। चूँकि पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिस इलाक़े में कहा जा रहा था कि किसान नाराज़ हैं। जाट ,गुर्जर एक साथ नहीं हो सकते। अल्पसंख्यकों की नाराज़गी झेलनी पड़ेगी।

पैंतीस साल बाद रिपीट हुई कोई सरकार

एक नया परमंटेशन, कंबिनेशन, जाट , गुर्जरों व अल्पसंख्यकों का बन गया है। तब पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक 'ब्रांड मोदी' व 'ब्रांड योगी' का ऐसा डंका बजा कि इन सारे के सारे सवालों का जवाब मिल गया। और उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी व योगी को अव्वल साबित होने का मौक़ा दे दिया।

भाजपा को 255 सीटें मिलीं। 41 फ़ीसदी वोट मिले। इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि राज्य में पैंतीस साल बाद कोई सरकार रिपीट हो पाई। यही इतिहास उत्तराखंड व गोवा ने अपने अपने यहाँ दोहरा कर दिखा दिया। हाँ, सच यह है कि उत्तर प्रदेश में मोदी के परीक्षा की कॉपी तैयार करने में योगी ने खासी भूमिका निभाई। बहुत बड़ा सहयोग किया। तभी तो मोदी ब्रांड एक नये नाम से लोकतंत्र के संसार में "मोदी योगी ब्रांड" के नाम से उतरा है। "मोदी योगी ब्रांड"को अगर हम संक्षिप्त में लिखें तो "माईं" बनता है।

माई वह शब्द है जिसका हर आदमी से ताल्लुक़ है। और जिस तरह भारतीय जनता पार्टी पचास फ़ीसदी से ऊपर मत पा रही है, उससे लगता है कि देश की बहुत बड़ी जनसंख्या इस 'माई' से जुड़ी हुई है। और इससे जुड़ा रहना चाहती है।

हाँ, यह बात दूसरी है कि इसमें लाभार्थी समूह, महिलाएँ, हिंदुत्व, विकास व क़ानून व्यवस्था यानी बुलडोज़र बाबा जैसे कंटेंट ने भी कम काम नहीं किया।शहरी मध्यम वर्ग को बुलडोज़र बाबा के नैरेटिव ने काफी आकर्षित किया। मुफ़्त राशन, किसान सम्मान निधि आदि डायरेक्ट बेनफिट जैसी योजनाएँ व उज्जवला, आयुष्मान, आवास व शौचालय जैसी योजनाओं ने भारी मदद पहुँचाई। सभी धर्मों और जातियों के लोग केंद्र व राज्य सरकार की इन योजना से लाभान्वित हुए हैं।

ऐसी योजनाएँ पहले भी सरकारें देती रहीं हैं। पर पहले और अब में अंतर है । नरेंद्र मोदी व योगी की सरकार ने पहली बार इन योजनाओं से बिचौलियों को बाहर कर दिखाया। हटा दिया है। सीधे सरकार व लाभार्थी का रिश्ता बन गया है। यह जो नया रिश्ता बना है वह जनता को पॉलिटिकल पार्टी के बहुत नज़दीक लाकर खड़ा करता है।

अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने से लेकर काशी कॉरिडोर के उद्घाटन तक भाजपा अपने हिंदुत्व कार्ड पर अडिग रही। अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक सियासत का जोर रहा। योगी की कट्टर हिंदुत्व की छवि, चुनावी बयानबाजी और समाजवादी पार्टी पर धर्म आधारित हमला - यह सब भाजपा के बहुत काम आया।

हर समय चुनावी मोड में रह कर भाजपा ने लगातार प्रचार जारी रखा। इससे पहले कि विपक्षी दल अपना चुनाव अभियान शुरू कर पाते भाजपा मतदाताओं तक एक बार पहुँच चुकी थी। भाजपा छा चुकी थी।

उत्तर प्रदेश को हिंदुत्व की प्रयोगशाला

नतीजे बताते हैं कि मोदी मैजिक का असर अभी भी कम नहीं हुआ है। इस असर को और गाढ़ा किया योगी की उपस्थिति ने। तभी तो नारा आया- "योगी बहुत उपयोगी।" इस नारे की अहमियत इससे भी समझ सकते हैं कि यह नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। इस जोड़ी ने न केवल भाजपा की सरकार बनाई । बल्कि उत्तर प्रदेश में जमे जमाये कई अंधविश्वास भी तोड़ दिये।

प्रचार के जिन तरीक़ों का बुद्धि वादी व विपक्ष उपहास कर रहे थे, वे जनता को कितना अपील किये। यह बुद्धि वादी व अखिलेश समझ नहीं पाये। तभी तो बुलडोज़र बाबा चुनाव के बाद अचानक मीडिया का कैच वाक्य बन बैठा। प्रचार में जनता द्वारा यह कहना कि "जो राम को लाये हैं, हम उनको लायेंगे" जनता के इस संकल्प की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया।

यह बताता है कि भाजपा कैसे खामोशी से अपना काम कर रही थी, वह मतदाता को न केवल इंटेक्ट कर रही थी, बल्कि निरंतर नये मतदाता जोड़ रही थी और पहली बार भाजपा ने उत्तर प्रदेश में, उत्तर प्रदेश को हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहते हैं, पहली बार हिंदुत्व, विकास, सुरक्षा और कमिटमेंट का एक नया पैग तैयार करके जनता के सामने रखा। जो जनता को बहुत पसंद आया। मुख्यमंत्री आदित्य नाथ की ईमानदार छवि, ट्रांसपेरेंसी और जनता के प्रति निरंतर काम करने का जो उनका चलन देखा गया। उसने भी उनके प्रति आकर्षण पैदा किया।

मोदी व योगी की जोड़ी कुछ भी बड़ा कमाल कर सकती है, यह भी साबित हो गया। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में किसी पार्टी का रिपीट हो जाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में किसी भी केंद्र सरकार को परीक्षा में अव्वल मान लेना यह सब बहुत मुश्किल काम था, जनता की मदद से , जनता जनार्दन के सहयोग से मोदी व योगी ब्रांड ने बहुत आसान कर दिखाया है। और यह भी कहा है कि जितना बड़ा जनसमर्थन होता है, उतनी बड़ी चुनौतियाँ होती हैं।

उन चुनौतियों से पार पाने के लिए उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है। और अगर अपने इस वाक्य पर ये दोनों लोग क़ायम रहते हैं, तो भाजपा उत्तर प्रदेश में एक नया आयाम स्थापित करेगी। एक नया फ़लक बना कर रख देगी। उत्तर प्रदेश देश की राजनीति का बड़ा केंद्र है, प्रधानमंत्री की कुर्सी उत्तर प्रदेश से होकर जाती है, इसलिए इस पर गौर करना सबके लिए ज़रूरी है।

Vidushi Mishra

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