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UP Power Corporation: यूपी पावर कॉरपोरेशन के लिए आफत बनी 'चुनावी घोषणा', अब बकाया बिल चुकाना बंद किया

UP Power Corporation: एक से एक लुभावने वादे होने लगे हैं, जिसमें इस बार बिजली की दरों में कटौती की होड़ दोनों बड़ी पार्टियों बीजेपी और सपा में दिखाई दे रही है। हालांकि, इस मुद्दे की शुरुआत दिल्ली की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने की थी।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 12 Jan 2022 10:07 AM GMT
UP Elections 2022 :
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फोटो- सोशल मीडिया से  

UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले महीने से सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। तारीख और चुनाव के विभिन्न चरणों की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों में मतदाताओं को लुभाने की कवायद तेज हो गई है। एक से एक लुभावने वादे होने लगे हैं, जिसमें इस बार बिजली की दरों में कटौती की होड़ दोनों बड़ी पार्टियों बीजेपी और सपा में दिखाई दे रही है। हालांकि, इस मुद्दे की शुरुआत दिल्ली की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने की थी। लेकिन, प्रदेश के मतदाता या यूं कहें तो बिजली उपभोक्ता ज्यादा तेज निकले।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन (Power Corporation) ने बिजली के बकाएदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना यानी ओटीएस शुरू की थी। प्रारंभ में काफी संख्या में बिजली उपभोक्‍ता (Electricity Consumer) योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे थे। लेकिन, चुनावी सुगबुगाहट शुरू होने और पार्टियों की तरफ से फ्री बिजली देने की घोषणा के बाद बिल भुगतान करने वाले बकाएदारों की संख्या में कमी देखी जा रही है। बकाएदारों को उम्मीद है कि घोषणा करने वाली पार्टी जब सरकार में आएगी तो संभव है कि बकाया बिजली का बिल माफ (electricity bill waived) हो जाएगा।

सभी दलों ने की है बिजली दरों में कटौती की घोषणा

गौरतलब है, कि प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में उनकी सरकार बनाने पर 300 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की है। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि सियासी गलियारों में इस बार बिजली का बिल अहम मुद्दा बनकर उभरा है। इसी के सहारे पार्टियां मध्यम वर्गीय परिवारों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

सपा, आप के बाद बीजेपी भी कर चुकी है वादा

आचार संहिता लगने से पहले किसानों की बिजली दर में कटौती कर बीजेपी ने भी सियासी दांव खेला। इस वजह से योजना में शामिल होने वाले बकायेदारों को चुनाव बाद अपने बिल माफ होते दिख रहे हैं। क्योंकि, किसी भी पार्टी की सरकार बने वो बिजली की दरों में कटौती की बात जरूर कर चुकी है। बता दें, कि गाजियाबाद जिले में एक लाख 36 हजार बकाएदारों से अभी पावर कॉरपोरेशन को वसूली करनी है।

275 करोड़ की वसूली के लिए चिन्हित

एक समाचार चैनल से बातचीत में पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता एस के पुरवार ने बताया, कि 'पहले एक महीने तेजी से बढ़ी योजना, अब चुनावी माहौल में सुस्त रफ्तार पर गई है। योजना की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2022 है। इसके बाद शायद ही योजना की तारीख को बढ़ाया जाए। गाजियाबाद जिले में दो लाख 73 हजार बकाएदार 275 करोड़ की वसूली के लिए ओटीएस के तहत चिह्नित किए गए थे।'

चुनावी घोषणा बनी आफत !

बिजली विभाग के कर्मचारी बताते हैं, कि इन बकाएदारों ने कनेक्शन लेने की तारीख से सितंबर 2021 तक का बिल ही जमा नहीं किया है। बिजलीघरों से लगातार इन बकाएदारों से संपर्क किया गया। मगर, राजनीतिक पार्टियों की घोषणा के बाद बकाएदार बिल जमा करने में अब आनाकानी कर रहे हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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