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UP में बढ़ी बिजली की मांग: गांवों में होगी आधे घण्टे की कटौती, कॉर्पोरेशन का घाटा पहुंचा 97 हजार करोड़

UP Electricity News: कोयले की किल्लत की वजह से कार्पोरेशन ने 19-20 रुपये प्रति यूनिट में बिजली खरीद की थी। जिससे महज़ बीते दो सालों में घाटा 12 हजार करोड़ रुपये रहा।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Monika
Published on: 11 April 2022 9:46 AM GMT (Updated on: 11 April 2022 10:05 AM GMT)
Demand for electricity increased in UP
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UP में बढ़ी बिजली की मांग (photo : social media )

UP Electricity News: उत्तर प्रदेश में एक ओर गर्मी बढ़ती जा रही है। अधिकतम तापमान रोज़ाना 40 डिग्री के पार पहुंचता है। वहीं, अब गर्मी की वजह से बिजली (UP Electricity) की मांग भी बढ़ने लगी है। इससे उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन (UP Power corporation) के लिए सिरदर्दी बढ़ गई है। क्योंकि, जहां कॉर्पोरेशन का घाटा 97 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है। तो, पॉवर कॉर्पोरेशन ने यह फैसला लिया है कि वह 7 रुपये प्रति यूनिट के ऊपर बिजली नहीं ख़रीदेगा। जिससे अब गांवों में आधे घण्टे व तहसील में 23 मिनट की कटौती की जाएगी।

बता दें कि कोयले की किल्लत की वजह से कॉर्पोरेशन ने 19-20 रुपये प्रति यूनिट में बिजली खरीद की थी। जिससे महज़ बीते दो सालों में घाटा 12 हजार करोड़ रुपये रहा। जबकि कुल घाटा 97 हजार करोड़ रुपये तक जा चुका है। नये ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।

बिजली की बढ़ी डिमांड

गांव व तहसील स्तर पर बिजली काटने के पीछे की वजह ज़्यादा ख़पत है। क्योंकि, गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है। सूरज लोगों को पसंद नहीं आ रहा। घरों व ऑफिस में एसी, कूलर, पंखे चलने लगे हैं। इससे डिमांड भी बढ़ गई है। बीते 24 घण्टों की यदि बात करें, तो 20 हजार 800 मेगावाट तक डिमांड बढ़ चुकी है। जबकि, उपलब्धता 20 हजार 636 मेगावाट ही है।

अब कैसा रहेगा बिजली देने का शेड्यूल?

नये शेड्यूल के तहत अब गांवों को साढ़े सत्रह घण्टे और तहसील में इक्कीस घण्टे तीन मिनट बिजली मिलेगी। बाक़ी, जिला मुख्यालय, मंडल मुख्यालय, बुंदेलखंड और महानगरों में पहले की तरह ही बिजली आपूर्ति रहेगी।

क्षेत्र -------------- पुराना शेड्यूल-------------- नया शेड्यूल

• ग्रामीण ------------ अट्ठारह घण्टे -------------- साढ़े सत्रह घण्टे

• तहसील ------------ साढ़े इक्कीस घण्टे -------------- इक्कीस घण्टे सात मिनट

• जिला मुख्यालय ------- चौबीस घंटे -------- चौबीस घंटे

• मंडल मुख्यालय -------- चौबीस घंटे ------- चौबीस घंटे

• बुंदेलखंड ------------ बीस घण्टे ------------ बीस घण्टे

• महानगर ------------- चौबीस घंटे ---------- चौबीस घंटे

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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