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UP Power Privatization: हटाए जाएंगे संविदाकर्मी? कैंसिल हुई बिजली कर्मियों की छुट्टी!
UP Power Privatization: पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ.आशीष कुमार गोयल का कहना है कि हर जगह कंट्रोल रूम स्थापित कर लिए गए हैं। किसी भी आंदोलनात्मक परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कर ली गई है।
UP Power Privatization: उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम में सुधार की आवयश्कता और घाटे को देखते हुए दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की चर्चा ने एक तरफ जहाँ कर्मियों को बगावती बना दिया है तो वहीँ दूसरी तरफ अब विभाग सख्त नज़र आ रहा है। तमाम सवालों के बिच विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि निजीकरण अपनाये जाने के बाद सभी कार्मिकों का हित सुरक्षित है।
कैंसिल की गई बिजली कर्मियों की छुट्टी
विभाग का मानना है कि निजीकरण को लेकर तमाम शंकाओं का समाधान किया जा रहा है उसके बाद भी आन्दोलन को घोषणा की जा रही है, जिसकी वजह से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। हम ऐसा किसी भी हाल में नहीं होने देंगें। बिजली विभाग सभी अभियंताओं और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है और साथ उन नेताओं को भी चिन्हित किया जा रहा है जो बिजली आपूर्ति को नुकसान पंहुचा सकते हैं. विभाग का कहना है कि इसको लेकर किसी भी तरह के आन्दोलन की विडियोग्राफी करवाई जाएगी। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ.आशीष कुमार गोयल का कहना है कि हर जगह कंट्रोल रूम स्थापित कर लिए गए हैं।किसी भी आंदोलनात्मक परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कर ली गई है। विरोधी गतिविधियों में जो हिस्सा लेगा उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संविदा कर्मियों का हित सुरक्षित, विरोध किया तो होगी छुट्टी
पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि पीपीपी मॉडल अपनाये जाने या निजीकरण किये जाने के बाद भी सभी संविदा कर्मियों का हित सुरक्षित है।उन्होंने साफ़ किया है कि साफ किया है कि संविदा एजेंसियों के साथ किए गए अनुबंध रिफॉर्म के तहत भी बने रहेंगे। यहाँ तक की सभी सुविधाएं भी मिलती रहेंगीं। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने यदि संविदा कर्मी फिर आन्दोलन में हिस्सा लेंगे तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संविदा कर्मियों के एजेंसी से बात हो गयी है, जहां कही भी संविदा कर्मी असहयोग करेंगे, उनकी रिकॉर्डिंग होगी। सभी जिलाधिकारियों से वार्ता कर पूरी रणनीति बना ली गयी है। मोबाइल गैंग भी बनाया गया है साथ ही इंटरनेट मीडिया व वाट्सएप ग्रुप की रिकार्डिंग रखी जाए।
निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन अब सात दिसंबर को
छह दिसंबर को कानून व्यवस्था और संवेदनशीलता को देखते हुए समिति द्वारा प्रस्तावित आंदोलन अब सात दिसंबर को होगा। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का कहना है कि बिजली के निजीकरण के विरोध में छह दिसंबर को पूरे देश में विरोध सभाएं करने का आह्वान किया था लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य बनाए रखने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए अब ये कार्यक्रम सात दिसम्बर को होगा। इस कार्यक्रम के तहत सभी जिलों और परियोजना मुख्यालय पर कार्यालय समय के बांद ध्यानाकर्षण सभाएं की जाएँगी।