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UP Electricity: इस गर्मी यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा जोर का झटका, 20 फीसदी से अधिक बढ़ने वाली है दर
UP Electricity Bill: इस बार समय से पहले ही गर्मी ने दस्तक दे दी है। फरवरी का महीना बीता भी नहीं था कि उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया। भीषण गर्मी पड़ने के संभावनाओं के बीच यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक और परेशान करने वाली खबर है।
UP Electricity News: इस बार समय से पहले ही गर्मी ने दस्तक दे दी है। फरवरी का महीना बीता भी नहीं था कि उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया। मौसम विभाग भी 15 मार्च से पहले ही लू चलने का अनुमान जता चुका है। ऐसे में लोग मई-जून की गर्मी के बारे में सोच कर ही घबरा रहे हैं। भीषण गर्मी पड़ने के संभावनाओं के बीच यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक और परेशान करने वाली खबर है।
18 से 23 फीसदी तक दर बढ़ेगी
प्रदेश के बिजली नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें रेट बढ़ाने की बात कही गई है। अप्रैल में इस पर सुनवाई होगी, इसके बाद नई दरें लागू हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, बिजली कंपनियां 18 से 23 फीसदी तक दरों को बढ़ाने की तैयारी में है। नई दर के अमल में आने से प्रदेश के 3 करोड़ बिजली उपभोक्ता प्रभावित होंगे। प्रचंड गर्मी के बीच महंगी बिजली किसी दोहरे झटके से कम नहीं है।
बिजली बढोत्तरी पर सपा के राष्ट्रीय महा सचिव शिवपाल यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। महंगाई को लेकर विरोध जताया है।
नियामक आयोग लेता है आखिरी फैसला
बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर नियामक आयोग ही आखिरी फैसला करता है। बिजली दर बढ़ाने से पहले कंपनियां विज्ञापन देती हैं। उसके बाद उस पर आम उपभोक्ता अपनी आपत्तियां देते हैं। आपत्तियां आने के बाद उस पर आयोग में सुनवाई होती है। उसके बाद नियामक आयोग आखिरी फैसला लेता है। पिछले साल भी बिजली कंपनियों की तरफ से रेट बढ़ाने के प्रस्ताव आए थे, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था। ऊर्जा विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मई के अंतिम और जून के प्रथम सप्ताह तक नई बिजली दर का ऐलान हो जाएगा।
उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
बिजली दरों में इजाफे के प्रस्ताव का उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने जोरदार विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली दर बढ़ाने की बजाय घटाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का सरप्लस पैसा जो कि 25 हजार करोड़ रूपये के आसपास है, विभाग के पास पड़ा हुआ है। उस पैसे का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दी जा सकती है।