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UP Flood News: यूपी के इन जिलों में बाढ़ ने मचाई तबाही, नदियों का जलस्तर बढ़ने से खौफ़ में लोग, जनजीवन अस्त-व्यस्त

UP Flood News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से जन-जीवन प्रभावित हो गया है। आगरा में जहां चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 5.8 मीटर पर पहुंच गया है, वहीं फर्रुखाबाद में नदी के मुहाने पर बसे गांव में फंसे लोग अपने को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

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Written By NetworkPublished By Durgesh Bahadur
Published on: 5 Aug 2021 12:46 PM GMT
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यूपी के कई जिलों में बाढ़ का ख़तरा

UP Flood News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल व्याप्त है। आगरा में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। चंबल नदी 130 मीटर पर खतरे के निशान पर आ जाती है और आज के दिन नदी का जलस्तर 135.8 मीटर तक पहुुँच गया है। वहीं फर्रुखाबाद में नदी के मुहाने पर बसे गांव में फंसे लोग अपने को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

आगरा में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर:

नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाकों के 10 गांव और रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। वहीं बाह तहसील के 10 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। इन गांवों में आवाजाही पूरी तरह से बंद है। चंबल के बढ़ते जलस्तर के कारण लोग घर से पलायन कर अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे टीलों पर तंबू बनाकर रहने लगे हैं। परिवार के साथ पशुओं को सुरक्षित करने में जुटे हैं। गांव में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने प्रभावित गांवों का दौरा कर निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

नदी का जलस्तर बढ़ने पर क्षेत्रों का निरीक्षण करते अधिकारी

क्या है चंबल के बढ़ते जलस्तर की वजह इसे भी जानिए-

बता दें कि मध्यप्रदेश में हो रही बारिश और कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। हालांकि कुछ समय से स्थिति स्थिर बनी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ समय में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ जाएगी।

लोगों की मदद के लिए चलवाये जा रहे चार स्टीमर-

बुधवार को चंबल नदी का जलस्तर पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 130 मीटर को पार कर 132.7 तक बढ़ गया था। गुरुवार को जलस्तर बढ़कर 135.8 मीटर देर रात तक पहुंच गया है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तटवर्ती इलाकों के बाढ़ प्रभावित गांवों में मदद के लिए जिला प्रशासन चार स्ट्रीमर चलवा रहा है। लोगों तक स्टीमर के जरिये खाद्य और राहत सामग्री भेजी जा रही है।

लोगों की मदद के लिए बनाई गई 10 बाढ़ चौकियां-

लोगों की मदद के लिए बाढ़ प्रभावित गांवों के आसपास 10 बाढ चौकियां स्थापित कर दी गई है। बाढ़ चौकियों पर तहसील कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।

सभी को ग्रामीणों की हरसंभव मदद करने के लिए निर्देशित किया गया है। जरूरतमंद ग्रामीणों की मदद के लिए तहसील बाह को ढाई लाख और तहसील खेरागढ़ को एक लाख रुपये प्रदान किये गए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा-

चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर से कई मकान और दुकान पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। गांव में जलभराव के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्वास्थ्य विभाग की टीम दो लोगों की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप कर लोगों की मदद करने में जुटी हुई है। बाढ़ प्रभावित गांव उमरैठा पुरा के आसपास स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैदी से काम कर रही है।

गांव में लगे विद्युत पोल पानी में डूबे, पूरी तरह चरमराई गांवों की विद्युत व्यवस्था-

गांव में बाढ़ आने की वजह से विद्युत पोल पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। गांवों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई है। विद्युत आपूर्ति बंद होने की वजह से बाढ़ प्रभावित गांवों में बने लोगों के आशियाने अंधेरे में डूब गए हैं। लोग बेहद परेशान हैं और टीलों पर टेंट लगाकर परिवार और जानवरों के साथ रात बिताने को मजबूर हैं। (इनपुट- Rahul Thakur)

फर्रूखाबाद में नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब स्थिर-

फर्रूखाबाद में नदी के मुहाने पर बसे गांव में फंसे लोग अपने को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। बाढ़ से संपर्क मार्गों के डूब जाने से आवागमन की भी समस्या गहरा गई है। कई गांवों के बाढ़ में डूबने से हाहाकार मचा है। गांवों में अभी तक मदद पहुंचाने का काम नहीं किया जा रहा है। दूर-दराज के गांव में भी राहत कार्य को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं। नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब ही स्थिर है। बांधों से सुबह-शाम को भी भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। स्थिर जलस्तर मेंं और बढ़ोत्तरी की संभावना है।

नदी का जलस्तर बढ़ने से खौफ़ के साये में जीने को मजबूर लोग

गंगा नदी का पानी जिस तेजी के साथ बढ़ा है, उससे दो दर्जन से अधिक गांवों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। तीसराम की मड़ैया, हरसिंहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, आशा की मड़ैया, अंबरपुर, भुड़डन की मड़ैया, कुड़री, लायकपुर, कलेक्टरगंज, आसमपुर, भाऊपुर, जोगराजपुर, बमियारी, हमीरपुर, फुलहा, माखन नगला, नगला दुर्ग के लोग परेशान हो रहे हैं। रास्ते भी पानी से घिरे हुए हैं।

गंगानदी का जलस्तर 137 मीटर पर स्थिर रहा जो कि खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर दूर है। रामगंगा नदी का जलस्तर भी 135.75 मीटर पर स्थिर है। आज सुबह गंगा में नरौरा बांध से 87 हजार 330 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, बिजनौर बांध से 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, हरिद्वार से 79 हजार 512 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके साथ ही खो, हरेली, रामनगर बैराज से 5,535 क्यूसेक पानी पास किया गया है। यह पानी 15 घंटे के भीतर यहां आने की संभावना है।

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कंपिल और शमसाबाद तराई के अलावा गंगापार और कमालगंज के नदी किनारे कई गांव में हड़कंप मचा हुआ है। एक दर्जन से अधिक संपर्क मार्गों पर निकलना मुश्किल हो रहा है। हरिहरहपुर, दौलतपुर, मोहद़दीपुर, बरुआ, बमियारी, सबलपुर, फकरपुर, बनासीपुर, किराचन, गौटिया, लायकपुर, कुसमापुर, कुतलूपुर आदि गांव के संपर्क मार्गों से निकलना दूभर है। बदायूं रोड पर चित्रकूट गांव के सामने पानी चल रहा है। इससे छोटे वाहन घूमकर निकल रहे हैं। (इनपुट-Dilip Katiyar)

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