TRENDING TAGS :
यूपी के इन जिलों में बाढ़ ने मचाई तबाही, नदियों का जलस्तर बढ़ने से दहशत में लोग, हाई अलर्ट जारी
UP Flood News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल व्याप्त है।
UP Flood News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। कई राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदियों में पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद जालौन से होकर होकर गुजरने वाली नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिससे जिले में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिसे देखते हुए आज जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित गांवों व नदियों का निरीक्षण किया और सुरक्षा के लिहाज से 30 बाढ़ चौकियां बनाई हैं।
बता दें कि कई राज्यों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। वहीं डैमो में जमा छोड़ने के बाद जालौन में भी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जालौन से होकर निकलने वाली यमुना एवं बेतवा नदी का जलस्तर अचानक तेजीसे बढ़ गया। युमना नदी अपने खतरे के निशान से 108 अभी 1 मीटर नीच बह रही है। फिलहाल बाढ़ को खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 7 स्थानों पर बाढ़ सुरक्षा केंद्र बनाकर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है।
वहीं लोगों को पानी से दूर रहने के दिशानिर्देश दिए तो बाढ़ सुरक्षा बढ़ाई गई है। वहीं बाढ़ के खतरे को लेकर ग्रामीण काफी परेशान नज़र आ रहे हैं। कहीं 2019 जैसे हालात फिर से न देखने को मिल जाए। बाढ़ से गांवों को काफी नुकसान होता है हालांकि प्रशासन सर्वे कराकर मुआवजा तो दिलाती है लेकिन किसानों की मेहनत पर बाढ़ के पानी के साथ बह जाती हैं। जिले के कुल 1155 गांवों मे से 158 गांव बाढ़ से प्रभावित रहते है। बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने नाविकों के मोबाइल नम्बरों के साथ लाइफ जैकेट, सेफ्टीकोन, हेलमेट, मेगाफोन, वाटर पंप, सेफ्टी बूट का पर्याप्त मात्रा में इंतजाम कर दिये है।
जालौन डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि जिले से तीन नदियां निकलती हैं जिसमे से यमुना व बेतबा नदी के जलस्तर में व्रद्धि हो रहीं है बाढ़ की आशंका को लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है। सुरक्षा के लिए हर गांव में बाढ़ चौकियां बनाई गई है जिसमे प्रधान को नोडल बनाया गया है। जिले के 158 ऐसे गांव हैं जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं इन गांवों में कृषि को लेकर भी सर्वे कर लिया गया ताकि किसी को आर्थिक क्षति न हो। (इनपुट- Afsar Haq)
इटावा में बाढ़ से प्रभावित हुए लोग
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के इटावा चम्बल नदी का जलस्तर चेतावनी पॉइंट से 5 मीटर ऊपर पहुंचने पर कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लगातार भारी बारिश के चलते कोटा बैराज से 3.70 लाख क्यूसेक पानी छोडे जाने के बाद आज 1.25 लाख क्यूसेक पानी और छोडे जाने के बाद चंबल नदी उफान पर है। जिससे निचले इलाकों के कई प्रभावित गांव एंव संपर्क मार्ग बाढ की चपेट में आ चुके हैं। लोग नाव के जरिये अपने सामान को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे। इसके अलावा बाढ़ के चलते किसानों की हजारों बीघा बाजरा आदि की फसल नष्ट हो चुकी है। लगातार बढं रहे जलस्तर से क्षेत्र की जनता भयभीत नजर आ रही है।
मंगलवार को चंबल नदी का जलस्तर चेतावनी पॉइंट से ऊपर होने पर और नदी किनारे बसे गावों के करीब पानी पहुंचने पर जिलाधिकारी श्रुति सिंह के साथ उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ द्वारा टीम के साथ बढ़पुरा क्षेत्र के ग्राम मड़ैया पछायागांव,वसवारा एवं बढ़पुरा मड़ैया का भ्रमण किया था। चंम्बल नदी का जलस्तर चेतावनी केंद्र से ऊपर होने की सूचना के बाद उपजिलाधिकारी द्वारा ग्रामीणों को ऊपरी स्थानों पर जाने को कहा गया था। साथ ही पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिये निर्देशित किया गया है ताकि किसी प्रकार की जन हानि अथवा पशु हानि नहीं हो।
लगातार बढ़ रहा चम्बल नदी का जलस्तर
लगातार बढ़ते चम्बल नदी का आज जलस्तर 125. मीटर को पार कर चुका है और चेतावनी पॉइंट से 5 मीटर ऊपर पानी बह रहा है। जिसके कारण बढपुरा ब्लॉक के मडैया पछांयगाव, ग्राम बसवारा, बढपुरा मडैया, सहित तीन गाँव बाढ से प्रभावित हो चुके हैं। वहीं एसडीएम ने बताया अभी 125 मीटर पानी हो चुका है आज रात्रि में लगभग 2 फ़ीट और जलस्तर बढ़ने की संभावना है। जिन इलाकों में अभी मार्ग जलमग्न हुए आज रात्रि में 10 फ़ीट पानी और बढ़ सकता है। बाढ़ प्रभावित गांवो पर जिला प्रशासन अपनी बराबर नजर बनाए रखे हुए हैं।
उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ लगातार प्रभावित गावों का दौरा कर लोगों अलर्ट व लोगों को सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामात करा रहे हैं। भ्रमण के दौरान डिप्टी कलेक्टर रितु प्रिया, तहसीलदार सदर गजराज सिंह आदि मौजूद रहे। सपा पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव, बढ़पुरा ब्लॉक प्रमुख़ उपविजेता आनंद यादव, महिला सभा जिला अध्यक्ष ने बाढ़ पीड़ितों से गांव में जाना हाल चाल प्रसाशन द्वारा कोई भी सुविधा मुहैया न कराए जाने को लेकर लगाए आरोप कहा एक गांव में लगभग 15 सौ से अधिक ग्रामीण फंसे हुए हैं लेकिन प्रसाशन राहत सामग्री अब तक नही पहुंचा सका। (इनपुट- Uvaish Choudhari)
फतेहपुर जिले में हाई अलर्ट जारी
इसके अलावा फतेहपुर जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र में प्रशासन ने यमुना नदी में बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। सूचना मिली है राजस्थान धौलपुर बैराज से बुधवार सुबह करीब 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे यमुना नदी में 2019 से अधिक बाढ़ की आशंका जताई गई है। 2019 में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चल रहा था जिसको लेकर थाना क्षेत्र की मडौली किशनपुर गढ़ा तीनों बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है तथा यमुना तटवर्ती सभी गांव में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है।
किशनपुर पुलिस ने यमुना तटवर्ती गांव के लोगों से अनुरोध किया है बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी लोग सतर्क रहें किसी भी समस्या या सुझाव के लिए क्षेत्रीय पुलिस प्रशासन की मदद के लिए मोबाइल नंबर-9454403346 पर काल कर मदद लें सकते हैं। थानाध्यक्ष शेर सिंह राजपूत ने बताया संभावित बाढ़ को देखते हुए नाविक गोताखोर सहित बाढ़ बचाव संसाधन संबंधित सभी व्यवस्था हो चुकी है बाढ़ प्रभावित सभी गांवो में अलर्ट जारी किया गया है। ग्राम प्रधानों को सतर्क रहने के निर्देश दिया जा चुका है वही बाढ़ की चेतावनी पर जिला प्रशासन के निर्देश पर खागा एसडीएम आशीष सिंह सहित प्रशानिक अमल अभी से लग गया गया है। (इनपुट- Ramchandra Saini)
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।