UP के 12 जिलों पर खतरा: बाढ़ ने मचाई तबाही, टापू बने इतने गांव

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। वहीं हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। ये चिंता की बात है कि पिछले 24 घंटों में राज्य के अन्य 11 गांवों में बाढ़ के पानी सैलाब बनकर आया और गाँव टापू में तब्दील हो गए।

Shivani
Published on: 2 Aug 2020 3:52 AM GMT
UP के 12 जिलों पर खतरा: बाढ़ ने मचाई तबाही, टापू बने इतने गांव
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UP flood threats 12 districts rivers flowing above danger mark

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। वहीं हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। ये चिंता की बात है कि पिछले 24 घंटों में राज्य के अन्य 11 गांवों में बाढ़ के पानी सैलाब बनकर आया और गाँव टापू में तब्दील हो गए। बता दें की अब तक कुल 78 गांव जलमग्न हो गए हैं।

24 घंटों में राज्य के 11 गांवों में बाढ़ का सैलाब

देशभर कई राज्य बाढ़ के पानी से परेशान है, इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ जनजीवन पर असर डाल रही है। यहां कुल 12 जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं। इनमें बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुरखीरी, आजमगढ, गोंडा, संत कबीर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर शामिल है। वहीं कुल 78 गाँव टापू बन चुके हैं।

शारदा,राप्ती और सरजू उफान पर

यूपी में कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर आ गयी हैं। इसमें शारदा,राप्ती और सरजू उफान पर हैं और बांधों पर खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। नेपाल और उत्तराखंड में घाघरा के कैचमेंट क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर है।

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5 दिन बारिश न होने की सम्भावना:

वहीं मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का कोई अनुमान नहीं जारी किया है, ऐसे में उम्मीद जता जा रही है कि नदियों का जलस्तर कम हो सकता है। जलस्तर में कमी आने से गावों और कस्बों में भरा जल खत्म हो सकता है।

यूपी के इन जिलों पर खतरा:

बलरामपुर और बस्ती जिले में जलस्तर के अलावा एक नया खतरा मडराने लगा है। दोनों जिलों के जिलाधिकारियों ने नदी के तटबंध में कहीं कहीं कटान का अंदेशा जताया है। हालाँकि बलरामपुर और बस्ती में तटबंध टूटने की स्थिति आने की दिशा में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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बाढ़ से निपटने की ये व्यवस्था

-सरकार के आदेश पर बाढ़ प्रभावित जिलों में 95 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। हालंकि अब तक इन शरणालयों में रहने की स्थिति नहीं आई है। सभी अभी पूरी तरह खाली हैं।

-जिन गांवों से सम्पर्क टूट गया है वहां 650 से ज्यादा नावें लगाई गयी हैं।

-एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की 16 टीमें भी तैनात की गयी हैं।

-लगभग 5000 खाने-पीने का पैकेट लोगों में बांटे जा चुके है। राहत किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 5 लीटर केरोसिन, 2 किलो दाल, माचिस, बिस्कुट और दूसरी जरूरी सामान हैं।

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