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UP News: पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने बीजेपी को क्षत्रिय विरोधी बताया, कहा EWS रिजर्वेशन में जानबूझ कर नुकसान किया
Former DGP Sulkhan Singh: यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है।
UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। सिंह ने भाजपा को क्षत्रिय विरोधी करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए EWS आरक्षण को क्षत्रियों के खिलाफ एक षड्यंत्र बताया है। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने कहा कि बीजेपी क्षत्रियों से नफरत करती है। इसलिए आरक्षण का लाभ लेने के लिए ऐसा पैमाना तय किया गया है कि जिससे इस वर्ग से आने वाले अधिकांश लोग इसका लाभ न सके।
फेसबुक पोस्ट में बीजेपी पर साधा निशाना
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने एक लंबा-चौड़ा फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि बीजेपी किस तरह गरीब क्षत्रियों का हक मार रही है। भाजपा की क्षत्रियों से नफरत और गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण के शीर्षक से लिखी गई पोस्ट में सिंह ने लिखा, काफी पहले मैंने गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का विरोध किया था। मैंने साफ कहा था कि ये एक चाल है कुछ लोगों द्वारा बचे-खुचे 50 प्रतिशत पदों को हड़पने का षड्यंत्र है। गरीबी का पैमाना ऐसा बनाया जाएगा कि EWS का प्रमाण पत्र कुछ वर्ग के लोग ही ले जाएंगे।
अभी अपने एक रिश्तेदार के मामले में इस व्यथा को देखा। EWS के लिए आठ लाख रूपये सलाना आय रखी गई है। लेकिन यदि किसी के पास पांच एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि है तो वह EWS के दायरे से बाहर हो जाएगा, भले ही उसकी आय कुछ भी हो। कोई भी व्यक्ति समझ सकता है कि पांच एकड़ से 8 लाख रूपये की आय तो दूर 4 लाख भी नहीं आ सकता है। यह शासनादेश भारत सरकार द्वारा जानबूझकर खेतीबाड़ी में लगे सवर्णों को आरक्षण श्रेणी से बाहर रखने के लिए जारी किया गया है।
खेतीबाड़ी ही जिनकी आजीविका है और जो पिछड़ा वर्ग और एससी और एसटी के आरक्षण में नहीं आते हैं, वे हैं क्षत्रिय। अनारक्षित श्रेणी में क्षत्रिय ही ऐसे हैं, जो अधिकांशतः खेतीबाड़ी पर निर्भर है। पांच एकड़ की यह सीमा जानबूझकर क्षत्रियों को आरक्षण से बाहर करने के लिए की गई है। भाजपा सरकार क्षत्रिय विरोधी है, क्षत्रियों से नफरत करती है। और क्षत्रिय हैं कि भाजपा की चाल में फंसकर अपनी ही दुर्दशा पर आगे-आगे उछल रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य का किया था समर्थन
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने रामचरितमानस विवाद के मुद्दे पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि मौर्य के बयान पर अभिजात्य वर्ग की प्रतिक्रिया ठीक नहीं है। उन्होंने मानस का अपमान नहीं किया, बस कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। सिंह ने यहां तक कह दिया कि हिंदू समाज के तमाम प्रदूषित और अमानवीय धर्मग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी। बता दें कि बीजेपी के खिलाफ मुखर पूर्व आईपीएस अफसर सुलखान सिंह साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्हें प्रदेश की डीजीपी बनाया था। सीएम योगी ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार भी दिया था। वह मुख्यमंत्री के गुडबुक में गिने जाते थे।