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UP Foundation Day: कैसे हुई यूपी दिवस मनाने की शुरुआत, इस बार क्या हैं खास तैयारियां

Uttar Pradesh Foundation Day 2023: इस बार भी स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश में तीन दिवसीय कार्यक्रम की खास तैयारियां की गई हैं। उत्तर प्रदेश दिवस मनाए जाने की शुरुआत की कहानी भी दिलचस्प है।

Anshuman Tiwari
Published on: 23 Jan 2023 1:40 AM GMT
Uttar Pradesh Foundation Day
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Uttar Pradesh Foundation Day (Social Media)

Uttar Pradesh Foundation Day: उत्तर प्रदेश की गिनती देश के सबसे महत्वपूर्ण सूब के रूप में की जाती है। सियासी नजरिए से तो उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा महत्व है क्योंकि दिल्ली की सत्ता का फैसला उत्तर प्रदेश से ही तय होता है। उत्तर प्रदेश मंगलवार को अपना 74वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस बार भी स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश में तीन दिवसीय कार्यक्रम की खास तैयारियां की गई हैं। उत्तर प्रदेश दिवस मनाए जाने की शुरुआत की कहानी भी दिलचस्प है। प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक की पहल पर 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई थी। अब इस आयोजन को काफी भव्य तरीके से मनाया जाने लगा है।

इस बार स्थापना दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी लखनऊ और नोएडा में आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में भी कार्यक्रमों की योजना तैयार की गई है।

महाराष्ट्र में हुई यूपी दिवस मनाने की शुरुआत

ब्रिटिश शासनकाल में 1902 में नॉर्थवेस्ट प्रोविंस का नाम बदलकर यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध किया गया था। आम बोलचाल यानी शॉर्टकट में इसे यूपी कहा जाने लगा। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत की जगह इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया। मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश दिवस मनाए जाने की शुरुआत पहले महाराष्ट्र में हुई थी। प्रदेश से जुड़े लोगों ने महाराष्ट्र में 24 जनवरी 1989 को इसकी शुरुआत की थी। इस आयोजन की शुरुआत का श्रेय अमरजीत मिश्र को दिया जाता है। हालांकि इसे लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आपत्ति भी जताई थी और उसका कहना था कि इस दिन को महाराष्ट्र में मनाए जाने का क्या मतलब है।


योगी सरकार के समय प्रस्ताव को मिली मंजूरी

अमरजीत की इच्छा थी कि उत्तर प्रदेश में भी स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए। राम नाइक के उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनने पर उन्होंने यह प्रस्ताव उनके सामने रखा। उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार के पास भेजा मगर प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी। बाद में राज्य में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा सरकार का गठन होने पर गवर्नर ने एक बार फिर राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा। योगी सरकार ने राज्यपाल के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने का फैसला किया। साल 2018 से ही इस दिन को स्थापना दिवस के तौर पर उत्तर प्रदेश में मनाया जाने लगा।


प्रदेश के विभाजन के बाद बना उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश पहले भौगोलिक रूप से और फैला हुआ था मगर सन 2000 में उत्तर प्रदेश का विभाजन हुआ। दरअसल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों के लोग लंबे समय से अलग उत्तरांचल राज्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में प्रदेश का विभाजन करके एक नए राज्य का गठन किया गया और इस राज्य को उत्तराखंड के नाम से जाना जाने लगा। हालांकि प्रदेश के और विभाजन की मांग भी समय-समय पर उठती रही है मगर इन मांगों को राजनीतिक व सामाजिक रूप से ज्यादा समर्थन नहीं मिल सका।


सियासी नजरिए से सबसे अहम राज्य

उत्तर प्रदेश को सियासी नजरिए से देश का सबसे अहम राज्य माना जाता है क्योंकि यहां पर लोकसभा की 80 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करने वाली पार्टी की दिल्ली में सरकार बननी तय मानी जाती है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करके दिल्ली में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की थी। देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी सियासी दलों ने अभी से ही कमर कसनी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के सियासी महत्व को इस नजरिए से भी समझा जा सकता है कि इस प्रदेश ने देश को आठ प्रधानमंत्री दिए हैं। प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं। आजादी के बाद लंबे समय तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का एकछत्र राज्य रहा। बाद में 80 के दशक में प्रदेश की सियासी तस्वीर बदलने लगी। भाजपा, समाजवादी पार्टी और बसपा के मजबूत होकर उभरने के बाद कांग्रेस की सियासी पकड़ अब काफी कमजोर पड़ चुकी है।


तीन दिवसीय कार्यक्रम की तैयारियां

प्रदेश के स्थापना दिवस पर इस बार भी तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के मुताबिक पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी जन सहभागिता से तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोजन के संबंध में जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश दिवस का राज्यस्तरीय आयोजन लखनऊ में अवध शिल्प कला केंद्र और नोएडा में नोएडा शिल्पग्राम में आयोजित किया जाएगा। जिला स्तरीय आयोजन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किए जाएंगे। जिलों में होने वाले आयोजन के लिए जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस बार उत्तर प्रदेश दिवस के आयोजन का मुख्य विषय निवेश और रोजगार है। इस कारण प्रदेश सरकार की ओर से निवेश और रोजगार पर आधारित रोड शो, संगोष्ठियों और उद्यमी सम्मेलन आदि कार्यक्रम प्रमुखता से आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

Durgesh Sharma

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