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भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक का सवाल बनीं ये दो सीटें

Newstrack
Published on: 17 Feb 2018 1:17 PM IST
भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक का सवाल बनीं ये दो सीटें
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शारिब जाफरी

लखनऊ: यूपी की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा था। एक तरफ जहां भाजपा दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगाएगी, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उपचुनाव में जीत दर्ज कर लोकसभा चुनाव से पहले बढ़त हासिल करने की कोशिश में है। गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपुर लोकसभा सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने से खाली हुई है। इन दिग्गजों का नाम जुड़ा होने के कारण ये दोनों सीटें भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गयी हैं। ये दोनों लोकसभा सीटों से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य बन गए हैं। उपचुनावों के लिए अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदवारों के पत्ते नहीं खोले हैं।

दिलचस्प लड़ाई की उम्मीद : यूपी में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा के लिए गोरखपुर लोकसभा सीट नाक का सवाल है। इस सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं। आदित्यनाथ से पहले उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ इस सीट से लगातार तीन बार विजयी हुए थे। आजादी के बाद फूलपुर लोकसभा सीट पर 2014 के आमचुनावों में भाजपा को पहली बार जीत मिली थी। इस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य ने 3 लाख 8 हजार 308 वोटों से जीत हासिल की थी। केशव मौर्य को इस सीट पर 32.39 फीसदी वोट मिला था। फूलपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस सीट पर पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अब यह दोनों सीटें 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाले सत्ताधारी दल के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गयी हैं। योगी सरकार के लिए ये दोनों सीटें ही लिटमस टेस्ट मानी जा रही हैं।

राजस्थान के चुनावी नतीजों से भाजपा सतर्क : हाल में आए राजस्थान की अलवर व अजमेर के अलावा पश्चिम बंगाल की उलबेरिया लोकसभा सीट के नतीजे भाजपा को सतर्क रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं। खास तौर से राजस्थान में मिली हार भाजपा के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। यही कारण है कि भाजपा गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती है। भाजपा पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उम्मीदवारों के नामो के ऐलान का इन्तजार कर रही है। फूलपुर सीट पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने के मूड में हैं। यही वजह है कि पिछले तीन महीनो से केशव मौर्य इलाके में खासे सक्रिय रहे हैं। हालांकि वे खुद ऐसी किसी भी संभावना से इनकार कर रहे हैं।

बोर्ड परीक्षा का भी दिख सकता है असर : दोनों सीटों के चुनाव में राजस्थान के परिणाम के साथ यूपी में हो रही बोर्ड परीक्षाओं का असर भी दिखाई पड़ सकता है। दरअसल योगी सरकार ने नकल रोकने के लिए सख्ती कर रखी है। परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। एक्जाम में सख्ती के चलते अब तक 10 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं परीक्षा छोड़ चुके हैं। अब जानकारों का कहना है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में इसका असर दिखाई पड़ सकता है।

भाजपा को काम के दम पर जीत का विश्वास : गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस उपचुनाव में जीत का दावा कर रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी उपचुनावों से दूर रहेगी। योगी सरकार के मंत्री महेन्द्र सिंह कहते हैं कि केन्द्र और प्रदेश सरकार की नीतियों पर जनता को भरोसा है। यही वजह है कि पिछले 10 महीने में के कामों में सरकार के सबका साथ, सबका विकास का नारा साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि उपचुनाव में पार्टी और बड़े अंतर से जीत हासिल करेगी।

सपा को भरोसा,जनता भाजपा को सबक सिखाएगी : एक तरफ जहां भाजपा जीत का दम भर रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी का उपचुनावों को लेकर अपना तर्क है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन कहते हैं कि मतदाता गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को उसकी वादाखिलाफी के लिए सबक सिखाएंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जो वादे किए थे वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सपा गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर देगी।

कांग्रेस पूरे दमखम से लड़ेगी उपचुनाव : कांग्रेस एमएलसी व गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले दीपक सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। खासकर कानून एवं व्यवस्था के मामले में सरकार बुरी तरह नाकाम साबित हुई है। दीपक कहते हैं कि कांग्रेस गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव पूरे दम खम से लड़ेगी। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में प्रदेश में डर का माहौल है और किसानों की दुश्वारियां खत्म लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में जनता उपचुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी।

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