आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मेरिट के आधार पर नियुक्ति करें- राज्यपाल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति की प्रक्रिया उनकी सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले से शुरू की जानी चाहिए, ताकि केन्द्रों पर रिक्तता की स्थिति उत्पन्न न होने पाये। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे पोषण अभियान का लाभ सभी लाभार्थियों तक हर हालत में पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

Monika
Published on: 28 Sep 2020 1:27 PM GMT
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मेरिट के आधार पर नियुक्ति करें- राज्यपाल
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति की प्रक्रिया उनकी सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले से शुरू की जानी चाहिए, ताकि केन्द्रों पर रिक्तता की स्थिति उत्पन्न न होने पाये। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे पोषण अभियान का लाभ सभी लाभार्थियों तक हर हालत में पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत कार्यकत्रियों के रिक्त पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ स्थानीय स्तर पर मेरिट के आधार पर नियुक्ति करें, जिससे न्यायालय को दखल करने का मौका न मिले और नियुक्ति बाधित न होने पाये।

कार्य की प्रस्तुतीकरण सराहनीय

राज्यपाल ने आज यहां राजभवन से जिलाधिकारी, वाराणसी द्वारा वीडियोे कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुचारू रूप से चलाने एवं कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने आदि के संबंध में दिए जा रहे प्रस्तुतीकरण के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा सबका सहयोग लेकर जो कार्य किया जा रहा है, उसका प्रस्तुतीकरण सराहनीय है, लेकिन इसका प्रतिफल आप लोगों को एक साल बाद दिखायी देगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति की प्रक्रिया उनकी सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले से शुरू की जानी चाहिए, ताकि केन्द्रों पर रिक्तता की स्थिति उत्पन्न न होने पाये।

सरकार की अच्छी बाते बताए

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जननी सुरक्षा एवं मातृबन्दन योजना के तहत जो पैसा सगर्भा माताओं के लिए पोषण आहार के लिए दिए जाते हैं, उसका उपयोग सगर्भा माताएं केवल पोषण आहार लेने में ही करें। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सहयोग से यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सगर्भा ग्रामीण महिलाओं की डिलवरी सौ प्रतिशत सरकारी अस्पतालों में ही हो न कि दाई के माध्यम से घर में। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से ऐसी माताओं को बच्चों के जन्म देने के पहले से ही जागरूक किया जाए और उन्हें गर्भ संस्कार की अच्छी-अच्छी बातें बतायी जानी चाहिए।

सम्मानित होंगे ये सभी

राज्यपाल ने जिलाधिकारी को सुझाव दिया कि वे अपने जनपद में इस आशय की बड़ी-बड़ी होर्डिंग महत्वपूर्ण स्थानों पर लगावायें कि ‘हम काशी को टी0बी0 मुक्त, कुपोषित मुक्त एवं स्वच्छ काशी बनायेंगे, इसमें सभी सहयोग करें।’ ऐसी होर्डिंग को देखकर बहुत से लोग, स्वयंसेवी संस्थायें, व्यापारी आदि स्वेच्छा से सहयोग के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने जिलाधिकारी से यह भी कहा कि लाॅकडाउन के दौरान जिन-जिन लोगों ने अथवा एनजीओ, स्वैच्छिक संस्थाओं और व्यापारियों ने जनता को सहयोग कर उल्लेखनीय कार्य किए हैं, उनकी सूची तैयार करें ताकि उन्हें उनके निःस्वार्थ सहयोग के लिए सम्मानित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अगले माह वाराणसी भ्रमण के दौरान वे स्वयं ऐसे कोरोना वारियर्स को सम्मानित करेंगी।

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ऑनलाइन जुड़े राज्य मंत्री

इस अवसर पर ऑनलाइन जुड़े प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ नीलकंठ तिवारी ने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि उनके सुझाव का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। इससे पहले वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित गतिविधियों का आॅनलाइन प्रस्तुतीकरण राज्यपाल के समझ प्रस्तुत किया। इस मौके पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे।

श्रीधर अग्निहोत्री

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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