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उप्र सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के तहत मिलने वाली राशि बढ़ायी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया । बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'पहले 200 रूपये राज्य का अंश था और 200 रूपये केन्द्र का अंश था । अब राज्य के अंश में 100 रूपये की वृद्धि की गयी है ।' 

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By PTI
Published on: 11 Jun 2019 10:56 AM GMT
उप्र सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के तहत मिलने वाली राशि बढ़ायी
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया । बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'पहले 200 रूपये राज्य का अंश था और 200 रूपये केन्द्र का अंश था । अब राज्य के अंश में 100 रूपये की वृद्धि की गयी है ।'

उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से 79 वर्ष आयु वाले पेंशन धारकों के लिए पेंशन राशि अब 500 रूपये होगी जो पहले 400 रूपये थी । उन्होंने कहा, 'एक जनवरी से इसे लागू किया जाएगा । 79 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पहले ही 500 रूपये दिये जा रहे हैं । :फैसले के कारण: इस पर 2018—19 में खर्च लगभग 106 . 84 करोड़ रूपये आएगा जबकि 2019—20 में 480 करोड रूपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा ।'

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शर्मा ने कहा, 'मुख्यमंत्री प्रतिबद्ध हैं कि बुजुर्गों को इस पेंशन का लाभ मिले ।' उन्होंने बताया कि इस योजना के लगभग 41 लाख लाभार्थी हैं । अभी हाल ही में शिविर लगाया गया था । उसमें लगभग चार लाख 21 हजार आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी हैं । सात लाख आवेदन प्रक्रिया में हैं ।

शर्मा के साथ संवाददाता सम्मेलन को राज्य सरकार के ही एक अन्य प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने संबोधित किया । उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने रायबरेली एम्स से संबंधित एक फैसला किया है । वहां एम्स का निर्माण चल रहा है और अगले साल यानी अप्रैल 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है ।

सिंह ने बताया कि एम्स के निर्माण के लिए जमीन पर बने जर्जर घरों को ध्वस्त किया जाएगा । कुल 76 आवास ध्वस्त होंगे, जिनमें 47 आवास टाइप—1 और 29 टाइप—3 हैं ।

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उन्होंने बताया कि अगला फैसला पीजीआई से संबंधित है । पीजीआई एम्स के मैनुएल का अनुसरण करती है । एम्स ने रेजीडेंट डाक्टरों की आयु 35 साल से बढाकर 37 वर्ष की है । पीजीआई में भी एम्स के दिशानिर्देश का पालन करते हुए आयुसीमा में संशोधन किया है और रेजीडेंट डाक्टरों की आयु बढाकर 37 वर्ष करने का प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर किया ।

सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा :अध्यापक: सेवा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर हुआ है । अब प्रदेश के जूनियर बेसिक स्कूलों यानी पहली से पांचवी कक्षा तक बीएड डिग्री धारक भी प्राथमिक शिक्षक बन सकेंगे । ऐसे व्यक्तियों को नियुक्ति के दो साल के भीतर प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा ।

(भाषा)

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