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गांवो में छुटटा गाय - बैलों से फसलों की तबाही रोकेगी सरकार, ये है प्लान

Anoop Ojha
Published on: 2 July 2018 6:02 PM IST
गांवो में छुटटा गाय - बैलों से फसलों की तबाही रोकेगी सरकार, ये है प्लान
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राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ: छुट्टा गोवंशीय पशु किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें इनका निशाना बन रही है। प्रदेश में ऐसे पशुओं की संख्या 15 लाख से ज्यादा है। इनसे किसानों की फसल बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने प्लान तैयार किया है। बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों को छोड़कर शेष 68 जिलों में गो-संरक्षण केंद्र बनाने की तैयारी है। नगर निगम क्षेत्रों में निराश्रित गोवंश का पालन करने वाली गोशालाओं को भी धनराशि देने का प्रावधान किया गया है। उधर पहले से ही सेक्स्ड सार्टेड स्कीम के तहत मादा गोवंश के प्रजनन को बढावा दिया जा रहा है। ताकि उपयोगी गोवंश ही जन्में।

छुट्टा गोवंश पालन वाले को प्रति पशु प्रतिदिन 30 रूपये मिलेंगे

सीएम योगी आदित्यनाथ ने छुटटा पशुओं की बढती संख्या से उपजी समस्या के निराकरण के लिए पिछले साल अगस्त में बैठक की थी। इसके मुताबिक यदि कोई गोशाला छुटटा गोवंश की देखभाल करती है तो उसे प्रति पशु प्रतिदिन 30 रूपये की दर से भुगतान किया जाएगा। यह जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को सौंपी गई थी। पर अफसरों ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। गो सेवा आयोग ने नगर निकायों से कांजी हाउस के मरम्मत के निर्देश भी दिए हैं।

हर जिले को 1.20 करोड़ रूपये, बनेंगे गो—संरक्षण केंद्र

यूपी में निराश्रित गोवंश से किसानों की दिक्कत हल करने के लिए 68 जिलों में एक-एक बड़े गो-संरक्षण केंद्र बनेंगे। इसकी लागत 1.20 करोड़ रूपये होगी। ​निर्माण के लिए करीबन 81 करोड़ रूपये जिलों में भेज भी दिए गए हैं। इस धनराशि से 14 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में अलग-अलग चार गो -वंश शेड बनेंगे। दो हजार वर्ग फीट के दो भूसा गोदाम होंगे। छह कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, शौचालय व स्नानागार बनेगा। चारा पानी के लिए 800 वर्ग फीट में चार चरहिया बनेंगी। इस केंद्र में पम्प हाउस भी बनेगा। यदि जिले में 1.20 करोड़ से ज्यादा धनराशि की जरूरत होगी तो संबंधित डीएम मनरेगा, ग्राम पंचायत, वित्त आयोग, खनिज विकास निधि आदि से काम पूरा कराएंगे। इसके लिए विधायक व सांसद क्षेत्र पंचायत निधि का भी उपयोग किया जा सकेगा।

यूपी में 90 फीसदी से ज्यादा फीमेल गौवंश ही जन्मेंगी

छुटटा गोवंश से हो रही दिक्क्तों से निजात पाने के लिए सरकार “सेक्स्ड सार्टेड सीमन” (वर्गीकृत वीर्य) स्कीम लेकर आई है। तीन जिलों में इस योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर जमीन पर उतारा भी जा चुका है। इन जिलों में गर्भाधान के बाद 90 फीसदी से ज्यादा गौवंशीय फीमेल जन्मी हैं। सरकार अब इस योजना को सभी जिलों में लागू करने की तैयारी में है। दरअसल, “सेक्स्ड सार्टेड सीमन” का इस्तेमाल अखिलेश सरकार में ही शुरू हो गया था। वर्ष 2016 में इस योजना को मंजूरी मिल गई थी। पहले चरण में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर बाराबंकी, लखीमपुरखीरी और इटावा में योजना लागू की गई। इस स्कीम के तहत गर्भाधान के बाद 90 फीसदी से ज्यादा फीमेल गौवंश का जन्म हुआ है।

गो सेवा आयोग ने मांगी प्रदेश में छुटटा गो—वंश के वास्तविक संख्या की जानकारी

वर्ष 2012 की पशु जनगणना के मुताबिक छुटटा गोवंश की संख्या 10 लाख से ज्यादा थी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में पशु जनगणना प्रक्रिया में है। वर्तमान में इनकी संख्या 15 लाख से ज्यादा है। गो सेवा आयोग ने भी नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर प्रदेश में छुट्टा गोवंश की वास्तविक संख्या की जानकारी मांगी है। बहरहाल, गणना के बाद यह तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाएगी।

डिजिटल तरीके से होगी पशु जनगणना

इस बार पशु गणना डिजिटल तरीके से होगी। पशु गणना में जुटे कार्मिकों को इसके लिए टैबलेट दिया जा रहा है। उसी पर वह आनलाइन ब्यौरा फीड करेंगे। यदि गांव में नेटवर्क की समस्या आती है तो वह इसे आफलाइन भी फीड कर सकते हैं। इससे पशु जनगणना के काम में तेजी आएगी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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