TRENDING TAGS :
Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड में पुलिस की कोई गलती नहीं, सुप्रीम कोर्ट में बोली यूपी सरकार
Atiq-Ashraf Murder Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस की कोई गलती नहीं पाई गई है।
Atiq-Ashraf Murder Case: चर्चित माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में पुलिस की भूमिका पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है। दरअसल, माफियाओं भाइयों की हत्या पुलिस कस्टडी में रहने के दौरान होने को लेकर कई गंभीर सवाल उठे थे। विपक्षी नेताओं और सरकार के आलोचकों ने तो इसे प्रायोजित तक करार दे दिया। इसकी निष्पक्ष जांच की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। जिस पर शीर्ष अदालत ने जवाब तलब किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस की कोई गलती नहीं पाई गई है। माफिया भाइयों की हत्या से संबंधित मामले में पुलिस पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और मामला निचली अदालत में लंबित है।
याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने अतीक-अशरफ हत्याकांड और कानपुर के बिकरू कांड समेत सात मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसके अलावा यूपी में योगी सरकार आने के बाद भी जितने भी पुलिस एनकाउंटर हुए, उसके भी जांच की मांग की गई। इसके अलावा एक याचिका माफिया अतीक की फरार चल रही बहन आयशा नूरी ने भी दायर की थी, जिसमें अपने भाइयों की हत्या की व्यापक जांच के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
बिकरू कांड को लेकर क्या बोली योगी सरकार ?
यूपी सरकार ने बिकरू कांड और उसके बाद विकास दूबे के हुए एनकाउंटर को लेकर हलफनामे में कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। आयोग ने भी अपनी जांच में विकास दूबे के एनकाउंटर में पुलिस की कोई गलती नहीं पाई। यूपी सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जिन पुलिस एनकाउंटरों को उठाया गया है उसकी निष्पक्ष जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।
अतीक-अशरफ हत्याकांड
15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस अभिरक्षा में रात 10 बजे के करीब प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल मेडिकल जांच के लिए लाया गया था। पुलिस की गाड़ी से उतरकर जब दोनों भाई अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे, तभी मीडिया की भीड़ में घात लगाए खड़े तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर माफिया भाइयों को मौत की नींद सुला दी। तीनों हमलावरों ने मौके से भागने की कोशिश नहीं की और पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी।
वहीं, कानपुर का बिकरू कांड साल 2020 में हुआ था, जिसमें गैंगस्टर विकास दूबे ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बाद में उज्जैन से यूपी लाने के दौरान रास्ते में भागने की कोशिश के दौरान गैंगस्टर विकास दूबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।