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युवाओं के लिए 'पॉलिटेक्निक चलो अभियान' चलाएगी यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने 'स्कूल चलो अभियान' की तर्ज पर युवाओं को पॉलिटेक्निक से जोड़ने के लिए 'पॉलिटेक्निक चलो अभियान' की शुरुआत की है।

tiwarishalini
Published on: 11 Jan 2018 8:47 AM IST
युवाओं के लिए पॉलिटेक्निक चलो अभियान चलाएगी यूपी सरकार
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 'स्कूल चलो अभियान' की तर्ज पर युवाओं को पॉलिटेक्निक से जोड़ने के लिए 'पॉलिटेक्निक चलो अभियान' की शुरुआत की है। अभियान का मकसद युवाओं को पॉलिटेक्निक स्कूलों और उनके फायदे के बारे में बताने के साथ-साथ उन्हें रोजगार लायक तैयार करना है।

अभियान के जरिए अधिकारियों का दावा है कि इससे छात्रों को पॉलिटेक्निक स्कूलों तक लाने में बड़ी मदद मिलेगी।

व्यावसायिक एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं सूबे के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भुवनेश कुमार ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान बताया, "सरकार पहली बार स्कूल चलो अभियान की तर्ज पर पॉलिटेक्निक चलो अभियान चला रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह फरवरी के पहले सप्ताह तक चलेगा।"

पॉलिटेक्निक चलो अभियान के बारे में भुवनेश कुमार ने बताया, "दरअसल पॉलिटेक्निक शिक्षा को लेकर बच्चों के भीतर जागरूकता का आभाव है। सामान्यता यदि किसी छात्र को पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेना होता है तो वह पहले 10वीं के बाद इंटरमीडिएट पास करता है और फिर दूसरी चीजों में जुड़ जाता है। दो तीन साल का समय व्यतीत करने के बाद फिर अचानक उसका झुकाव पॉलिटेक्निक की तरफ होता है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।"

कुमार ने कहा, "हमारी कोशिश है कि पॉलिटेक्निक चलो अभियान के माध्यम से स्कूलों में जाकर बच्चों को पॉलिटेक्निक के बारे में बताया जाए। इसके लिए पॉलिटेक्निक विभाग की टीम हर जिलों में स्थित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में जाकर इस अभियान के बारे में बच्चों को बताएगी। इसमें जिलाधिकारियों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया गया है।"

उन्होंने बताया कि हमने अधिकारियों से कहा है कि पॉलिटेक्निक की टीम स्कूलों का दौरा करेगी और विभाग की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के बारे में छात्रों को बताएगी ताकि वे 10वीं के बाद ही पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित हो सकें। इससे सरकारी पॉलिटेक्निक विद्यालयों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा और समय रहते छात्रों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

प्लेसमेंट की व्यवस्था के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, "जी बिल्कुल। विभाग इसका भी पूरा ख्याल रखेगा। इसके लिए विभाग ने अलग से एक रणनीति तैयार की है। इसके तहत हम सरकारी पॉलिटेक्निक विद्यालयों को एक एक लाख रुपये देंगे जो बाहर से कम्पनियों को लाने पर खर्च कर सकेंगे।"

उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से पहले 10 पॉलिटेक्निक विद्यालयों को प्रयोग के तौर पर एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे लेकिन यदि इसके अपेक्षित परिणाम मिले तो इसे और विस्तृत स्तर पर चलाया जाएगा और इसका लाभ और स्कूलों को भी दिया जाएगा।

भुवनेश कुमार ने हालांकि स्पष्ट तौर पर कहा कि इसमें निजी पॉलिटेक्निक विद्यालयों को शामिल नहीं किया गया है। वह अपने स्तर पर यह रकम खर्च कर प्लेसमेंट का इंतजाम कर सकते हैं।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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