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Transfer in UP: यूपी में ट्रांसफर पर बवाल, इन तीन मंत्रियों की हो रही चर्चा, सीएम योगी ने दी नसीहत

UP Transfer: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों पूरे होने पर जनता के सामने जहां अपनी उपलब्धियां रख रही है, इसी बीच ट्रांसफर में हुए खेल ने भूचाल ला दिया है. सरकार में दो कद्दावर और एक राज्य मंत्री चर्चा के केंद्र बन गए हैं.

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 20 July 2022 5:39 AM GMT
UP government ministers Brajesh Pathak Jitin Prasad and Dinesh khatik
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UP government ministers Brajesh Pathak Jitin Prasad and Dinesh khatik (image credit social media)

UP Transfer Controversy: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों पूरे होने पर जनता के सामने जहां अपनी उपलब्धियां रख रही है, इसी बीच ट्रांसफर में हुए खेल ने भूचाल ला दिया है. सरकार में दो कद्दावर और एक राज्य मंत्री चर्चा के केंद्र बन गए हैं. जिनमें उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद और जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक का नाम शामिल है. सबसे पहले उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे में तबादलों पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों से जवाब माँगा तो वहीं जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में ट्रांसफर गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम योगी के एक्शन ने खलबली मचा दी.

तीसरे मंत्री दिनेश खटीक हैं, दिनेश खटीक ने भी ट्रांसफर की एक लिस्ट अधिकारियों को सौंपी थी लेकिन एक भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो खींचतान बढ़ गई. दरअसल यूपी में तबादला नीति जारी होने के बाद बड़े पैमाने पर पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य समेत तमाम विभागों में बंपर ट्रांसफर किए गए. जब इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत आई तो सबसे पहले उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठे. हैदराबाद में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से वापस आने के बाद डॉक्टरों ने बृजेश पाठक से मुलाकात कर ट्रांसफर में हुए खेल की शिकायत की थी.

जिसके बाद बृजेश पाठक ने पत्र लिखकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन से जवाब माँगा था. जो ट्रांसफर हुए हैं उसमें आरोप लगाए गए हैं कि तबादला नीति को पूरी तरह से दरकिनार कर एक जिले में तैनात पति-पत्नी का अलग-अलग जगह पर भेज दिया गया. इसके साथ ही अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी को नजरअंदाज कर डॉक्टरों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. जबकि वहां पर डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं की गई.ब्रजेश पाठक के पत्र के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट मांगी.

पीडब्ल्यूडी में हुआ भारी खेल

वहीं कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग के ट्रांसफर में जमकर धांधली हुई है. जितिन प्रसाद के नाराजगी की खबर तो मीडिया में तेजी से चल रही है, हालांकि उन्होंने अभी तक इस पर ना तो कोई बयान जारी किया है और ना ही अपनी खुलकर नाराजगी जाहिर की है. जितिन प्रसाद के विभाग में करीब साढे 300 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ था.

जिनमें 200 अधिशासी अभियंता और 150 से ज्यादा सहायक अभियंता हैं. जब इसमें भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय कमेटी से जांच कराई. रिपोर्ट आने के बाद जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे, पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता समेत पांच लोगों को निलंबित कर दिया. अब इस वजह से जितिन प्रसाद खफा बताए जा रहे हैं और आज उनके अमित शाह से भी मिलने की खबरें हैं.

ट्रांसफर का खेल, मृतक का भी तबादला

पीडब्ल्यूडी में हुए तबादलों में भ्रष्टाचार को इस बात से समझिए जिस कर्मचारी की मौत 3 साल पहले हुई थी उसका तबादला झांसी कर दिया गया. इसके साथ ही जो शख्स विभाग में कार्यरत नहीं है उसका नाम से भी लिस्ट में शामिल था. यही नहीं जिन अधिकारियों का रिटायरमेंट नजदीक था उन्हें भी दूर भेज दिया गया. जिनकी सेटिंग थी वह बच गए और जो मोल भाव नहीं कर सका वह दूर चला गया. इन सब के बीच जितिन प्रसाद मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं. लेकिन अब उनकी नाराजगी की खबरें हैं और आज अमित शाह से भी मिल सकते हैं.

दिनेश खटीक इसलिए चर्चा में?

अब जरा दिनेश खटीक के मामले को भी समझ लीजिये. यूपी सरकार में दूसरी बार मंत्री बने दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक हैं. उनके नाराजगी की वजह बताई जा रही है कि सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद भी उनके पास कोई काम नहीं है. दिनेश खटीक ने भी अपने विभाग के कुछ इंजीनियरों के ट्रांसफर की सूची अधिकारियों को सौंपी थी लेकिन उसमें एक भी तबादला नहीं हुआ. दिनेश खटीक से अधिकारियों ने कहा कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से बात करिए.

मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे, हालांकि किसान भवन में ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की बैठक में स्वतंत्र देव सिंह के साथ बैठक में शामिल थे लेकिन कुछ देर के भीतर ही वह उठकर चले गए और उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ है. बताया जा रहा है कि सरकारी गनर और कार को भी और छोड़कर एकांतवास में चले गए हैं.

सीएम योगी ने मंत्रियों को दी नसीहत

ट्रांसफर में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में अपने मंत्रियों को नसीहत दी थी. उन्होंने मंत्रियों से कहा की अपने स्टाफ और अफसरों पर आंख बंद कर भरोसा ना करें. कार्यालय और घर पर मौजूद अधिकारियों की बातों और कार्यों को बिना देखे ना मानें, फाइलों पर हस्ताक्षर करते समय जल्दबाजी ना दिखाएं. इसके साथ ही उनके कामकाज पर भी नजर रखें. जिससे सरकार की जो मनसा है उसके तहत कार्य हो सके. सीएम योगी ने कहा था कि मंत्री अपने स्टॉफ और अधिकारियों की पूरी जानकारी रखे.

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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