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Sonbhadra: बच्चों की शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य पर दें विशेष ध्यान, बोलीं महामहिम आनंदीबेन पटेल

Sonbhadra Ki Taja Khabar: आदिवासियों को वनाधिकार प्रमाणपत्र वितरित करने के बाद कहा कि प्रत्येक अभिभवकों को यह समझने की जरूरत है कि उनके बच्चे की तरक्की के लिए शिक्षा जरूरी है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 19 May 2022 1:06 PM GMT
Anandiben Patel visit Sonbhadra
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Anandiben Patel visit Sonbhadra

Sonbhadra News Today: सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel Visit Sonbhadra) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आगे बढ़ने के लिए बच्चों की शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जाना जरूरी है। उन्होंने इससे जुड़े आंकड़ों का जिक्र करते हुए शिक्षा यानी शास्त्र एक ऐसा हथियार है, जिसके जरिए आसानी से आगे बढ़ने का रास्ता बनाया जा सकता है। घर-परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि सर्वाइकल कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसको देखते हुए 30 वष की उम्र से ही उनका स्वास्थ्य चेकअप शुरू करवा दें और प्रत्येक तीन वर्ष पर चेकअप की निरंतरता बनाए रखें। वह चपकी कारीडांड स्थित सेवाकुंज में आयोजित वनाधिकार प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी।

Sonbhadra Ki Taja Khabar - आदिवासियों को वनाधिकार प्रमाणपत्र वितरित करने के बाद कहा कि प्रत्येक अभिभवकों को यह समझने की जरूरत है कि उनके बच्चे की तरक्की के लिए शिक्षा जरूरी है। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षके साथ कई अन्य उदाहरण भी सुनाए। महिलाओं में स्वास्थ्य की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि सभी को इस पर सोचने और ध्यान देने की जरूरत है। कहा कि बीमारी न छुपाएं, आगे बढ़कर उसका उपचार कराएं। बताया कि राजभवन में एक चेकअप कैंप के दौरान दस महिलाओं में प्रोस्टेट कैंसर और ब्लड कैंसर की शिकायत सामने आई थी। इसको लेकर एक अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें सबके सहयोग से यूपी के 86 हजार रोगियों का उपचार कराया जा रहा है। कहा कि महिलाओं में बढ़ते कैंसर रोग की खतरनाक स्थिति यह है कि उपचार मिलते-मिलते सौ में से साठ महिलाएं इसकी शिकायत हो जा रही है। कहा कि इस पर गंभीरता से सोचने और महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।


नारी सशक्तिकरण पर दिया जोर, कहाः बढ़ाएं जागरूकता

नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पचास फीसदी है लेकिन वास्तविक सशक्तिनगर के लिए जरूरी है िकवह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। स्वयं अपना काम करें और पति उनका सहयोग करें। महिलाओं से उनका अधिकार न छीना जाए। समाज में उनको बराबर की भागीदारी दी जाए। कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों की तरफ से शैलानृत्य और करमा नृत्य की प्रस्तति दी गई।


इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का हेलीपैड पर गर्मजोश स्वागत किया गया। यहां से वह विरसा मुंडा सभागार में आयोजित कार्यक्रम पर पहुंची, जहां राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी गई। राज्यपाल ने विरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया। सेवाकुंज आश्रम कारीडांड़ की आदिवासी-वनवासी छात्राओं की तरफ से स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। डीएम चंद्रविजय सिंह ने वनाधिकार प्रमाण पत्र के लाभार्थियों की जानकारी दी। जिले में संचालित कल्याणकारी कार्यक्रमों और महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को सौंपी चाबी, कई को मिला सम्मान

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अनुसूचित जनजाति की तीन लाभार्थियों राजकुमारी निवासी असनहर, श्रीमती निवासी बचरा और ज्योति निवासी घघरा को उनके आवस की चाबी सौंपी। तीन सफाई कर्मियों वीरेंद्र प्रसाद, घघरा, बभनी, दिनेश प्रजापति तीनताली, रावर्ट्सगंज और सतपाल बभनौली राबर्ट्सगंज को उनके बेहतर कार्य के लिए किट और छाता देकर सम्मानित किया गया। कोरोना से अनाथ हुए बच्चे अंशिका सिंह और अंशुमान सिंह को उनके अभिभावक विनीत सिंह की मौजूदगी में क्रमशः 9,29,370 और 7,45,130 रुपए का चेक प्रधानमंत्री केयर फार चिल्ड्रेन योजना के तहत प्रदान किया गया। राज्यपाल ने अनाथ बच्चों में मदद और प्रोत्साहन के रुप में धनराशि का चेक वितरित किया।


संस्थाओं ने 105 आंगनबाड़ी केंद्रों को लिया गोंद

इस दौरान विभिन्न संस्थाओं ने 105 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोंद लेने की घोषणा की। तीन आंगनबाड़ी कार्यकत्रीयों को शून्य से तीन वर्ष के बच्चों के खेलने का किट दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्र मझौली द्वितीय की सुनीता देवी, कुंडाडीह की आशा देवी और चपकी की कार्यकर्ती रंजिता को सम्मानित भी किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र को गोंद लेने वाली संस्थाओं, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण कराने वाली संस्थाओं के चीफ अमित सिंह अनपरा प्रोजेक्ट, आशीष रंजन एजीएम हिण्डाल्को अस्पताल रेणुकूट, क्षय रोगियों के लिए कार्य कर रही इंडियन रेड क्रास सोसायटी चेयरमैन आरएस सिंह, लायंस क्लब के चेयरमैन किशोरी सिंह को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

वनाधिकार कानून-पट्टा आवंटन की दी गई जानकारी

सेवाकुंज आश्रम के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री आनंद ने वनाधिकार कानून और इसके जरिए पट्टा आवंटन प्रावधान की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति और अयोध्या कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की तरफ से जिले के 113 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोंद लिया गया है जिसमें उनके द्वारा किट का वितरण कर सहयोग किया जा रहा है। क्षेत्रीय विधायक राम दुलारे गोंड़, राज्य सभा सांसद राम शकल, राज्य मंत्री संजीव गोंड, जेसी विमल, एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान, सेवाकुंज आश्रम के अध्यक्ष श्रीराम पाठक, सीडीओ डॉ. अमित पाल शर्मा, डीडीओ रामबाबू त्रिपाठी, एसपी अमरेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए हरिवंश सहित अन्य मौजूद रहे।

कई आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए वितरित की कीट, बच्चों के साथ गुजारा समय

सोनभद्र। चपकी में वनाधिकार प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रंम के बाद, महामहिम क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय असनहर प्रथम पर पहुंची। यहां स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर चल रही पांच गर्भवती महिलाओं के गोद भराई की रस्म में भाग लिया। कक्षा एक के छात्रों से घुलमिल कर बात की। उनको मिलने वाली शिक्षा के बारे में जानकारी ली और उन्हें शिक्षण कीट प्रदान कर मन लगाकर पढाई करने की प्रेरणा दी। विद्यालय परिसर स्थित आगनबाड़ी केंद्र असनसर के बच्चो से भी मिलीं और उनमें टाफी और बिस्कुट का वितरण करने के साथ ही कुछ समय गुजारे। विद्यालय में स्थापित स्मार्ट क्लास के बारे में जानकारी ली और बच्चो को भी स्मार्ट क्लास चलाए जाने के लिए दक्ष बनाने पर बल दिया। कहा कि इससे उनमें बचपन से ही तकनीकी दक्षता के गुण विकसित होंगे। निकहत, पार्वती, खुशी आदि छात्राओ ने महामहिम को पुष्प भेंटकर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान महामहिम की तरफ से गोंद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों से जुड़े किट भी प्रदान किए गए।

प्राथमिक विद्यालयों की तरह आंगनबाड़ी केंद्रों की भी तय करें समयसारिणी

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों से मिलने के बाद, विद्यालय के पास आयोजित कार्यक्रम में प्रधानो से संवाद किया। कहा कि विद्यालय में रोजाना आने वाले बच्चो से चाहे शिक्षक हों, आगनबाड़ी कार्यकर्ती, उनका एक लगाव सा हो जाता है। महिला शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों में बच्चो के प्रति मातृत्व का भाव भी देखने को मिलता है। इसलिए जरूरी है कि प्रधान बच्चों का जीवन संवारने में सहयोग दें। प्रधानों से कहा कि जैसे राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है उसी तरह प्रधान गाव के प्रथम नागरिक हैं। उनके लिए जरूरी है कि वह गांव मे होने वाले विकास कार्यो में अपनी सहभागिता दर्ज कराएं। विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे आ रहे हैं कि नहीं, इसकी जानकारी करें। बच्चे रोजाना स्कूल पहुंचे, इसके लिए उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित करें। विद्यालय के शौचालय आदि की साफ-सफाई की जानकारी मिलने के साथ ही, बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर नजर बनाए रखें। बच्चों के जन्मदिन पर स्कूल जाकर उनका उत्साह बढ़ाएं। यहां के बाद वह कस्तूरबा गांधी विद्यालय पहुंची। वहां छात्रों से मिलकर उन्हें दी जाने वाली शिक्षा-सुविधाओं की जानकारी ली और बेहतरी के लिए हिदायतें दी।

Admin 2

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