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महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण तथा आर्थिक स्वावलबंन के कार्यक्रम चलाये जायें- आनंदीबेन पटेल

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण तथा आर्थिक स्वावलबंन के कार्यक्रम चलाये जाएं।

Shreedhar Agnihotri
Reporter Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 17 Jun 2021 2:24 PM GMT
Anandiben Patel
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने कहा कि विश्वविद्यालय की छात्राओं को बाल-सदन, नारी निकेतन, वृद्धाश्रम, जच्चा-बच्चा अस्पताल आदि का भ्रमण कराएं ताकि वे अपने जीवन में सही और गलत के उत्तर को जान सकें।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज वर्चुअली जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य स्वाभिमान, सुरक्षित मातृत्व, कुपोषण तथा आर्थिक स्वावलबंन के कार्यक्रम चलाये जाएं।

इसमें नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं तथा विशिष्ट महिलाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों आदि को शामिल करते हुए विश्वविद्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाये, जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं, सामाजिक कुरीतियों तथा रोजगार कार्यक्रमों की जानकारी दी जाये।

निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में न हो कमी

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अनउपयोगी खातों को बंद करते हुए विश्वविद्यालय में वित्तीय जरूरतों के लिये न्यूनतम खाते रखे जायें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऑडिट आपत्तियों का नियमानुसार समयबद्ध निस्तारण करें साथ ही वित्तीय नियमों का भी अक्षरशः पालन किया जाये। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, उनका नियमित अनुश्रवण कमेटी बनाकर किया जाए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कोई कमी न हो तो निर्माण कार्य अपने समय पर हो जाये।

शैक्षिक सत्र पर चर्चा करते हुए राजयपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए प्रस्ताव को विद्या परिषद की बैठक में विचार विमर्श के लिए प्रस्तुत करें। साथ ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षक भी ई कंटेंट तैयार करें। इसके अलावा लिविंग लीजेण्ड के विशिष्टीकरण पर व्याख्यान माला भी आयोजित की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो भी विवादित प्रकरण हैं उन पर गम्भीरता पूर्वक विचार विमर्श करे तथा उन्हें शीघ्र निस्तारित कराये। नियुक्तियों में पूर्ण पादर्शिता बरती जाये, पूर्व में नियुक्तियों से सम्बन्धित जो भी विवादित प्रकरण है। उनके निस्तारण की दिशा में नवीन नियुक्तियों के विज्ञापन जारी किये जाये जिसमें नियुक्ति के लिये निर्धारित सभी मापदण्डों का उल्लेख हो।

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Shreya

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