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इंवेस्टर्स समिट, यूपी में औद्योगिक माहौल बनाकर दिखाएंगे : महाना

raghvendra
Published on: 9 Feb 2018 6:59 AM GMT
इंवेस्टर्स समिट, यूपी में औद्योगिक माहौल बनाकर दिखाएंगे : महाना
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना इन दिनों इंवेस्टर्स समिट को लेकर चौबीसों घंटे व्यस्त हैं। वह देश के सभी प्रमुख शहरों में जाकर निवेशकों को न्यौता दे चुके हैं। उनसे ‘अपना भारत’ के रतिभान त्रिपाठी ने समिट के बारे में बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश-

इंवेस्टर्स समिट को ग्लैमराइज करने की जरूरत थी क्या?

हम अपने घर किसी को बुलाते हैं तो घर जरा साफ सुथरा तो करते ही हैं। इसके अलावा पिछली सरकारों की वजह से यूपी के प्रति इतना गलत संदेश था, उसे सकारात्मक माहौल में बदलने की जरूरत भी है। वैसे भी देश विदेश से उद्योगपतियों को आना है तो थोड़ा बहुत लखनऊ को सजाना संवारना पड़़ेगा ही।

इस समिट की प्रेरणा का स्रोत क्या है?

हम गुजरात में होने वाले वाइब्रैंट गुजरात की तर्ज पर काम कर रहे हैं। जैसा वहां का माहौल बना है, उसी से प्रेरणा लेकर काम कर रहे हैं।

कितने लाख करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य है आपका?

हमने कोई अंतिम लक्ष्य नहीं बनाया है लेकिन साथ में यह जरूर जोड़ा है कि सिर्फ ओएमयू ही साइन न हों, वो फाइलें भी तैयार हों, जिनमें निवेश और प्रोजेक्ट का पूरा ब्यौरा हो। हम तो चाहते हैं कि अधिक से अधिक निवेश जुटाया जाए ताकि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक वातावरण कायम हो सके। लोगों को रोजगार मिल सके।

पिछली सरकारों ने भी तो आप जैसा कुछ प्रयास किया ही था?

भाई साहब, वही किया होता तो यूपी की सूरत बदली होती। अखिलेश की सरकार ने, फिर उनकी बुआ की सरकार ने और इससे पहले उनके पिता की सरकार ने कुछ किया ही नहीं। सिर्फ दिखावा किया।

दावा तो वो भी करते हैं, वो लोग कितना निवेश करा सके?

पिछले पंद्रह सालों में अस्सी हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वह भी कहां, कैसे हुआ है, आप लोग जानते ही होंगे। प्रदेश की सूरत तो खराब की खराब ही रह गई पिछली सरकारों में।

विदेश से कितना निवेश लाने वाले हैं?

अभी कोई टारगेट फिक्स नहीं है। हम उसके लिए ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट भी करने का इरादा रखते हैं। इस बारे में बाद में बात होगी।

तो क्या हर साल यह समिट होने वाली है?

यह तय नहीं है। हर साल हो सकती है। दो साल पर भी कर सकते हैं लेकिन प्रदेश में रोजगार पैदा करने, औद्योगिक माहौल खड़ा करने और लोगों की खुशहाली के लिए योगी जी की सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है। हमने इसे चुनौती के रूप में लिया है, जिसे पूरा करके दिखाएंगे।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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