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फिर सामने आया अखिलेश सरकार का कारनामा, फर्जी डिप्लोमा से 300 बाबू बनें JE
लखनऊ: यूपी के सत्ता पर काबिज होते ही योगी सरकार ने अखिलेश के शासनकाल में चल रही योजनाओं और परियोजनाओं की जांच के लिए अलग अलग कमेटी बना दी थी। चाहे बात गोमती रीवर फ्रंट की हो या आगरा एक्सप्रेस वे की, योगी सरकार हर मामले की जांच करवा भ्रष्टाचार उजागर करने में जुटी है । ताजा मामला सिंचाई विभाग में हुए भष्टाचार का है जहाँ धोखाधड़ी कर 300 बाबुओं को अवर अभियंता (जेई) बना दिया गया था। उस समय इस विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव थे।
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इस पूरे मामले का खुलासा सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा ने किया है । उनके मुताबिक राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी से अमान्य डिप्लोमा के आधार पर अखिलेश सरकार में एक साथ 132 बाबुओं को अवर अभियंता बना दिया गया । वहीँ अलग अलग कुल मिलकर 300 बाबुओं को अवर अभियंता बनाया गया था । ये पूरा फर्जीवाडा अखिलेश सरकार के दौरान हुआ था और तत्कालीन मंत्री शिवपाल हुआ करते थे ।
फर्जीवाड़ा का आलम ये था कि फर्जी डिप्लोमा लिए बाबुओं का प्रमोशन करने के चक्कर में पात्रता रखने वाले कई बाबुओं को अवर अभियंता बनने से वंचित कर दिया गया था । पदोन्नति पाने से वंचित रहने वाले बाबुओं ने इसकी शिकायत उस समय तत्कालीन प्रमुख सचिव सिंचाई से की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं उस समय मामले को दबा दिया गया था।
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अब जब फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है तब मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई मंत्री से उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। जिसके बाद सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रमुख सचिव सिचाई सुरेश चंद्रा से तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि धोखाधड़ी कर अवर अभियंता बने 50 साल से ऊपर वाले कर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी जाए।