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UP IT Policies: सिंगापुर के निवेशकों को भा रही यूपी की आईटी नीति, निवेश की जताई इच्छा

UP IT Policies: सिंगापुर की कंपनियों का नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना में रुचि लेना नोएडा के लिए गर्व करने की बात। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग अधिकारियों के अनुसार, सिंगापुर और भारत के व्यापारिक रिश्ते काफी मजबूत हैं।

Rajendra Kumar
Report Rajendra KumarPublished By Monika
Published on: 7 Oct 2021 11:38 AM GMT
Singapore company
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सिंगापुर के निवेशकों को भा रही यूपी की आईटी नीति (फोटो : Newstrack) 

UP IT Policies: उत्तर प्रदेश की आईटी (IT policies) सहित अन्य औद्योगिक नीतियां देश के बड़े निवेशकों को ही नहीं सिंगापुर के बड़े कारोबारियों को भा रही है। जिसके चलते सिंगापुर (Singapore) की कई कंपनियों ने इंट्रीग्रेटेड टाउनशिप (Integrated Township), इलेक्ट्रानिक्स (Electronics) , लाजिस्टिक्स (Logistics) और डाटा सेंटर (Data Center) क्षेत्र में निवेश की इच्छा (nivesh ki iccha) जताई है। इसी क्रम में सिंगापुर की एसटी टेलीमीडिया ग्लोबल डाटा सेंटर (एसटीटी जीडीसी) इंडिया का गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले में एक ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर कैंपस बनाने की पहल की है। इसके साथ ही अमेरिका (America) , जापान (Japan) तथा कोरिया (Korea) की बड़ी कंपनियां भी नोएडा में आईटी इंडस्ट्री (Noida IT Industry) से संबधित पाने प्रोजेक्ट लगाने में तेजी दिखा रही हैं। अमेरिकी कंपनी माइक्रोसाफ्ट और जापान की कंपनी एनटीटी ने भी नोएडा में डाटा सेंटर बनाने के लिए जमीन भी ली है। हीरानंदानी ग्रुप सहित कई अन्य भारतीय कंपनियों ने नोएडा में डाटा सेंटर पार्क की स्थापना करने का फैसला किया है। तमाम देशी तथा विदेशी कंपनियों के नोएडा में डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने से जहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ पूरे देश के आईटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को मौका मिलेगा, वहीं नोएडा डाटा हब के रूप में देश में जाना जाएगा।

सिंगापुर की कंपनियों का नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना में रुचि लेना नोएडा के लिए गर्व करने की बात। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग अधिकारियों के अनुसार, सिंगापुर और भारत के व्यापारिक रिश्ते काफी मजबूत हैं। सिंगापुर भारत का 5वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। सिंगापुर के बड़े कारोबारी इस सूबे में निवेश को इच्छुक हैं। बीते माह सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वॉन्ग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यह कहा था कि उत्तर प्रदेश में निवेश के लिये अनुकूल माहौल है। यहां का मास्टर प्लान बहुत अच्छा है। यहां पर लॉजिस्टिक प्वाइंट बहुत ही सुनियोजित ढंग से विकसित किये गये हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। सिंगापुर के निवेशक उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड डिफेन्स कॉरीडोर, एमएसएमई, लॉजिस्टिक, इंटीग्रेटेड टाउनशिप तथा डाटा सेंटर की स्थापना में निवेश के लिये इच्छुक हैं। इसके अलावा निवेशक वाराणसी में स्किल सेंटर के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं। इसी क्रम में सिंगापुर की दो कंपनियों के नोएडा में डाटा सेंटर की स्थापना करने पर तथा सिंगापुर की एक अन्य कंपनी द्वारा कानपुर में एग्रो के क्षेत्र में निवेश करने को लेकर चर्चा हुई थी।

600 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश

अधिकारियों के अनुसार सिंगापुर की कंपनी ने 600 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 18 मेगावाट की आईटी क्षमता के साथ डेटा सेंटर कैंपस बनाने का प्रस्ताव दिया है। डाटा सेंटर कैंपस बनाने के लिए सिंगापुर की कंपनी ने नोएडा में लगभग तीन एकड़ के एक प्लॉट को चिन्हित है। दूसरे चरण में 500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के साथ 36 मेगावाट क्षमता का आईटी लोड डाटा सेंटर स्थापित किया जा सकेगा। दूसरा चरण पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट में लगभग 1100 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इससे 80 लोगों को प्रत्यक्ष और लगभग 1000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। प्रस्तावित डाटा सेंटर कैंपस का मकसद प्रमुख क्लाउड कंपनियों, डाटा सेंटर के संचालक और बड़ी इंडस्ट्री को सर्विस देना है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए यूपी सरकार ने डाटा सेंटर बनाने पर जोर दिया है। आगे आने वाले समय में डाटा स्टोरेज में तेजी आएगी और इसके लिए बड़े क्लाउड सेंटर बनाने होंगे। इसे देखते हुए नोएडा का प्रस्तावित डाटा सेंटर बड़ी भूमिका निभा सकता है। नोएडा में प्रस्तावित इस डाटा सेंटर कैंपस को औद्योगिक हब और दिल्ली के नजदीक होने के कारण अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। नोएडा में डाटा सेंटर बनाने का विशेष फायदा होगा। नोएडा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से नजदीक है. यहां जेवर में बहुत जल्द अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने वाला है। पूरे नोएडा में आईटी इंडस्ट्री का जाल बिछा हुआ है। इस लिहाज से नोएडा पूरे उत्तर भारत में बड़ा डाटा सेंटर का हब बनकर उभर रहा है। डाटा सेंटर का नया कैंपस बनने से इसमें और मदद मिलेगी। डाटा सेंटर कैंपस बनने के बाद बड़ी क्लाउड कंपनियां, हाइपर स्केलर्स (जो क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस देते हैं) और बड़े एंटरप्राइज क्लाइंट को सेवा दी जा सकेगी।

आईटी नीति देशी और विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही

आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश सरकार की आईटी नीति देशी और विदेशी निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित कर रही है। राज्य में उप्र इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 के अंतर्गत 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को तीन साल में ही लगभग 30 निवेशकों द्वारा प्रदेश में किए गए निवेश से प्राप्त कर लिया गया है और तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। यह सब संभव हुआ है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आईटी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा के लिए लायी गई । आईटी नीति और इस सेक्टर में निवेश के इच्छुक कारोबारियों की दिक्कतों को दूर करने के लिए अफसरों को जिम्मेदारी दी गई के चलते। इसके अलावा राज्य में इलेक्ट्रानिक्स निवेश को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोयडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस क्षेत्र को "इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन" घोषित किया जाना भी इसकी वजह बना है। मुख्यमंत्री के उक्त फैसलों के चलते चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियां यूपी में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आयीं। एक ओवरसीज प्रतिष्ठित कंपनी अब ग्रेटर नोएडा में 100 एकड़ जमीन में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण कर रही है। इस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में आईटी सेक्टर की कई नामी कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करेंगी। आईटी क्षेत्र के बड़े कारोबारियों और आईटी विभाग के आला अफसरों के अनुसार प्रदेश की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 ने नोयडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को देश में एक इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण हब के रूप में स्थापित किया है। इसके चलते ही सिंगापूर की कंपनियों ने नोएडा सहित यूपी के कई जिलों में निवेश करने की पहल ही है।

क्या होता है डाटा सेंटर (kya hota hai data center)

डाटा सेंटर ऐसी जगह होती है जहां किसी कंपनी की आईटी गतिविधियों और उपकरणों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। इन सुविधाओं में डाटा स्टोरेज, सूचनाओं की प्रोसेसिंग और दूसरे स्थान पर उसे पहुंचाना और कंपनी के एप्लिकेशन से जुड़े कामकाज शामिल हैं। इसे किसी सर्वर की तरह मान सकते हैं जहां से किसी कंपनी का पूरा आईटी ऑपरेट होता है। ऑनलाइन के बढ़ते जमाने में ऐसे डाटा सेंटर की भारी मांग है क्योंकि डाटा को किसी जगह सुरक्षित रखना भी अपने आप में चुनौती है। नोएडा में बनने वाला कैंपस इस चुनौती से निपटने में मदद करेगा। अधिकारियों का कहना है कि आईटी के क्षेत्र में भारत का बड़ा रोल है। दुनिया की सभी बड़ी कंपनियां यहां अपना सेंटर चलाती हैं। भारत में तेजी से ऑनलाइन और कंप्यूटर आधारित उद्योग धंधे बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए डाटा का स्टोरेज महत्वपूर्ण काम है। डाटा सेंटर कैंपस बनने से उद्योग या आईटी कंपनियों को फायदा होगा और वे स्टोरेज की सुविधा ले सकेंगे। आने वाले समय में इसमें और तेजी देखी जाएगी। नोएडा को इसका लाभ होगा, इस शहर में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी डेटा सेंटर की स्थापना करने की पहल करेगी। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अफसरों का यह मानना है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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