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UP Ka Mausam: बारिश बनी आफत, ये जिले हुए जलमग्न, कई गांवों का टूटा संपर्क

UP Ka Mausam: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रदेश के जनता को काफी परेशान कर दिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 3 Aug 2021 3:11 AM GMT
UP Ka Mausam
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भारी बारिश में डूबे प्रदेश के अनेक जिले (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Ka Mausam: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश (Rain) ने प्रदेश के जनता को काफी परेशान कर दिया है। उत्तर प्रदेश अलग-अलग जिलों में भारी बारिश हो रही हैं। इस मूसलाधार बारिश से शहर के शहर जलमग्न हो जा रहे हैं। कुछ जिलों में बारिश मौत का सबब भी बनती हुई दिखाई दे रही है।

चंदौली जिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ़ में लगातार तीन दिनों से जमकर हो रही है। बारिश के कारण सोनभद्र को जोड़ने वाला नौगढ़-गंगापुर तथा चकरघट्टा मार्ग के बीच ब्रह्मनाल ड्रेन पर बना दोनों रपटा पानी में डूब गया है। पानी रपटा के उपर से होकर बह रहा है। जिसके कारण 25 गांव के लोगों का संपर्क मुख्यालय से टूट चुका है। आने जाने का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है।

बारिश से गांव में भरा पानी


बारिश से सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबी

आपको बता दें कि रपटा डूबने के कारण बीमार और लाचार गांव के लोग 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर घर पहुंच रहे हैं। जलभराव के कारण सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब गई है। अगर एक बरसात और हुई तो तेजबहाव के कारण रपटा कभी भी टूट सकता है। रपटा टूटा तो इन गांव के लोगों के सामने आवागमन की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी।

ग्रामीणों को नौगढ़ बाजार पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर का लगाना पड़ता है चक्कर

नौगढ़ तहसील, ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क ज़रहर गांव के निकट से गुजरती है। ब्रह्मनाला ड्रेन पर दो रपटा पुल बना है। इसी से होकर दानौगढां, टिकुरिया, गंगापुर, महादेवपुर, भंदई , बरबसपुर, रहमानपुर, बकुलघट्टा,पडंहवा, चकरघट्टा, बजरडीहा, परसिया, भैसोड़ा, बरवाडीह व अन्य गांव के लोगों का आना जाना होता है। अब नौगढ़ बाजार पहुंचने के लिए लोगों को 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने कई सालों से पुल बनाने की मांग की है

वहीं ब्रह्म नाल रपटा के ऊपर से पानी के तेज बहाव के कारण पैदल, साइकिल और दुपहिया से आने जाने वालों के लिए रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है। चार पहिया वाहन रिस्क उठाकर आ जा रहे हैं। जिसके कारण कभी भी दुर्घटना घट सकती है। गंगापुर गांव के ग्राम प्रधान मौलाना यादव ने बताया कि रपटापुल की जगह पुल बनाने की मांग कई सालों से की जा रही है लेकिन पुल नहीं बनाया गया। मजबूर होकर लोग रपटा पुल पर असुरक्षित सफर कर रहे हैं। गांव के युवक इन दिनों नदी में छलांग लगा कर खूब आनंद ले रहे हैं। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ भी लग रही है।

महोबा में पिछले 48 घटों से मूसलाधार बारिश

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होने लगा है! आसमानी आफत की चपेट में आकर दो किसानों सहित एक 10 वर्षीय बच्ची की पानी के तेज बहाव में बह कर मौत हो गई है! जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में किसान और मासूम की मौत से मातम का माहौल पसर गया है! फिलहाल जिला प्रशासन ने आपदा राहत कोष से किसान परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

बारिश में सड़कों से संपर्क टूटा

यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले का है। कुलपहाड़ तहसील के अजनर थाना क्षेत्र के केथोरा गांव में रहने वाला देशराज नामक किसान खेत के समीप बने चेकडेम की ओर जा रहा था । तभी रास्ते मे बने चेकडेम से गुजरने के दौरान संतुलन बिगड़ते ही पानी के तेज बहाव में बह जाने से दर्दनाक मौत हो गयी है।

10 वर्षीय युवती की पानी में डूबने से मौत

तो वहीं महोबकंठ थाना क्षेत्र के ग्राम उमरी निवासी प्रेमलाल की 10 वर्षीय पुत्री ज्योति अपनी दो बहनों के साथ अपने खेत गई हुई थी। तभी खेत से घर लौटते समय रास्ते मे नाला को पार करते समय तीनों बहनों का संतुलन बिगड़ गया और तीनों बहन तेज बहाव में बह गई चीख पुकार की आवाज सुन ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद दो बहनों को तेज बहाव से बचा लिया लेकिन 10 वर्षीय ज्योति को नहीं बचा सके। और उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।

आकाशीय बिजली गिरने से एक शक्स की मौत

महोबा जिले में ही तहसील चरखारी के ग्राम सूपा गांव निवासी गया प्रसाद सैनी अपने जानवरों को जंगलों में चराने गया हुआ था तभी अचानक तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई एक दिन में इस आफत की बारिश में लगातार तीन मौतें हो जाने से जिले में ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।

झांसी में भारी बारिश होने से शहर हुआ जलमग्न

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महानगर में वैसे तो कई दिनों से हल्की बारिश हो रही थी। लेकिन रविवार की रात से लेकर सोमवार की शाम तक हुई तेज मूसलाधार बारिश ने एक तरह से शहर को जलमग्न कर दिया है। बारिश से सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई। कालोनियों,बस्तियों अनेक मकानों में बारिश का पानी घुस गया।

मूसलाधार बारिश में शहर हुआ जलमग्न


हालत यहां तक बन गए की सड़कों तक 2 फीट से लेकर 5 फीट तक पानी भर गया। लगातार बारिश होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं रहा जहां पर सड़कों पर पानी ना भर गया। वहीं दूसरी ओर तेज हवाओं से अनेक स्थानों पर लगे पेड़ उखड़ गए।

पेड़ के हाईटेंशन लाइन पर गिरने से विद्युत आपूर्ति हुई प्रभावित

पेड़ हाईटेंशन लाइन पर गिरे जिससे शहर की विद्युत आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने रात से लेकर दिन भर कड़ी मेहनत से देखते हुए किसी तरह विद्युत आपूर्ति करने में सफल रहे। आज की बारिश ने नगर निगम की स्मार्ट सिटी की भी पोल खोल दी है।

लोगों के घरों में घुसा बारिश का पानी


पठोरिया क्षेत्र में लोगों ने ट्यूब के सहारे करते हुए सड़क को पार किया। वहीं दूसरी ओर गल्ला मंडी रोड पर 5 फीट पानी भर गया। इससे अनेक लोगों के मकानों में पानी भर गया। प्रेम नगर क्षेत्र में नाला नदी का रूप धारण कर लोगों की मुश्किलें बढ़ाता रहा। यही स्थिति अन्य क्षेत्रों की रही है।

इन इलाकों की सड़कें बारिश में रही जलमग्न

नरिया बाजार कुरैश नगर, महेंद्र पुरी ,अयोध्यापुरी, इंद्रपुरी कॉलोनी, ताज कंपाउंड सहित शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में सड़कें जलमग्न हैं। भारी बारिश से आज सदर बाजार क्षेत्र में भी यही स्थिति दिखाई दी। बारिश से जगह-जगह पेड़ उखड़ कर हाई टेंशन लाइन पर गिर गए। बालाजी फीडर पर पेड़ गिर गया वही 11 केवी लाइन पर ग्रास लैंड, एचपीसीएल फीडर लाइन पर भी पेड़ गिरने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।

30 घंटे में हुई 190 मिमी बारिश

सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह 8:00 बजे से सोमवार के 5:00 बजे तक 190 मिली मीटर बारिश हुई। रविवार की सुबह 8:00 बजे तक 108 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, वही सोमवार की सुबह 8:00 बजे के बाद से लेकर साईं 5:00 बजे तक 72 मिलीमीटर बारिश हुई। झांसी जिले में अब तक 245 मिलीमीटर, जालौन जिले में 294 मिलीमीटर तथा ललितपुर जिले में 250 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।

राजघाट 4 मीटर माताटीला बांध 3 मीटर भरा

लगातार हो रही बारिश से बांधों की प्यास बजने लगी है। बारिश से राजघाट बांध 4 मीटर भर गया है। बाद में भोपाल में हो रही बारिश से बेतवा नदी में लगातार पानी आ रहा है वहीं तालबेहट में बने माताटीला बांध में 3 मीटर पानी भर गया है यह पानी आसपास हो रही बारिश से 92 जमा हुआ है बारिश के कारण पारीछा बांध से 60 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है वही 252 से 12000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।

सोनभद्र में मगरमच्छ मिलने से मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के सिरसाई गांव में सोमवार की दोपहर दो बजे के करीब बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर के पास मगरमच्छ दिखने से हड़कंप मच गया। तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई। सूचना मिलने के बाद पहुंचे वनकर्मियों ने घंटे भर की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ने में कामयाबी पा ली। यहां से मगरमच्छ को ले जाकर बेलन नदी से जुड़े मुक्खाफाल के गहरे कुंड में छोड़ दिया गया। वहीं ग्रामीणों को नदी, तालाब और खेत की तरफ जाते समय सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई।

मगरमच्छ की तस्वीर

मगरमच्छ देखकर ग्रामीण रह गए सन्न

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार घोरावल कोतवाली क्षेत्र के सिरसाई गांव में दोपहर दो बजे के करीब तीन-चार ग्रामीण गांव से निकलकर खेत की तरफ जा रहे थे। वन विभाग के लोगों ने बताया कि जैसे ही वह गांव से सटे बीएसएनल के मोबाइल टावर के पास पहुंचे। पास के खेत में मगरमच्छ को देख सन्न रह गए। खबर मिलते ही गांव के अन्य लोग भी पहुंच गए और थोड़ी ही देर में मौके पर दर्जनों ग्रामीणों की भीड़ पहुंच गई।

ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी

ग्रामीणों ने वहां से मगरमच्छ को भगाने का प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। ग्रामीणों ने ज्यादा प्रयास किया तो मगरमच्छ हमले की मुद्रा में आने लगा। यह देख ग्रामीण वहां से पीछे हट गए। उसके बाद मामले की जानकारी घोरावल रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सुरजू प्रसाद को दी गई।

उनके निर्देश पर पहुंचे वन्य जीव रक्षक शैलेंद्र सिंह लोधी, वनकर्मी भैरो, रामपोश मुनीम की टीम वहां पहुंची। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग और लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ लिया गया। मगरमच्छ को पकड़ता देखने के लिए आसपास के गांव के लोग भी पहुंच गए। सभी को दूर रहने की हिदायत देते मगरमच्छ को ले जाकर शाम को मुक्खाफाल के पास स्थित बेलन नदी के गहरे कुंड में छोड़ दिया गया।

वन विभाग टीम ने मगरमच्छ को खेतों में ले जाकर छोड़ दिया

वन दारोगा राजन मिश्रा के मुताबिक सिरसाई गांव में पकड़े गए मगरमच्छ को मुक्खा फाल के पास स्थित खेतों में ले जाकर छोड़ दिया गया है। घोरावल का इलाका मगरमच्छों के मामले में काफी संवेदनशील है। इसलिए ग्रामीणों से नदी, तालाब, खेत और रात को घर से बाहर जाते समय बेहद सावधानी से चलने की सलाह दी गई है।

नर प्रजाति का है मगरमच्छ

उन्होंने बताया कि पकड़ा गया मगरमच्छ नर प्रजाति का है। उसकी लंबाई सात फीट और उम्र तीन वर्ष है। बता दें कि घोरावल महज इस वर्ष अब तक ढाई सौ से अधिक मगरमच्छों को नदी से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वही माह भर पूर्व मूर्तिया गांव में मगरमच्छ के हमले में एक महिला की जान भी जा चुकी है

Divyanshu Rao

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