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मर गई इंसानियत! लाश ले दर-दर भटकता रहा रिक्शा चालक

Rishi
Published on: 10 Oct 2017 8:33 PM IST
मर गई इंसानियत! लाश ले दर-दर भटकता रहा रिक्शा चालक
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कानपुर : एक रिक्शा चालक अपने रिक्शे में लाश लाद घंटों भटकता रहा लोगों से रास्ता पूछता रहा। लेकिन किसी ने उसे सही रास्ता नहीं बताया। जीआरपी ने शव तो रिक्शे पर रखवा दिया लेकिन उसके साथ पोस्टमार्टम हाउस तक जाने की जहमत नहीं उठाई। रिक्शा चालक शहर में नया था और उसे पोस्टमार्टम हाउस का रास्ता भी नही पता था। रिक्शा चालक जब किसी तरह बॉडी लेकर पोस्टमार्टम पहुंचा, तो वहां जीआरपी का कोई सिपाही उसे नजर नहीं आया। काफी इंतजार करने के बाद सिपाही वहां पहुंचे।

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ये हैं मामला

गोविन्दपुरी रेलवे स्टेशन पर सोमवार देर रात एक 35 वर्षीय युवक का शव मिला। मंगलवार को जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जीआरपी चौकी इंचार्ज प्रदीप कुमार राही ने बताया कि यह अज्ञात शव था जिसकी उम्र लगभग 35 साल थी। हमने शव को लिखा पढ़ी में जीआरपी सिपाही नीरज और कृष्ण देव की सुपुर्दगी में पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा था। लेकिन यह दोनों सिपाही नही गए, तो इस काम के लिए अखिलेश नाम के सिपाही को भेजा। उन्होंने बताया कि मुझे नही पता कि बॉडी को रिक्शे से भेजा गया है।

रिक्शा चालक ने बताया कि मै औरैया से जल्द ही आया हूं। मुझे शहर के रास्ते ठीक से पता नहीं है लेकिन पुलिस वालों ने जबरन मेरे रिक्शे पर शव को लाद दिया। शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस जा रहा हूं। काफी देर से इधर उधर भटक रहा हूं बड़ी मुश्किल से पोस्टमार्टम हाउस मिला है। मेरे साथ कोई भी पुलिस कर्मी नहीं है कोई रास्ता भी नहीं बता रहा है।

सीओ जीआरपी राजेश कुमार द्विवेदी कहते हैं- शव के साथ कोई जीआरपी सिपाही नहीं था। ये बात मेरी जानकारी में आई हैं। इसकी जाँच करा कर उचित कार्यवाई की जाएगी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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