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UP News: एक्शन मोड में सीएम योगी, रियलिटी चेक में 14 DM और 16 SP को शासन ने जारी किया नोटिस
सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम व एसएसपी, एसपी को सुबह 9 बजे से 12 तक अपने दफ्तर में मौजूद रहकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका निस्तारण करने को अनिवार्य किया।
UP News: बदले बदले से निजाम नजर आ रहे हैं। जी हां हम यहां बात कर रहे हैं सूबे के सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) की। अब सीएम योगी की कार्यशैली में सख्तपन नजर आ रहा है। जनता भी यही चाहती है कि सीएम अपने मातहत अधिकारियों पर विश्वास तो करें लेकिन अंधविश्वास नहीं। जब इस नजरिये से सीएम सूबे के प्रशासन व पुलिस अमले को डील करेंगे तो उन्हें खुद अपने इन अधिकारियों की कार्यशैली की असली तस्वीर देखने को मिलेगी। आज शक्रवार को अपने कराए गए रियल्टी चेक में सीएम को जिलों में बैठे प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली की सच्चाई की कुछ तस्वीर पता चली है।
सीएम योगी के रियल्टी चेक में कई जिलों डीएम-एसएसपी हुए फेल
सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम व एसएसपी, एसपी को सुबह 9 बजे से 12 तक अपने दफ्तर में मौजूद रहकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका निस्तारण करने को अनिवार्य किया । इसके बाद भी कुछ अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। सीएम योगी के इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ जब आज शुक्रवार को सीएम योगी की तरफ से कराए गए रियलिटी चेक में 30 जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान गैरहाजिर मिले हैं। 14 डीएम और 16 कप्तान अपने दफ्तरों में नहीं पाए गए।
9 बजे से 12 बजे के बीच अनुपस्थित डीएम एसपी को भेजा जा रहा है नोटिस
सीएम योगी के निर्देश पर सभी जिलों के डीएम और कप्तान की लोकेशन ली गई। इसमें पता चला कि कई जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान यानी एसपी और एसएसपी अपने दफ्तरों में मौजूद नहीं हैं। अधिकारियों के दफ्तर में लगे लैंडलाइन फोन पर कॉल कर अधिकारियों की लोकेशन पता की गई। मुख्यमंत्री के कार्यालय और मुख्य सचिव के कार्यालय से जिलाधिकारियों की लोकेशन चेक की गई।एसपी और एसएसपी की लोकेशन के लिए अपर मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी कार्यालय और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के कार्यालय से फोन किया गया।
पहली बार सुबह साढ़े 9 बजे और दूसरी बार 10 बजे के बाद फोनकर अधिकारियों के बारे में पूछा गया कि वह आफिस में हैं या नहीं। पता चला कि कई जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी दफ्तरों में मौजूद नहीं थे। दफ्तरों से गौरहाजिर रहे डीएम और पुलिस कप्तान को लेकर सीएम योगी सख्त हो गए हैं। सभी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। माना जा रहा है कि सही जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
जिलों में सरकारी योजनाओं के किर्यान्वयन का भी हो रियल्टी चेक
आज शुक्रवार को सीएम योगी ने सूबे के जनपदों में तैनात डीएम व एसपी की लोकेशन का जो रियल्टी चेक करवाया है, उससे अधिकारियों के मध्य एक हड़कम्प की स्थिति देखी जा रही है।अब सीएम योगी को जनपदों में अब तक क्रियान्वित की गयीं सरकारी योजनाओं की स्थितियों का भी रियल्टी चेक करना चहिए। तब सच सीएम योगी के समक्ष सही तस्वीर आ पायेंगी। अब तक सीएम अधिकारियों एक कॉकस के बाहर निकल कर कुछ देख ही नहीं पा रहे हैं। क्योंकि ये अधिकारी उन्हें वह सच्चाई देखने ही नहीं दे रहे हैं।जिस सच्चाई की तस्वीर सूबे के निजाम को देखनी चहिए।चाहे पीएम आवास वितरण का मामला हो या सरकार के जिलों में वितरित किये गए इज्जतघर के वितरण का मामला हो, ऐसी तमाम योजनाओं में इन अधिकारियों ने सरकार की फ़ज़ीहत ही करवा रखी है।
महिला डेस्क भी है सफेद हाथी
सीएम योगी ने महिलाओं की समस्याओं का जल्द निस्तारण के लिए सूबे के प्रत्येक थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना करवाई है। ये महिला हेल्प डेस्क आज पीड़ित महिलाओं के शोषण का प्रतीक बनकर रह गईं हैं।
अधिकारियों के इस कॉकस को तोड़ना ही होगा
ऐसा नहीं है कि लखनऊ में बैठे अधिकारी इस सच्चाई से अवगत नहीं है।सब को सब पता है।लखनऊ में बैठे पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी जानते हैं कि राजधानी के थानों में तैनात एसएचओ पीड़ितों के प्रति कितने सम्वेदनशील हैं?महिला हेल्प डेस्क पीड़ित महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार कर रही है? लेकिन सब मैनेज कर सरकार को अंधेरे में रखा जा रहा है।यही हाल लखनऊ में बैठे उन उच्च प्रशासनिक अधिकारियों का भी है , ये सब जानते हैं कि किस जिले में सरकार की किस योजना में गड़बड़ किया है। लेकिन ये सब मैनज कर फाल्स आंकड़े प्रस्तुत करते हैं।