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UP Lawyers Strike: आज खत्म हो सकती है यूपी में अधिवक्ताओं की हड़ताल, सरकार और वकीलों के बीच बनी सहमति
UP Lawyers Strike: उत्तर प्रदेश में आज वकीलों की हड़ताल खत्म हो सकती है। दरअसल, सरकार और वकीलों के बीच मांगों को लेकर वार्ता हुई है।
UP Lawyer Strike: उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में पिछले करीब पंद्रह दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल आज यानि मंगलवार को खत्म हो सकती है। दरअसल, हापुड़ में वकीलों के साथ हुई घटना के बाद लखनऊ, प्रयागराज और बनारस समेत प्रदेश के कई जिलों में वकील हड़ताल कर रहे हैं। इसके चलते कई बड़े मामलों की सुनवाई भी टालनी पड़ी। सरकार वकीलों की प्रमुख मांगे मानने के लिए तैयार है। इस पूरे मामले में कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में आसी घटनाएं न हो इसके लिए भी रणनीती बनाई जाएगी। वकीलों की इस मामले में मुख्य सचिव से वार्ता हुई है।
यूपी बार काउंसिल ने प्रदेश सरकार के समक्ष कुछ शर्तों के आधार पर सोमवार से हड़ताल खत्म करने का फैसला किया था। हालांकि लखनऊ बार एसोसिएशन इस फैसले के खिलाफ था। महामंत्री कुलदीप नारायण मिश्र का कहना है कि जब तक सरकार मांगे सुनने के बाद उनको पूरा करने का आश्वासन नहीं देती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में वकीलों ने भी 15 सितंबर तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान कर दिया है। लखनऊ बार एसोसिएशन के साथ अवध बार एसोसिएशन, फैमिटी कोर्ट और सेंट्रल बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों हड़ताल स्थगित करने के खिलाफ हैं।
क्या था पूरा मामला?
हापुड़ में 26 अगस्त 2023 को महिला वकील प्रियंका त्यागी अपने पिता के साथ कार से जा रही थीं। इसी बीच रास्ते में सिपाही मोहित से साइड देने को लेकर कहासुनी हो गई। जिसका एक वीडियो भी सामने आया था, वीडियो में वकील प्रियंका, सिपाही मोहित की नेमप्लेट नोचतीं दिख रही थीं। सिपाही ने वकील प्रियंका के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। वकीलों ने भी सीओ सिटी को 28 अगस्त 2023 को ज्ञापन देकर एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। इसी क्रम में सैकड़ों वकीलों ने 29 अगस्त 2023 को नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। जाम की सूचना पर एसडीएम सुनीता सिंह, एएसपी मुकेश मिश्रा, सीओ सिटी अशोक सिसोदिया कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारी वकीलों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान एक वकील ने महिला पुलिसकर्मी की नेमप्लेट नोचकर अभद्रता शुरू की दी और यहीं से मामला बिगड़ गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद 30 अगस्त को प्रदेश भर के वकील हापुड़ की घटना के विरोध में प्रदर्शन किए थे।