UP Lok Sabha Election: 2019 में 17 में से 12 सीटों पर कांग्रेस की जमानत हुई थी जब्त, इस बार क्या कमाल दिखा पाएगी पार्टी

UP Lok Sabha Election: अखिलेश यादव प्रेशर पॉलिटिक्स में कामयाब रहे हैं जिसके बाद कांग्रेस 17 सीटों पर ही गठबंधन करने के लिए तैयार हो गई। पार्टी 20 सीटों की मांग पर अड़ी हुई थी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 22 Feb 2024 7:11 AM GMT
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Akhilesh Yadav and Rahul Gandhi (photo: social media )

UP Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश में गठबंधन टूटने की तमाम अटकलों के बीच आखिरकार सपा और कांग्रेस ने हाथ मिलाने का ऐलान कर दिया है। दोनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक कांग्रेस 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जबकि 63 सीटें सपा के खाते में गई है। दोनों दलों के नेताओं ने गठबंधन का ऐलान करते हुए अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को मजबूत चुनौती देने की बात कही मगर यह अभी कहा जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रेशर पॉलिटिक्स में कामयाब रहे हैं जिसके बाद कांग्रेस 17 सीटों पर ही गठबंधन करने के लिए तैयार हो गई। हालांकि पार्टी 20 सीटों की मांग पर अड़ी हुई थी।

मजे की बात यह है कि कांग्रेस के हिस्से में जो 17 लोकसभा सीटें आई हैं,उनमें से 12 सीटें ऐसी हैं जिन पर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो गई थी। दूसरी और यदि सपा के नजरिए से देखा जाए तो इनमें से सात सीटों पर सपा अपने 32 साल के इतिहास में कभी नहीं जीत सकी। बाकी 7 सीटों पर सपा को सिर्फ एक बार जीत हासिल हुई है जबकि बाकी तीन सीटों पर पार्टी ने दो-दो बार जीत हासिल की है।

अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का ट्रैक रिकार्ड अच्छा नहीं

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन में कांग्रेस को जो 17 सीटें हासिल हुई हैं, उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया की सीटें शामिल हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से अधिकांश सीटों पर हाल के चुनावों में पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।

अब इसे कांग्रेस की मजबूरी कहा जाए या गठबंधन धर्म निभाने की जिम्मेदारी कि कांग्रेस नेतृत्व ने इन सीटों को लेकर भी सपा के साथ गठबंधन कर लिया है। सपा के साथ समझौता करके कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन को तो बचा लिया है मगर यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अपनी साख बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं।

12 सीटों पर तो जमानत हो गई थी जब्त

यदि 2019 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कांग्रेस के हिस्से में आई 17 सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। इनमें से 12 सीटों पर तो पार्टी प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी। इनमें से एक सीट तो ऐसी भी थी जहां पार्टी ने चुनाव तक नहीं लड़ा था।

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सिर्फ रायबरेली सीट जीतने में कामयाब हो सकी थी। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश सिंह को 1,67,000 मतों से हराकर जीत हासिल की थी।

इस बार क्या कमाल दिखा पाएगी पार्टी

सबसे बड़ा उलटफेर तो अमेठी में देखने को मिला था जहां भाजपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी को पटखनी दे दी थी। स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,120 मतों से हराया था। मथुरा संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी महेश पाठक को मात्र 28,084 वोट ही मिले थे। प्रयागराज में कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शुक्ला को सिर्फ 31,953 वोट मिले थे जबकि महाराजगंज में कांग्रेस की मुखर प्रवक्ता मानी जाने वाली सुप्रिया श्रीनेत को मात्र 72,516 वोट ही हासिल हुए थे।

वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने 14.41 फीसदी के साथ 1,51,800 मत हासिल किए थे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन 17 सीटों पर कांग्रेस इस बार क्या कमाल दिखा पाती है और पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी साख बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं।

सात सीटों पर सपा को कभी नहीं मिली जीत

दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव के नजरिए से देखा जाए तो वह कांग्रेस पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं क्योंकि सपा इन 17 सीटों में से 7 सीटों पर कभी जीत नहीं सकी है। सात सीटों पर पार्टी को सिर्फ एक बार जीत मिली है जबकि बाकी बची तीन सीटों पर ही पार्टी दो-दो बार जीत हासिल करने में कामयाब रही है।

कांग्रेस की ओर से सपा पर मुरादाबाद, बिजनौर और बलिया लोकसभा सीटों के लिए दबाव बनाया जा रहा था मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव इन सीटों को देने के लिए तैयार नहीं हुए। मुरादाबाद सीट पर पिछली बार सपा को जीत हासिल हुई थी जबकि बलिया लोकसभा क्षेत्र को भी सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है।

सपा ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटों पर सीमित करने के साथ ही मध्य प्रदेश में खजुराहो की लोकसभा सीट भी हासिल कर ली है। इस तरह अखिलेश कांग्रेस पर दबाव बनाने में कामयाब हुए हैं।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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