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Lucknow News: भ्रष्टाचारियों पर चला प्रशासन का डंडा, 15 इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Lucknow News: सिंचाई विभाग और जल निगम में भ्रष्टाचार करने वाले 15 इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। तीन मुकदमे जल निगम के इजीनियरों की आय से अधिक संपत्ति से जुड़े हैं।

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Newstrack Network
Published on: 27 Jun 2024 10:46 AM IST (Updated on: 27 Jun 2024 10:59 AM IST)
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सीएम योगी। (Pic: Social Media)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है। भ्रष्टाचार के मामले में सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। सिंचाई विभाग और जल निगम में भ्रष्टाचार करने वाले 15 इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। इनमें 14 पूर्व और एक वर्तमान अभियंता शामिल हैं। 15 में से तीन मुकदमे जल निगम के इजीनियरों की आय से अधिक संपत्ति से जुड़े हैं। वहीं सिंचाई विभाग के 12 रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट और एक मौजूदा इंजीनियर पर आवंटित राशि से अधिक का अनुबंध करने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। ये मुकदमा विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर ने दर्ज किया है।

इस वजह से हुआ 12 इंजीनियरों पर केस

बता दें कि उप्र वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के दूसरे चरण के काम के लिए सरकार ने पैसे का आंवटन किया था। मगर शासन ने आवंटित राशि से ज्यादा का अनुबंध कर दिया। इस मामले की शिकायत पर शासन ने 2019 में विजिलेंस टीम को जांच करने का आदेश दिए था। जांच करने पर आरोप सही साबित हुए। इसके बाद विजिलेंस टीम ने इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी। 2019 में शुरु हुई जांच में मुकदमा करने की अनुमति 18 अप्रैल 2024 को मिली। अनुमति मिलने पर विजिलेंस लखनऊ सेक्टर निरीक्षक ने 12 रिटायर्ड इंजीनियरों के खिलाफ कल मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि अभियंताओं ने 2013 में परियोजना से संबंधित शासनदेश में दिए गए आदेश का पालन नहीं किया। जिसके चलते सरकरा को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।

इन 12 अभियंताओं पर मुकदमा

अलीगढ़ में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता बलराम सिंह यादव, रामगंगा सिंचाई विभाग कानपुर के ताकालीन मुख्य अभियंता कुणाल कुलश्रेष्ठ, अवध राज यादव, अनिल कुमार, रणवीर सिंह, इटावा सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता कुलजीत। सिंह, कानपुर सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र शर्मा, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) आदेश कुमार गोयल, शारदा सहायक सिंचाई कार्यमंडल लखनऊ के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव, अधीक्षण अभियंता नीरज कुमार, ललितपुर सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता महेंद्र कुमार निगम और झांसी के तत्कालीन मुख्य अभियंता बेतवा नवनीत कुमार।

आय से अधिक संपत्ति में तीन पर केस

12 इंजीनियरों के साथ ही तीन अन्य पर आय से अधिक संपत्ति होने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें जल निगम के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता अजेय रस्तोगी, जल निगम की सीएंडडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजायन सर्विसेज) इकाई के उत्कालीन परियोजना प्रबंधक कृष्ण कुमार पटेल (सेवानिवृत्त) और सेवारत कमलेश कुमार केशरी का नाम शामिल है। शासन ने 12 जून 2020 को जल निगम के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के खिलाफ जांच के आदेश दिया था। विजीलेंस की जांच में पता चला कि अजय रस्तोगी ने अपनी आय से 65,90,392 रुपए कमाए। जबकी उन्होंने 1,13,17,690 रुपए खर्ज किए। जांच में उन्होंने इस अंतर का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वहीं कमलेश कुमार केशरी के पास 58.60 लाख वैध रुपए हैं और उनका खर्च 1.78 करोड़ पाया गया। जांच के बाद दोनों पर केस दर्ज कर लिया गया है।



Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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