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हर साल टीबी पर खर्च होते हैं एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए: मंत्री सिद्धार्थ नाथ

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने शुक्रवार (04 अगस्त) को क्षय रोगी खोज अभियान का शुभारंभ किया।

tiwarishalini
Published on: 4 Aug 2017 6:01 PM IST
हर साल टीबी पर खर्च होते हैं एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए: मंत्री सिद्धार्थ नाथ
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हर साल टीबी पर खर्च होते हैं एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए: मंत्री सिद्धार्थ नाथ

नोएडा: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने शुक्रवार (04 अगस्त) को क्षय रोगी खोज अभियान का शुभारंभ किया। अभियान सिर्फ नोएडा के लिए ही नहीं बल्कि पांच जिलों में एक साथ शुरू किया गया। इस असवर पर सेक्टर-44 स्थित महामाया बालिका इंटर कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।



इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हर साल देश में एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए टीबी उन्मूलन के लिए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। देश में टीबी के मरीजों का पांचवा भाग यूपी है। लिहाजा प्रदेश में टीबी को जड़ से मिटाना है।



इसके लिए एक साथ 06 जिलों में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। पहले चरण में 10 प्रतिशत आबादी में टीबी के मरीजों को खोजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े काफी नहीं है। ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी टीबी के कार्यक्रम और मरीजों के आंकड़ों के लिए पंजीकृत किया जाएगा। तंबाकू का सेवन खतरनाक है। लिहाजा तंबाकू उत्पादन करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगना चाहिए।



उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 70 साल हो गए। लेकिन अब भी हम टीबी जैसी बीमारी का खात्मा नहीं कर सके। इसकी वजह जागरूकता में कमी है। उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना के तहत लोगों को गैस सिलेंडर बांटे गए। एक बार चूल्हे से निकलने वाला धूआं 400 सिगरेट के बराबर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि शहर में जितने हॉस्पिटल्स हैं उनको चलाने के लिए डॉक्टर्स की जरूरत है। डॉक्टर्स की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के सीएम योगी अदित्यनाथ के निर्देशों पर प्रदेश के छह जिलों में क्षय रोगी खोज अभियान की शुरुआत की गई है।



क्या बोले केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा?

केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि क्षय रोग (टीबी) को लेकर हमारे देश में जागरूकता की बेहद कमी है। टीबी पूरी तरह से इलाज से समाप्त किया जा सकता है। लेकिन इससे पीड़ित लोग बीच में ही इलाज छोड़ देते है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक बार उनके पास एक व्यक्ति उपचार के लिए आया। उन्होंने उसे बताया कि उसकी सब जांच सही है। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से एक बार टीबी की जांच करा ले। यह सुनने ही व्यक्ति ने टीबी की जांच के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी देश से समाप्त करने के लिए हमे कड़ी मेहनत करनी होगी। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की खोज की जाएगी। इसके साथ ही उसका उचित उपचार किया जाएगा।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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