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UP MLC By-Election 2023: एमएलसी की दो सीटों के लिए भाजपा – सपा के उम्मीदवारों ने भरा नामांकन, इनको मिला टिकट

UP MLC By-Election 2023: भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद के उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारो की नाम को घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों ने गुरुवार को नामांकन भी दाखिल किया।

Krishna Chaudhary
Published on: 18 May 2023 7:49 PM IST (Updated on: 19 May 2023 3:52 PM IST)
UP MLC By-Election 2023: एमएलसी की दो सीटों के लिए भाजपा – सपा के उम्मीदवारों ने भरा नामांकन, इनको मिला टिकट
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नामांकन भरते प्रत्याशी (फोटो-आशुतोष त्रिपाठी)

UP MLC Election 2023: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारो की नाम को घोषणा कर दी है। बीजेपी ने जहां पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है, वहीं सपा ने रामजतन राजभर और राम करण पर दांव खेला है। बीजेपी उम्मीदावरों ने सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। सपा प्रत्याशी भी नामांकन दाखिल कर चुके हैं।

दरअसल, विधान परिषद के एक सदस्य की मृत्यु हो जाने और दूसरे के इस्तीफा देने के कारण दो सीटें रिक्त हुई हैं। बीजेपी के लक्ष्मण आचार्य ने सिक्किम के राज्यपाल का पद संभालने के लिए विधान पार्षद के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था। वहीं, दूसरे सदस्य बनवारी लाल दोहरे का निधन हो गया था और उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था दोनों सीटों पर मतदान 29 मई को होंगे। उसी के बाद नतीजे घोषित होंगे।

कौन हैं दोनों बीजेपी के उम्मीदवार ?

विधान परिषद सदस्य के लिए बीजेपी के पहले उम्मीदवार पद्मसेन चौधरी लोकसभा सांसद रह चुके हैं। बहराइच से आने वाले चौधरी के पिता रूद्रसेन जनसंघ और बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं। वे भी सांसद रह चुके हैं। पद्मसेन चौधरी ने 1996 में पिता के निधन के बाद बहराइच से सांसदी का चुनाव जीता था। वे संगठन में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं।

बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार कुंवर मानवेंद्र सिंह को सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। बुंदेलखंड से आने वाले सिंह दो बार एमएलसी और विधायक रहे चुके हैं। साल 1985 में वह पहली बार झांसी से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे। इसके अलावा वे भी संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इन्हें बुंदेलखंड डेवलपमेंट बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया था।

सपा ने साधा जातीय समीकरण

रामचरितमानस को लेकर उपजे विवाद के बाद से समाजवादी पार्टी ने पिछड़ों को साधाना शुरू कर दिया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निशाने पर वो गैर-यादव पिछड़ी जातियां जो फिलहाल बीजेपी की ओर झुकी हुई हैं। इसी वर्ग को साधने के लिए उन्होंने मऊ निवासी पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर को उम्मीदवार बनाया है। ताकि पूर्वांचल के अति पिछड़े वर्ग तक उनका संदेश पहुंच चुके। इसी प्रकार सपा ने अपने दूसरे प्रत्याशी को भी ऐसे ही वर्ग से चुना है। सपा के दूसरे उम्मीदवार रामकरण निर्मल हैं, जो कि धोबी बिरादरी से आते हैं।

बीजेपी की जीत तय

विधान परिषद की यह दोनों सीटें उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की हैं। विधानसभा के कुल विधायकों में से 255 अकेले भाजपा के हैं, सहयोगी दलों के नंबर मिला लिए जाएं तो ये आंकड़ा बढ़कर 273 हो जाता है। एमएलसी चुनाव में जीत के लिए 202 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। ऐसे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की दोनों सीटों पर फतह तय है।



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